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Explainer: दो साल की सजा से लेकर 136 दिन बाद सदन में एंट्री! कितना बढ़ा राहुल गांधी का कद.. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

136 दिनों के बाद राहुल गांधी की सदन में वापसी हुई है. राहुल गांधी की संसद में वापसी से पूरा कांग्रेस महकमा खुश है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी का निसंदेह हाल के दिनों में कद बढ़ा है. ऐसे में सवाल है कि क्या अलगे साल लोकसभा चुनाव में उनकी बढ़ी हुई क्षवि कांग्रेस को फायदा पहुंचाने में कामयाब होगी.

Explainer: 136 दिनों तक सदन से बाहर रहने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदन में वापसी हुई है. बीते शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराये जाने के गुजरात कोर्ट के फैसले को रोक दिया था. इसी के साथ राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता एक बार फिर बहाल हो गई. गौरतलब है कि इसी साल 24 मार्च को गुजरात में सूरत के मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम मानहानि केस में दो साल की सजा सुनाई थी. बता दें, राहुल गांधी केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद हैं. उन्होंने साल 2019 में एक कार्यक्रम के दौरान मोदी सरनेम पर टिप्पणी थी की थी. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद सोमवार को वो निचले सदन की बैठक में शामिल हुए.

लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुए राहुल, मंगलवार को सदन में बहस की करेंगे शुरुआत
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कल यानी मंगलवार को लोकसभा में होने वाली अविश्वास प्रस्ताव चर्चा में बोलेंगे. संभावना जताई जा रही है कि वह कल सदन में कांग्रेस की ओर से बहस की शुरुआत करेंगे. गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का फैसला दिया है. सदस्यता बहाल होने के करीब डेढ़ घंटे के भीतर ही राहुल संसद भवन पहुंचे. सदन पहुंचकर राहुल ने पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को नमन किया. इसके वे कार्यवाही में हिस्सा लेने लोकसभा पहुंचे. इस दौरान सदन में कांग्रेस सांसदों ने राहुल गांधी का जोरदार स्वागत किया.  

कर्नाटक में मोदी सरनेम को लेकर क्या दिया था बयान
राहुल गांधी अपने जिस बयान को लेकर सदन से 136 दिन दूर रहे, उनकी सांसद पद चला गया और उन्हें अपना सरकारी आवास भी छोड़ना पड़ा था, वो बयान जिन्होंने मई 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरनेम को लेकर कर्नाटक में दिया था. कर्नाटक में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने राहुल ने ललित मोदी, नीरव मोदी को लेकर एक टिप्पणी की थी. इसी बयान के बाद राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया गया था. इसी बयान को लेकर गुजरात बीजेपी के नेता सह विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था. जिस पर सुनवाई करते हुए सूरत की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी.

राहुल गांधी मामले में कब क्या हुआ

  • साल 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक की एक रैली में मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी की थी

  • इस मामले में पूर्णेश मोदी नाम के बीजेपी नेता ने राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज कराया.

  • साल 2023 में राहुल गांधी सूरत मेट्रोपॉलिटन कोर्ट कोर्ट में पेश हुए.
    सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी से इस मामले में माफी मांगने को कहा, लेकिन राहुल नहीं तैयार हुए.

  • कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई.

  • सूरत हाईकोर्ट से राहुल गांधी को जमानत मिली हालांकि, कोर्ट ने सजा बरकरार रखीराहुल गांधी की संसद सदस्य खारिज हो गई, उन्हें आवास भी खाली करना पड़ा.

  • सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई हुई, उच्चतम न्यायालय ने सजा पर रोक लगा दी.

राहुल गांधी की सदन वापसी का जोरदार स्वागत

मल्लिकार्जुन खरगे
राहुल गांधी की संसद में वापसी से पूरा कांग्रेस महकमा खुश है. कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी का सोमवार को सदन में जोरदार स्वागत किया. कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा गया है कि वह चाहती है कि राहुल गांधी लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में मुख्य वक्ता हों. इसी कड़ी में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने का स्वागत किया गया है. उन्होंने कहा कि इससे भारत के लोगों, खासकर वायनाड संसदीय क्षेत्र की जनता को राहत मिली है. खरगे ने कहा कि बीजेपी और मोदी सरकार के कार्यकाल का अब जो भी समय बचा है, उन्हें उसका उपयोग विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें शासन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

प्रियंका गांधी वाड्रा
राहुल को मिली राहत से उनकी बहन और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी खुशी जाहिर की है. प्रियंका ने कहा कि देश की जनता के असल मुद्दों की आवाज एक बार फिर संसद में गूंजेगी. प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि देश की जनता के असल मुद्दों की आवाज एक बार फिर संसद में गूंजेगी. राहुल गांधी जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करने वाले लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं व इन्साफ और सच की लड़ाई में समर्थन देने वाले करोड़ों देशवासियों का तहे दिल से धन्यवाद.

राहुल की लोकसभा में वापसी लोकतंत्र की जीत
इधर, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के वरिष्ठ नेताओं विजय वडेट्टीवार और अशोक चव्हाण ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता फिर से बहाल होने पर कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है. उन्होंने कहा कि इससे विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’(I-N-D-I-A) मजबूत हुआ है. वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के नेता अरविंद सावंत ने भी संसद के निचले सदन में राहुल गांधी की वापसी का स्वागत किया. बता दें, निचले सदन में केरल की वायनाड सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले राहुल गांधी के संसद में पहुंचने पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.

कश्मीर राहुल महबूबा
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी बधाई दी है. महबूबा ने कहा कि वह संसद में उन्हें जनता के मुद्दों पर शेर की तरह दहाड़ते हुए देखना चाहती हैं. गुजरात की एक अदालत ने मार्च में राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराया था और दो साल जेल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. किसी सांसद या विधायक को दो साल या उससे ज्यादा की सजा सुनाये जाने के बाद वह सदन की सदस्यता के लिये अयोग्य हो जाता है.

अशोक गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने का स्वागत करते हुए इसे सत्य की जीत बताया है. गहलोत ने ट्वीट कर कहा है कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होना सत्य की जीत है. राहुल गांधी के संघर्ष और जनता के अपार समर्थन ने एक हठी सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया. गहलोत ने कहा है कि राहुल गांधी जी के माध्यम से संसद में जनता की आवाज फिर से गूंजेगी और आमजन के हित की बात उठाएगी. जबकि, राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ट्वीट कर कहा कि सत्य की जीत हुई. संसद में फिर जनता की आवाज बुलंद होगी. राहुल गांधी की संसद की सदस्यता बहाल होने से लोकतंत्र को बचाने और जनता के मुद्दों को उठाने के लिए किए जा रहे संघर्ष को नया बल मिलेगा.

क्या है पूरा घटनाक्रम, जानें कब क्या हुआ
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम टिप्पणी को लेकर 2019 में दायर मानहानि के मुकदमे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोष सिद्धि पर शुक्रवार को रोक लगा दी है जिससे उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है.राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के मुकदमे की सुनवाई का घटनाक्रम ऐसा है.

  • 13 अप्रैल, 2019 कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि ‘नीरव मोदी हो, ललित मोदी हो या नरेन्द्र मोदी, सभी चोरों के उपनाम मोदी क्यों हैं?

  • 15 अप्रैल, 2019 – सूरत से भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी ने इस टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का फौजदारी मुकदमा दर्ज कराया.
    07 जुलाई, 2019- मानहानि मामले में राहुल गांधी पहली बार सूरत की मेट्रोपॉलिटन अदालत में पेश हुए.

  • 23 मार्च, 2023- सूरत मेट्रोपॉलिटन अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि का दोषी करार देते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई.

  • 24 मार्च, 2023- अदालत से दोषी करार दिए जाने और दो साल की सजा सुनाये जाने के बाद राहुल गांधी को संसद की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया.

  • 02 अप्रैल, 2023: राहुल गांधी ने मेट्रोपॉलिटन अदालत के फैसले को सूरत की सत्र अदालत में चुनौती दी. यह मामला और दोष सिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध अभी अदालत में लंबित है.

  • 20 अप्रैल, 2023: सूरत की सत्र अदालत ने राहुल गांधी को जमानत दी, लेकिन दोष सिद्धि पर रोक लगाने से इंकार किया.

  • 25 अप्रैल, 2023: राहुल गांधी ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर की.

  • 07 जुलाई, 2023: गुजरात उच्च न्यायालय ने दोष सिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी.

  • 15 जुलाई, 2023: राहुल गांधी ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी, दलील दी कि अगर इस पर स्थगन नहीं लगाया गया तो यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर करारा प्रहार होगा.

  • 21 जुलाई, 2023: सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात के मंत्री पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया, लेकिन उनकी दोष सिद्धि पर स्थगन लगाने से इनकार किया.

  • 04 अगस्त, 2023: उच्चतम न्यायालय ने राहुल गांधी की दोष सिद्धि पर रोक लगायी जिससे उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाली का रास्ता साफ हो गया है.
    07 अगस्त, 2023: राहुल गांधी 136 दिनों के बाद लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने सदन पहुंचे. कांग्रेस नेताओं ने उनकी जोरदार स्वागत किया.

राहुल गांधी का कितना बढ़ा कद
राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने के बाद उन्होंने सबसे पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मिलने उनके पहुंचे थे. लालू यादव से मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में यह कहा जा रहा है कि भले ही राजनीति में लालू की खास गिरी हो लेकिन विपक्ष में उनकी पूछ अभी भी है. वहीं लालू से मुलाकात के दौरान लालू के एक बयान यह इशारा कर रहा है कि आने वाले समय में ‘इंडिया’ (I-N-D-I-A) गठबंधन के सिरमौर राहुल गांधी को ही बनाया जाएगा. अपनी मजाकिया अंदाज में लालू ने कहा था कि आप दूल्हा बनिये, हम सब बाराती बनेंगे. इसका एक मतलब यह भी लगाया जा रहा है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष एकता की राह सुनिश्चित हो.

देश के लोगों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं राहुल गांधी
जिस दौर में हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक का चुनाव प्रचार जोर शोर से हो रहा था. बीजेपी, कांग्रेस समेत सियासी दल प्रचार में जुटे थे, उस समय राहुल गांधी भारत जोड़ो अभियान पर थे. कन्याकुमारी से जम्मू कश्मीर तक राहुल गांधी देश को एकता के सूत्र में बांधने निकले थे. उनके इस अभियान में देश के कई लोग शामिल हुए थे. देश के हर समुदाय के लोगों ने राहुल के इस कदम का स्वागत किया था. इसका लाभ कांग्रेस को दोनों विधानसभा चुनाव में भी मिला. कई अन्य दलों के नेताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की और उनका साथ देने का वादा किया. राहुल गांधी का कद इस यात्रा से काफी बड़ा हुआ.

राहुल गांधी की आम लोगों के बीच पैठ बनाने की कोशिश
राहुल गांधी इन दिनों आम लोगों के बीच पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने डिलीवरी बॉय के साथ बाइक में सफर भी किया. अमेरिका में ट्रक ड्राइवरों के साथ समय बिताकर उनका हाल जानने की कोशिश की. राहुल गांधी ने दिल्ली के करोल बाग स्थित एक मोटरसाइकिल मैकेनिक की दुकान में भी जाकर उनके साथ समय बिताया. मैकेनिकों से बातचीत भी उन्होंने की. अपने ट्वीट में उन्होंने मुलाकात की तस्वीर शेयर कर कैप्शन में लिखा था  रिंच घुमाने वाले और भारत के पहियों को गतिमान रखने वाले हाथों से सीख रहा हूं.

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राहुल गांधी और मिशन 2024

साफ है कि राहुल गांधी का हाल के दिनों में कद बढ़ा है. कांग्रेस अपने नेता को जिस तरह से पेश कर रही है उससे साफ है कि आने वाले समय में विपक्षी एकता वाले गठबंधन में राहुल गांधी की भूमिका काफी अहम होने वाली है. वहीं, यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या कांग्रेस को फिर से उसी मुकाम पर पहुंचाने में राहुल गांधी कामयाब हो सकेंगे. इसके अलावा लोकसभा चुनाव में उनकी यह क्षवि कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचाएगी. हालांकि उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती पीएम मोदी की विराट क्षवि होगी. ऐसे में देखने वाली बात है कि राहुल गांधी मिशन 2024 को कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए कितना प्रभावशाली होगा.

भाषा इनपुट के साथ

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