GST On Online Gaming: जीएसटी परिषद ने अपनी 51वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग एवं कसीनो में दांव पर लगायी जाने शुरुआती राशि पर एक अक्तूबर से 28 प्रतिशत कर लगाने का फैसला किया. इसके लिए केंद्र सरकार संसद के मौजूदा मानसून सत्र में ही केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव लेकर आयेगी. उसके बाद राज्यों की विधानसभाओं में भी इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी देकर एक अक्तूबर से इसे लागू करने की राह तैयार की जायेगी. हालांकि जीएसटी परिषद की बैठक में तय किया गया कि ऑनलाइन गेमिंग और कसीनो पर जीएसटी लगाने की छह महीने बाद अप्रैल, 2024 में समीक्षा की जायेगी. इसमें यह देखा जाएगा कि नियमों में बदलाव की जरूरत है या नहीं.
जीती गई राशि पर नहीं लगेगा जीएसटी
वित्त मंत्री ने कहा कि कर का निर्धारण खिलाड़ी की तरफ से जमा या भुगतान की गयी राशि वर आधारित होगा और उससे पिछले गेम में जीती गयी राशि को दोबारा दाद पर लगाने को बाहर रखा जायेगा. उदाहरण देते हुए बताया कि मान लिया कि कोई व्यक्ति 1,000 रुपये का दांव लगाता है और वह 300 रुपये जीतता है. फिर वहीं व्यक्ति 1,300 का दांव लगाता है, तब जीएसटी जीती गयी राशि पर नहीं लगेगा.
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सीतारमण ने कहा कि दिल्ली के वित्त मंत्री ने ऑनलाइन गेमिंग पर कर लगाने का विरोध किया जबकि गोवा एवं सिक्किम चाहते थे कि कर गेम के सकल राजस्व (जीजीआर) पर लगाया जाये न कि दांव पर लगी पूरी राशि पर लगे. तीनों राज्यों ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28% कर लगाने के फैसले की समीक्षा की मांग की. हालांकि अन्य राज्यों के सहयोग के बाद इस फैसले को लागू करने का निर्णय लिया गया.
विदेशी गेमिंग कंपनियों के लिए अनिवार्य होगा जीएसटी रजिस्ट्रेशन
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि विदेशी गेमिंग कंपनियों को भी भारत में अपना जीएसटी पंजीकरण कराना होगा. अगर वे ऐसा नहीं करती हैं तो सरकार आइटी अधिनियम का इस्तेमाल कर उनकी वेबसाइट प्रतिबंधित कर देगी. जीएसटी कानून में संशोधन कर ऑनलाइन गेमिंग को परिभाषित किया जाएगा.
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2022 में 2.8 अरब डॉलर था ऑनलाइन गेमिंग का बाजार. वहीं, 50 करोड़ खेलने वाले थे. 2025 तक बाजार पांच अरब डॉलर और खेलने वालों की संख्या 70 करोड़ पहुंचने का अनुमान है.