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बिहार में नौकरी से निकाले जायेंगे 192 कॉलेज शिक्षक और 162 शिक्षकेत्तर कर्मी, विभाग ने प्राचार्यों को भेजा पत्र

उच्च शिक्षा निदेशक द्वारा जारी आदेश के मुताबिक पांच विश्वविद्यालयों से जुड़े कॉलेजों के 192 शिक्षक और 162 से अधिक गैर शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सेवा मुक्त किया जाना है. उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमारी ने यह सख्त आदेश संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों को दिये हैं.

पटना. उच्च शिक्षा निदेशालय ने उन शिक्षकों एवं गैर शिक्षक कर्मचारियों की वेतन मद से बतौर अनुदान राशि दिये जाने वाले परफार्मेंस बेस्ड ग्रांट पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है, जो स्थलीय निरीक्षण के दौरान कॉलेज से बिना बताये अनुपस्थित रहे थे. जब इन कर्मचारियों को नोटिस दिये गये तो इन लोगों ने नोटिस के जवाब भी नहीं दिया. लिहाजा ऐसे शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों के खिलाफ आवश्यक अनुशासनिक कार्यवाही प्रारंभ करते हुए उन्हें सेवा मुक्त करने के लिए शिक्षा विभाग ने कालेजों को आदेश जारी किया है.

पांच विश्वविद्यालयों को भेजा गया पत्र

उच्च शिक्षा निदेशक द्वारा जारी आदेश के मुताबिक पांच विश्वविद्यालयों से जुड़े कॉलेजों के 192 शिक्षक और 162 से अधिक गैर शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सेवा मुक्त किया जाना है. उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमारी ने यह सख्त आदेश संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों को दिये हैं. विश्वविद्यालय के कुल सचिवों को भी यह जानकारी साझा कर दी गयी है. निदेशक डा रेखा कुमारी ने अपने आदेश में साफ किया है कि अनुशासनहीन कर्मचारियों को सेवा मुक्त करने की कार्यवाही कर 30 दिन के अंदर उच्च शिक्षा निदेशालय को सूचित किया जाये.

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इन विश्वविद्यालयों के ऊपर होगी कार्रवाई

पाटलिपुत विश्वविद्यालय- विश्वविद्यालय से संबद्ध बिहटा स्थित बीबीएमबीजी कन्या कन्या महाविद्यालय के निरीक्षण के दौरान खुद प्राचार्य अनुपस्थित मिले थे.

बीएन मंडल विश्वविद्यालय- इस विश्वविद्यालय के बनवारी शंकर महाविद्यालय सिमराहा सहरसा, आदर्श कॉलेज धैलाड़ मधेपुरा, अनूपलाल यादव कॉलेज त्रिवेणीगंज और कलावती स्नातक कॉलेज रानीगंज के निरीक्षण के दौरान 83 शिक्षक और 103 शिक्षकेत्तर कर्मी अनुपस्थित पाये गये थे.

पूर्णिया विश्वविद्यालय- इस विश्वविद्यालय के आठ कॉलेजों मसलन रतनकाली साहा महाविद्यालय किशनगंज , नेशनल डिग्री कॉलेज रामबाग पूर्णियां, एमएचएएन डिग्री कॉलेज ठाकुरगंज पूर्णिया, एमएलडी पीके यादव कॉलेज अररिया, पीपुल्स कॉलेज अररिया, जीरादेवी शीतल साह महिला कॉलेज फॉबिसगंज, एसएनएस वाई डिग्री कॉलेज रामबाग, बीडी कॉलेज राधेश्याम नगर बारसोई कटिहार के निरीक्षण में 72 शिक्षकों पर कार्यवाही की जायेगी. शिक्षकेत्तर कर्मियों की संख्या इससे भी अधिक है.

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय- इस विश्वविद्यालय में बीआरबी महाविद्यालय, नागेंद्र झा महिला कॉलेज लहरिया सराय, पार्वती लक्ष्मी स्नातक कॉलेज मधुबनी,शिवनंदन नंद किशोर मिश्र कॉलेज मधुबनी, लूटन झा कॉलेज मधुबनी और संत कबीर कॉलेज समस्तीपुर का निरीक्षण किया गया इनमें 27 शिक्षक , शिक्षकेत्तर कर्मी 50 कर्मचारियों पर कार्यवाही होगी.

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय- इसके अंगीभूत कॉलेज जगजीवन महाविद्यालय आरा , तपेश्वर सिंह इंदु कॉलेज और जन सहकारी डिग्री कॉलेज में कुल नौ शिक्षक और नौ शिक्षकेत्तर कर्मी पर कार्यवाही तय की गयी है.

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शिक्षा विभाग ने पहले भी लिखा था पत्र

शिक्षा विभाग ने कई बार इस मामले में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. पिछले दिनों ही राज्य के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय एवं नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुल सचिव / समकक्ष पदाधिकारियों को पत्र लिख कर कहा था कि कई कॉलेज ऐसे हैं, जहां से अनुपस्थितों की सटीक जानकारी नहीं मिल रही है. सबसे अहम यह है कि अनुपस्थित पाये गये शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन रोकने संबंधी स्पष्ट सूचना भी नहीं दी जा रही है. इसे विभाग गंभीरता से लेगा. लिहाजा निर्देश दिया जाता है कि जिन संबद्ध कॉलेजों की तरफ से अनुपस्थिति की जानकारी नहीं दी जा रही है, उनके खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की जायेगी.

तीन बजे से पूर्व मांगा गया था उपस्थिति का आंकड़ा

शिक्षा विभाग के सचिव ने अपने पत्र में लिखा था कि विश्वविद्यालय एवं अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों को अनुपस्थिति की जानकारी अपराह्न तीन बजे तक अनिवार्य तौर पर दी जाये. अंगीभूत एवं संबद्ध कॉलेजों को अलग-अलग दर्शाया जाये. शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने निर्देश दिये हैं कि अनुपस्थित शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की संख्या के साथ-साथ निर्धारित प्रपत्र के कॉलम में उनका नाम भी दर्शाया जाये. साथ ही विश्वविद्यालयों से कहा है कि अनुपस्थित पदाधिकारियों का वेतन रोकने संबंधी स्पष्ट आदेश की जानकारी भी दी जाये. शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा निदेशालय से विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रत्येक कार्य दिवस के दौरान सुबह साढ़े नौ बजे चर्चा की जाती है. इस चर्चा का मकसद विश्वविद्यालयों के साथ विभिन्न मसलों के समाधान की कोशिश की जाये.

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