Dhanbad News. सात दिनों बाद एक दिन उठाव के बाद शहर से कचरा हटाने का काम फिर मंगलवार को बंद हो गया. एक अगस्त से डंपिंग के लिए जगह नहीं मिलने से कचरा का उठाव बंद हो गया था. सात अगस्त को एक दिन के लिए कचरा उठा और फिर आठ अगस्त मंगलवार को बंद हो गया. इस बीच निगम क्षेत्र में चार हजार टन कचरा जमा हो गया है. मालूम हो कि प्रति दिन पांच सौ टन कचरा यहां निकलता है. जानकार कहते हैं कि अगर जल्द समस्या का निदान नहीं निकला, तो धनबाद वासियों को महामारी का शिकार होने से कोई रोक नहीं सकता है.
दरअसल, मंगलवार को सिजुआ के बंद खदान में कचरा डंप करने गयी रैमकी की गाड़ी को वहां के लोगों कचरा गिराने नहीं दिया. इस वजह से रैमकी के कर्मी कचरा सहित सभी गाड़ी लेकर लौट गये. हालांकि, इधर-उधर तीन गाड़ी कचरा उन लोगों ने गिराया, पर ग्रामीणों के विरोध के कारण उन लोगों ने कचरा उठाना बंद कर दिया. ज्ञात हो कि 13 साल बाद भी धनबाद नगर निगम को स्थायी डंपिंग यार्ड नहीं मिल सका है. हद यह कि वर्ष 2016 में इस शहर को देशभर में सबसे गंदे शहर का खिताब मिल चुका है.
बांसजोड़ा में कचरा डंप किये जाने का विरोध, नोकझोंक
बांसजोड़ा में कचरा गिराने का ग्रामीणों ने मंगलवार को विरोध किया. इस कारण अधिकारियों को कचरा डंप किये बगैर लौट जाना पड़ा. ग्रामीणों ने कहा कि किसी भी हालत में यहां पर कचरा डंप करने नहीं दिया जायेगा. इस दौरान अधिकारियों और ग्रामीणों के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई. बताया जाता है कि मंगलवार की सुबह डबलू पासवान और रामेश्वर तुरी के नेतृत्व में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और कचरा डंप किये जाने का विरोध किया. थोड़ी देर बाद स्थानीय पुलिस और सिटी मैनेजर शब्बीर आलम, इंस्पेक्टर अनिल कुमार तथा रैमकी कंपनी के जीएम प्रणव पटनायक व सुपरवाइजर आफताब आलम वहां पहुंचे.
पुलिस और अधिकारियों ने ग्रामीणों को काफी समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण नहीं मानें. निगम के अधिकारियों ने कहा कि डीसी, नगर आयुक्त और सिजूआ जीएम के आदेश के बाद ही कचरा डंप किया जा रहा है, लेकिन लोगों ने कहा कि यह जमीन बीसीसीएल की नहीं, उनलोगों की है. इसी ओपेन परियोजना से उनलोगों के घरों के अलावा लोयाबाद के विभिन्न क्षेत्रों में पिट वाटर की आपूर्ति की जाती है. कचरा डंप होने से पानी की परेशानी होगी. इसलिए वो कचरा नहीं गिराने देंगे. अंतत: कचरा लेकर सब वापस हो गये. विरोध करने वालों में गौतम रजक, विशाल महतो, मिथुन महतो, टुल्लु साव, मुश्ताक मंसूरी, आलम मंसूरी, रिजवान मंसूरी, चंद्रिका मंडल, मोहन बाउरी, धर्मेंद्र रजक, सुभाष महतो, सोनू खान, सुनील शुभम, भोला पांडेय, गणेश महतो, मनोज पासवान, मनोज महतो, रूपेश नोनिया, बिट्टू श्रीवास्तव आदि थे.
जब तक डंपिंग क्षेत्र नहीं मिलेगा, कचरा नहीं उठेगा : नगर आयुक्त
इस मामले को लेकर नगर निगम ने बुधवार से शहर से कचरा नहीं उठाने का निर्णय लिया है. नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने कहा कि जब तक कचरा डंप करने की व्यवस्था नहीं होगी, कचरा उठाना संभव नहीं है. बीसीसीएल की ओर से कचरा डंप करने के लिए जहां भी बंद खदान का लोकेशन दिया जाता है, वहां ग्रामीण विरोध करने लगते हैं. ऐसे में कचरा उठाना संभव नहीं है. श्री कुमार ने बताया कि पूरे मामले की लिखित जानकारी उपायुक्त को दे दी गयी है.
कांपेक्टर मशीन में भरा है 480 टन कचरा
कचरा उठाने वाली कंपनी रैमकी के प्रतिनिधि का कहना है कि उनके सभी कांपेक्टर मशीन में 480 टन कचरा भरा है. जब तक उसे कहीं डंप नहीं करेंगे, तब तक कहां से दूसरा कचरा उठा पायेंगे. नगर निगम कचरा डंपिंग के लिए स्थायी जमीन उपलब्ध कराये, तभी कचरा उठेगा.
दिखने लगा असर, एसएसपी ऑफिस के सामने पड़ा है मरा हुआ सांड
कचरा नहीं उठने से उत्पन्न हालात शहर में साफ दिखने लगा है. शहर में जहां-तहां, तो घर-घर में कचरा डंप है. खास कर अपार्टमेंट व मार्केट एरिया की स्थिति बहुत ही खराब हो गयी है. एसएसपी ऑफिस के सामने मरा हुआ सांड पड़ा है.
एसडीएम करेंगे जांच, केंद्र पर आज जायेगी टीम
धनबाद डीसी वरुण रंजन ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों ने शाम में कचरा उठाव केंद्र का विरोध होने की सूचना दी है. एसडीएम को कचरा डंपिंग स्थल पर जा कर जांच करने को कहा गया है. बुधवार को टीम जायेगी. समस्या का निदान होगा. झरिया में एक स्थान पर कचरा डंपिंग के लिए स्थायी सेंटर के लिए जमीन की मांग की गयी है. इस पर भी कार्रवाई होगी.
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