Haryana Violence : हरियाणा के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव के बीच एक ऐसी खबर सामने आयी है जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. दरअसल, राज्य के महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और झज्जर जिलों में कुछ पंचायत प्रमुखों द्वारा कथित तौर पर अपने गांवों में मुस्लिम व्यापारियों पर ‘प्रतिबंध’ लगाने के लिए लिखे गए पत्र ऑनलाइन सामने आए हैं. हाल के दिनों में इन जिलों के कुछ सरपंचों द्वारा कथित तौर पर लिखे गये लगभग एक जैसे पत्रों में 31 जुलाई को नूंह जिले में हुई हिंसा का हवाला दिया गया है जिसमें भीड़ ने विश्व हिंदू परिषद की शोभायात्रा पर हमला किया था. जानें हिंसा से जुड़ी अबतक की बड़ी बातें
-नूंह हिंसा में दो होम गार्ड समेत पांच लोगों की मौत हुई थी. हिंसा भड़कने के बाद निकटवर्ती गुरुग्राम में एक मस्जिद पर हुए हमले में एक इमाम की भी मौत हो गयी थी.
-गांवों में मुस्लिम व्यापारियों पर ‘प्रतिबंध’ लगाने के लिए लिखे गए पत्र ऑनलाइन सामने आए हैं. इस संबंध में अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने ऑनलाइन सामने आए पत्रों का संज्ञान लिया है और मामले की जांच की जा रही है. कुछ गांवों के संरपचों द्वारा कथित रूप से लिखे गये इन पत्रों में कहा गया है कि पंचायतों ने मुस्लिम समुदाय और शरारती तत्वों को कोई भी व्यवसाय करने की ‘अनुमति’ न देने का फैसला किया है. पत्रों में विशेष तौर पर फेरीवालों, पशु व्यापारियों और भीख मांगने वालों का जिक्र किया गया है. हालाँकि, जब संपर्क किया गया, तो महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी के कई सरपंचों ने किसी विशेष समुदाय को लेकर ऐसा कोई पत्र जारी करने की बात से इनकार किया.
-महेंद्रगढ़ की उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने कहा कि सरकारी अधिकारियों के समक्ष ऐसा कोई पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है. गुप्ता ने कहा, सोशल मीडिया शायद यह दावा कर रहा है कि इन्हें (गांव के सरपंचों द्वारा) संबंधित उपमंडल मजिस्ट्रेट को सौंपा गया है. जहां तक हमें पता है, आज तक ऐसा कोई मामला एसडीएम के पास नहीं आया है. इसलिए, किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को किसी भी सरपंच द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि हालांकि, मीडिया में जो चल रहा है, हमने उसका स्वत: संज्ञान लिया है और मामले की जांच कर रहे हैं.
-महेंद्रगढ़ जिले के कनीना ब्लॉक के गोमला गांव के सरपंच वेदप्रकाश ने कहा कि हमारी ओर से एसडीएम को ऐसा कोई पत्र नहीं सौंपा गया है जैसा दावा किया जा रहा ह. वेदप्रकाश ने कहा कि उन्होंने जो लिखा है, वह अलग मामला है और इसमें किसी खास समुदाय के नाम का जिक्र नहीं है. उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया. महेंद्रगढ़ जिले के एक अन्य सरपंच ने कहा कि वे केवल अजनबियों की पहचान की पुष्टि के लिए कवायद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिसका किसी भी समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है.
-रेवाड़ी के चिमनावास गांव के सरपंच नरेंद्र यादव ने कहा कि मेरी तरफ से ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है जैसा दावा किया जा रहा है. वहीं, महेंद्रगढ़ के सैदपुर के सरपंच विकास ने कहा कि उन्होंने एक पत्र जारी किया था लेकिन इसे एसडीएम को नहीं भेजा गया था, और न ही गाँव द्वारा कोई प्रस्ताव पारित किया गया था. हालांकि, उन्होंने पत्र की सामग्री के बारे में बात नहीं की. विकास ने कहा कि 3,500 की आबादी वाले गांव में नूंह की घटना के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया था और किसी भी बाहरी व्यक्ति की वजह से कोई भी अप्रिय घटना हो सकती थी.
-यह पूछे जाने पर कि क्या पत्र में किसी खास समुदाय का जिक्र है, उन्होंने कहा कि हम किसी समुदाय के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन नूंह में जिस तरह की घटना हुई, उससे गुस्सा बहुत बढ़ गया और पत्र इसलिए जारी किया गया ताकि स्थिति और अधिक न बिगड़े. उन्होंने कहा कि उनके गांव में कोई मुस्लिम आबादी नहीं है. समुदाय के सदस्य रोजगार के लिए आते हैं. विकास ने कहा कि किसी भी ग्राम पंचायत या किसी अन्य को ऐसा कुछ भी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जो असंवैधानिक या अवैध हो.
-अधिकारियों के मुताबिक, नूंह हिंसा के संबंध में कुल 57 प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं और अब तक 188 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. हरियाणा में विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि नूंह में हिंसा बीजेपी-जजपा सरकार की ‘विफलता’ के चलते हुई.
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-इधर, हरियाणा के हिसार जिले के बास गांव में बुधवार को एक ‘महापंचायत’ का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न धर्मों, किसान संगठनों और खापों के लोगों ने समुदायों के बीच जुड़ाव को मजबूत करने की बात कही. नूंह में सांप्रदायिक झड़पों के कुछ दिन बाद यह पहल की गयी. भारतीय किसान मजदूर यूनियन के बैनर तले आयोजित इस महापंचायत में बड़ी संख्या में हिंदू, मुस्लिम और सिख समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया.
-कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल को हिंसा प्रभावित नूंह का दौरा करने से रोके जाने को लेकर बुधवार को हरियाणा सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए उसकी आलोचना की. कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा यहां आयोजित ‘शांति सभा’ को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री अजय सिंह यादव ने राज्य की बीजेपी सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया.
-मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को नूंह और गुरुग्राम का दौरा कर सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों के प्रति एकजुटता प्रकट करेगा. पार्टी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पोलित ब्यूरो के सदस्य नीलोत्पल बसु करेंगे और इसमें तीन सांसद जॉन ब्रिटास, ए.ए. रहीम और वी सिवदासन सदस्य होंगे.
आपको बता दें कि हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को तब समय सांप्रदायिक हिंसा भड़क गयी थी जब विश्व हिंदू परिषद की शोभायात्रा पर भीड़ ने हमला कर दिया. इसके बाद गुरुग्राम और कुछ अन्य इलाकों में भी सांप्रदायिक हिंसा हुई. इन घटनाओं में होम गार्ड के दो जवान और एक इमाम सहित छह लोगों की मौत हो गयी.
भाषा इनपुट के साथ