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Explainer: इनकम टैक्स का रिफंड 7 से 120 दिनों के भीतर होता है जारी, अगर फिर भी नहीं मिला तो ऐसे करें चेक

ITR Refund: आपने इनकम टैक्‍स रिटर्न दाखिल कर दिया है और रिफंड आने का इंतजार कर रहे हैं तो बता दें कि आयकर विभाग के कुछ प्रोसेस के बाद पैसा ट्रांसफर किया जाता है. अगर फिर भी नहीं मिला है तो ऐसे चेक कर जान सकते हैं रिफंड की स्थिति.

ITR Refund: इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर बिना जुर्माने के फाइल करने की समय सीमा 31 जुलाई को खत्म होने के बाद अब लोगों को अपने रिफंड का इंतजार है. आखिरी दिन तक करीब 6.77 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए. इनमें से 3.44 करोड़ आईटीआर प्रोसेस कर लिए गए हैं. यानी इनमें से जो भी रिफंड के लिए एलिजिबल है उनका रिफंड प्रोसेस हो चुका है. आईटीआर रिफंड तब मिलता है जब आपका टैक्स पेमेंट एक्चुअल टैक्स लाइबिलिटी से ज्यादा होता है.

7 से 120 दिनों के भीतर जारी होता है रिफंड

आईटीआर रिफंड आमतौर पर रिटर्न दाखिल करने की तारीख से 7 से 120 दिनों के भीतर जारी किया जाता है. टेक्नोलॉजी के एडवांस होने और प्रोसेस ऑनलाइन होने से रिफंड के लिए ऐवरेज प्रोसेसिंग टाइम में काफी कमी आई है.

रिफंड की स्थिति कैसे जांचें?

ई-फाइलिंग वेबसाइट -incometaxindiaefiling.gov.in या नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड की ई-गवर्नेंस वेबसाइट – tin.nsdl.com के माध्यम से टैक्स रिफंड स्टेटस देख सकते हैं. यहां हम स्टेटस कैसे देखना है इसकी प्रोसेस बता रहे हैं.

  • www.incometax.gov.in खोलें और यूजर आईडी (पैन) और पासवर्ड दर्ज करके अकाउंट में लॉग इन करें.

  • ‘ई-फाइल’ ऑप्शन पर क्लिक करें ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ चुनें और फिर ‘व्यू फाइल्ड रिटर्न’ पर क्लिक करें.

  • अब आपको ‘व्यू डिटेल्स’ ऑप्शन चुनना होगा जो फाइल किए गए नए ITR का स्टेटस दिखाएगा.

वहीं वेबसाइट tin.tin.nsdl.com के माध्यम से इनकम टैक्स स्टेटस की जांच करने के लिए, यूजर्स को अपना परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) दर्ज करना होगा. अब असेसमेंट ईयर चुने. ‘रिफंड पेमेंट’ स्टेटस सामने आ जाएगा.

रिफंड में देरी के क्या कारण हो सकते हैं?

रिफंड या तो इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से किया जाता है यानी सीधे खाते में जमा किया जाता है या चेक के माध्यम से किया जाता है. रिफंड लेट होने के 5 कारण हो सकते हैं.

  • बैंक अकाउंट डिटेल्स का गलत होना

  • अतिरिक्त दस्तावेज/जानकारी की आवश्यकता

  • रिफंड के लिए गलत जानकारी देना

  • टीडीएस/टीसीएस में मिसमैच होना

  • रिफंड रिक्वेस्ट का अंडर प्रोसेस होना

रिफंड में देरी होने पर क्या करें?

सबसे पहले अपना ईमेल चेक करें. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने किसी तरह की कोई ऐडिशनल जानकारी के लिए मेल तो नहीं भेजा है. यदि आईटीआर स्टेटस से पता चलता है कि रिफंड एक्सपायर हो गया है, तो टैक्सपेयर रिफंड री-इश्यू करने का अनुरोध कर सकता है. वहीं अगर स्टेटस में ‘रिटर्न्ड’ दिखा रहा है, तो ई-फाइलिंग पोर्टल/आकलन अधिकारी के पास रिफंड रि-इश्यू रेज कर सकते हैं.

वक्त पर नहीं भर पाए इनकम टैक्स रिटर्न, यहां जानें क्या है उपाय

आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख बीत चुकी है. मगर फिर भी सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार रिटर्न फाइल करने की तारीख को आगे बढ़ाएगी और अगर आपने अभी तक रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो आगे क्या? डेडलाइन एक्ससटेंशन पर सरकार की ओर से कोई ताजा जवाब नहीं आया है लेकिन कुछ दिनों पहले केंद्रीय राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा था कि सरकार इस साल आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख को बढ़ाने की योजना नहीं बना रही है. वहीं अगर आपने समय रहते ITR फाइल नहीं किया है तो आपको भारी-भरकम जुर्माना देना पड़ सकता है.

डेडलाइन बढ़ाने की हो रही मांग

31 जुलाई ITR भरने की आखिरी तारीख थी. लेकिन ऐसा लग रहा है कई ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जो समय पर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए हैं. ट्विटर पर कई यूजर्स शिकायत कर रहे हैं कि वेबसाइट ठीक से काम नहीं कर रही है इसलिए डेडलाइन को आगे बढ़ाया जाना चाहिए. डेडलाइन बढाए जाने के पीछे जानकार कई तर्क दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस साल पूरे देश में बड़े पैमाने पर बाढ़ आई है. कई राज्य जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र आदि बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहे हैं.

दूसरा, नया आयकर पोर्टल लॉन्च होने के दो साल बाद भी इसमें गड़बड़ियां हैं. आईटीआर दाखिल करने के आखिरी दिन, कई करदाताओं ने ट्विटर पर वेबसाइट स्लो होने की शिकायत की. गौरतलब है कि इससे पहले भी इनकम तस्क्स रिटर्न फाइल करने की तारीख आगे बढ़ी है. इससे पहले, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने केरल में बाढ़ की स्थिति के कारण 2018 में समय सीमा बढ़ा दी थी.

देना होगा 5000 तक जुर्माना

अगर आप आईटीआर फाइल करने की समय सीमा चूक गए हैं तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. आप अधिकतम 5,000 रुपये की लेट फाइलिंग शुल्क का भुगतान करके भी अपना आईटीआर अभी भी प्राप्त कर सकते हैं. समय सीमा समाप्त होने के बाद दाखिल किए गए आईटीआर को बिलेटेड आईटीआर कहा जाता है. यह आईटी एक्ट 1961 की धारा 139(4) के तहत दाखिल किया जाता है.

जिस व्यक्ति पर कोई टैक्स बकाया नहीं है, उसे पहले जुर्माना राशि जमा करनी होगी. जुर्माना जमा होने के बाद कोई व्यक्ति बिलेटेड आईटीआर दाखिल कर सकता है. 5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वाले छोटे करदाताओं के लिए 1,000 रुपये का जुर्माना लागू होगा. दूसरी तरफ अगर आप समय पर टैक्स दाखिल नहीं करते हैं तो हो सकता है कि आपके पास इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस आ जाए.

ये लोग बिना जुर्माने के भर सकते हैं आईटीआर

इनकम टैक्स से जुड़े कानूनों के अनुसार, डेडलाइन समाप्त होने के बाद सभी को आईटीआर दाखिल करने के लिए लेट फीस देना जरूरी नहीं है. अगर कोई शख्स जिसकी ग्रॉस टोटल इनकम बेसिक छूट सीमा से अधिक नहीं है, तो उसे देर से आईटीआर फाइल करते समय जुर्माना नहीं देना होगा. अगर ग्रॉस टोटल इनकम, बेसिक छूट सीमा से अधिक नहीं है, तो आईटीआर पर धारा 234F के तहत कोई लेट फीस नहीं लगता है.

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