ईडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन देकर 14 अगस्त को बुलाया गया है. इस पर झामुमो ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि हमें डरायें नहीं. हम अगर नाराज हो गये, तो देश की बत्ती गुल हो जायेगी. पूरे देश के बिजली प्लांटों में कोयला झारखंड से ही जाता है. झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने रांची के हरमू स्थित प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से यह बात कही.
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन किसी से डरनेवाले नहीं हैं. विश्व आदिवासी दिवस आयोजन के ठीक एक दिन पहले ऐसा कर क्या संदेश देना चाहते हैं. हेमंत सोरेन को पता है कि महाजनों, सामंतों, सूदखोरों, शोषण व अत्याचार के खिलाफ कैसे लड़ाई लड़ी जाती है. हम आदिवासी डरनेवाले नहीं हैं. हेमंत शिबू सोरेन के बेटे हैं. संघर्ष करना जानते हैं.
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि वे बाॅन्ड पेपर पर लिख कर देते हैं कि समय आने पर सबका पर्दाफाश करेंगे. यह लड़ाई राजनीति और कानूनी दोनों तरीके से लड़ेंगे और हम जीतेंगे. क्योंकि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा ने कभी आदिवासी दिवस मनाया ही नहीं, क्योंकि उनकी प्राथमिकता में आदिवासी कभी रहा ही नहीं. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के बनते ही ये साजिशें रच कर किसी तरह उन्हें हटाना चाहते हैं. जिस मनरेगा घोटाले को हमने उजागर किया, उसी का बहाना बना कर केंद्रीय एजेंसी राज्य में घुसी.
उन्होंने कहा कि भाजपा के रघुवर शासनकाल में पांच साल तक हेमंत सोरेन और उनके परिवार पर जमीन घोटाले का ठप्पा लगाया गया. एसआइटी तक गठित की गयी. पर एसआइटी ने जब क्लीन चिट दे दी, तो इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी. उन्होंने कहा कि आदिवासी भला जमीन क्यों लूटेगा? राज्य सरकार ने जमीन घोटाले पर रोक लगाने के लिए स्वयं रुचि दिखायी. राज्य सरकार चाहती है कि जमीन घोटाला बंद हो, उसी को आधार बना दिया गया. मतलब उल्टा चोर कोतवाल को डांटे.
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि इडी जिसे समन भेजता है, वह लोकतंत्र का ही समर्थक होता है. जो भी पीएम के खिलाफ बोलता है, उसे ही इडी समन भेजता है. यानी लोकतंत्र के समर्थक को ही इडी समन भेजता है. हेमंत सोरेन के खिलाफ ये उनका अंतिम प्रयास है.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार फॉरेस्ट एक्ट लाकर लोकतंत्र को समाप्त कर रही हैं. कई ऐसे नियम बनाये जा रहे हैं, जिससे लोकतंत्र पर प्रत्यक्ष रूप से हमला हो रहा है.