झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने जेएससीए के 196 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में निचली अदालत के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. प्रार्थी और प्रतिवादी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने निचली अदालत के आदेश को सही ठहराते हुए याचिका खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि संज्ञान आदेश में जो तथ्य आया है, उससे प्रथमदृष्टया मामला बनता है. इसलिए मामले में ट्रायल चलेगा.
इससे पूर्व शिकायतकर्ता उज्ज्वल दास की ओर से अधिवक्ता सौरव शेखर व अधिवक्ता अनुराग कुमार ने प्रार्थियों की दलील का विरोध करते हुए बताया कि जेएससीए के उक्त तत्कालीन अधिकारियों ने वित्तीय अनियमितता की है. उनके खिलाफ मामला बनता है. निचली अदालत का जो आदेश है, वह पूरी तरह से उचित है. अधिवक्ताओं ने याचिका को निरस्त करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी जेएससीए के पूर्व सचिव राजेश वर्मा, पूर्व कोषाध्यक्ष गोविंदो मुखर्जी व आजीवन सदस्य रंजीत कुमार सिंह की और से क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर की गयी थी. प्रार्थियों ने जमशेदपुर की निचली अदालत के संज्ञान आदेश व चल रही आपराधिक कार्यवाही को चुनौती दी थी.
झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा जेएससीए स्टेडियम निर्माण के लिए बीसीसीआइ से मिले 196.23 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर पूर्व रणजी खिलाड़ी उज्ज्वल दास, शेष नाथ पाठक और सुनील सिंह ने जमशेदपुर की निचली अदालत में शिकायतवाद दायर किया था. इसमें सुनवाई के बाद अदालत ने संज्ञान लिया था और समन जारी किया था.