Bihar News: बिहार में स्कूलों में एक जुलाई से निरीक्षण हो रहा है. वहीं, अब दैनिक निरीक्षण में क्या बदलाव हुए है, जिला शिक्षक पदाधिकारी इसकी रिपोर्ट देंगे. शिक्षा विभाग के अपर मख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर जिलों से पूरी जानकारी मांगी गई है. दैनिक निरीक्षण में हुए बदलाव को फोटो के साथ दिखाना है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की जाएगी. इसमें डीईओ प्रस्तुतीकरण के माध्यम से शिक्षा विभाग को निरीक्षण में हुए बदलाव की जानकारी देंगे.
निरीक्षण के पहले या एक जुलाई के पहले और अभी स्कूलों की क्या स्थिति है. इसकी जानकारी देनी होगी. इसका सबसे बड़ा कारण है कि इससे स्कूलों की स्थिति, शिक्षकों के साथ ही छात्र और छात्राओं की उपस्थिति, आधारभूत सरंचना, स्कूल परिसर में साफ- सफाई, कबाड़ का निस्तारण आदि की जानकारी का पता चल सकेगा. पहले और अब के बदलाव की स्थिति का पता चल सकेगा. इस संबंध में हर दिन अलग- अलग जिलों के पदाधिकारी इसके बारे में जानकारी देंगे.
Also Read: बिहार: नगर निकायों में 18 वर्ष में निम्नवर्गीय क्लर्क की बहाली, 85 % की सीधी भर्ती, यहां जानें पूरी डिटेल
निरीक्षण का लक्ष्य है कि स्कूलों में उपस्थिति को बढ़ावा दिया जाए. विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि ऐसा कोई भी स्कूल नहीं हो, जहां 50 प्रतिशत से कम बच्चे आ रहे हो. इसके लिए पदाधिकारियों को 31 अगस्त तक का समय दिया गया है.
Also Read: बिहार: पेयजल पर भरना होगा शुल्क, नगर निगम बोर्ड की बैठक में फैसला, पढ़े डिटेल
पटना शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने वैशाली और समस्तीपुर जिले के कुल 13 स्कूलों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने वैशाली जिले के रजौली प्राथमिक स्कूल के सभी पांच शिक्षकों का वेतन अगले आदेश तक के रोकने के निर्देश जारी किये हैं. इस स्कूल में जबरदस्त अव्यवस्था मिली. इसके बाद यह फैसला लिया गया. खासतौर पर वहां के शौचालय बदहाल थे. उनमें ताले लगे हुए थे. इसी स्कूल में खेल और एफएलएन का सामान अस्त-व्यस्त रखा हुआ था. इसको लेकर अपर मुख्य सचिव पाठक ने काफी नाराजगी व्यक्त की है. यहां विद्यार्थियों की संख्या भी कम थी. उन्होंने समस्तीपुर के पूसा डाइट का निरीक्षण किया. वहां साफ सफाई की अच्छी स्थिति नहीं थी. इस कारण चेतावनी दी गई. यहां प्राथमिक शिक्षकों की ट्रेनिंग चल रही थी. भगवतपुर सराय रंजन के उत्क्रमित मध्य विद्यालय का भी उन्होंने निरीक्षण किया. यहां का प्रबंधन ठीक नहीं मिला. प्रधानाध्यापक को चेतावनी दी. कहा कि विद्यालय का प्रबंधन नहीं सुधारा गया तो सख्त कार्यवाही की जायेगी. भ्रमण के दौरान अपर मुख्य सचिव केके पाठक को कई हाइस्कूलों में बच्चों की अच्छी संख्या मिली. इसको लेकर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की. इस दौरान पता चला कि कोचिंग पर पाबंदी के आदेश का असर की वजह से बच्चे सरकारी स्कूलों में पहुंच रहे हैं.
इधर, राज्य में सरकारी भवनों का निर्माण और मरम्मति को तय समय पर बेहतर तरीके से पूरा करने के लिए भवन निर्माण विभाग ने चार उड़नदस्ता टीम का गठन किया है. इन सभी को महत्वपूर्ण योजनाओं का स्थल निरीक्षण कर उसकी जानकारी से मुख्यालय को अवगत करवाने का निर्देश दिया गया है. प्रत्येक टीम के नेतृत्व की जिम्मेदारी अधीक्षण अभियंता स्तर के पदाधिकारी को दी गई है. प्रत्येक टीम में तीन सदस्य अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता और सहायक अभियंता स्तर के पदाधिकारी हैं.
वहीं, राज्य के 75 हजार स्कूलों में बाला मॉडल प्रभावी होगा. पटना शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल के भवनों में बाला (बिल्डिंग एज लर्निंग एड ) प्लान का पालन अनिवार्य किया है. उन्होंने शुक्रवार को वर्चुअल मीटिंग में सभी डीइओ को निर्देश दिये हैं कि तीन माह के अंदर इस प्लान को प्रभावी किया जाये. बाला प्लान के तहत स्कूल के विभिन्न स्थानों मसलन कक्षाओं, फर्श, दीवारों, दरवाजों, खिड़कियों, स्तंभों, गलियारों, बाहरी स्थानों और प्राकृतिक वातावरण को सीखने के संसाधनों के रूप में विकसित किया जाता है. इसमें स्कूलों को इस तरह डेकोरेट किया जाता है कि बच्चे उससे कुछ न कुछ सीख सकें. इससे पहले अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने विभिन्न जिलों के प्रेजेंटेशन देखे. उल्लेखनीय है कि हाल ही में अपर मुख्य सचिव ने बाला मॉडल को लेकर व्यापक दिशा निर्देश जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी किये थे. इसकी निगरानी जिला पदाधिकारियों को करनी है.