किसानों को अब नहीं घबराना है, क्योंकि हेमंत सोरेन सरकार झारखंड राज्य फसल राहत योजना लेकर आयी है. इस योजना के अंतर्गत किसानों का निबंधन व आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. प्राकृतिक आपदा, अधिक बारिश, ओलावृष्टि समेत अन्य प्राकृतिक कारणों से फसल को क्षति पहुंचने पर योजनांतर्गत आवेदन करनेवाले किसानों को सरकार की ओर से मुआवजा राशि मुहैया करायी जायेगी.
योजनांतर्गत किसान न्यूनतम 10 डिसमिल से लेकर अधिकतम पांच एकड़ तक की फसलों का आवेदन कर सकते हैं. बतातें चले कि फसल राहत योजना झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. झारखंड सरकार इस योजना को किसान वर्ग को ध्यान में रखते हुए बीते वित्तीय वर्ष 2022-23 में शुरू किया है. योजनांतर्गत खरीफ की दो फसलों धान व मकई को आच्छादित किया गया है.
योजनांतर्गत 30 से 50 प्रतिशत तक फसल क्षति होने पर आवेदक किसान को प्रति एकड़ पर तीन हजार रुपये तथा 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर प्रति एकड़ पर चार हजार रुपये सहायता राशि दी जायेगी. किसानों को अधिकतम पांच एकड़ तक फसल क्षति सहायता राशि दी जायेगी.
योजनांतर्गत अब तक जिले से 160 किसानों ने आवेदन दिये हैं और किसानों के आवेदन करने की प्रक्रिया जारी है. किसान दोनों फसलों के लिए 30 सितंबर 2023 तक आवेदन कर सकते हैं. बताते चले कि जिले के लगभग 91 हजार किसान निबंधित हैं, जिसमें बीते वर्ष लगभग 54 हजार किसानों ने अपनी फसलों की बीमा करायी थी. अब इस साल फिर से किसानों का पंजीकरण व आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
जिला सहकारिता पदाधिकारी (डीसीओ) आशा टोप्पो ने बताया कि इस योजना का लाभ सभी रैयत व बटाईदार किसान जो यहीं के स्थानीय निवासी हैं, वे निबंधन व आवेदन कर लाभ उठा सकते हैं. आवेदक किसानों को अपना आधार संख्या बायोमेट्रिक्स प्रणाली (ई-केवाईसी) द्वारा प्रमाणित करना होगा. योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें किसान को किसी प्रकार का प्रीमियम नहीं देना है. प्राकृतिक आपदा से हुई फसल क्षति का आकलन व निर्धारण क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट के आधार पर किया जायेगा.
योजना से जुड़ने के लिए किसान अपने नजदीकी प्रज्ञा केंद्र में जाकर पंजीकरण व आवेदन कर सकते हैं. प्रज्ञा केंद्र द्वारा आवेदन करने वाले पूर्व से निबंधित किसानों को आवेदन हेतु 10 रुपये व नये निबंधन और आवेदन करने वाले किसानों को 40 रुपये शुल्क देना होगा. वहीं स्वयं से ऑनलाइन निबंधन व आवेदन करने वाले व सीएससी द्वारा आवेदन करने वाले किसानों को ई-केवाईसी के लिए सीएससी को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना है.