Bihar Flood Update: बिहार में बारिश के बाद नदियों ने विकराल रुप ले लिया है. बाढ़ के कहर से आम लोग परेशान है. नदी के पास रहने वाले लोगों को परेशानी की सामना करना पड़ रहा है. बारिश के रुकने के बाद कई नदियों के जलस्तर वृद्धि में रोक भी लगी. लेकिन, जयनगर और झंझारपुर में कमला बलान नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में धौंस नदी के ऊपर बना चचरी का पुल बह गया. इस कारण 20 हजार से ऊपर की आबादी नाव से सफर तय करने के लिए विवश है. लोगों का सड़कों से संपर्क टूट गया है.
सीतामढ़ी में बागमती नदी उफान पर है. कई गांव ऐसे है जो पानी से घिरे हुए है. सड़कों पर पानी आ जाने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ चुकी है. मोतिहारी- शिवहर के बीच आवागमन लगातार चौथे दिन भी ठप रहा. निचले इलाकों में पानी भर गया है. गंडक नदी का पानी स्कूलों में घूस चुका है. मधुबनी में कमला बलान नदी ने खतरे के निशान को पार कर दिया है. सहरसा जिले के आधा दर्जन गांवों में पानी प्रवेश कर गया. कटिहार में कोसी के साथ ही बरंडी नदी ने खतरे के निशान को पार कर दिया.
Also Read: बिहार में अब 18 साल की उम्र में बन सकेंगे क्लर्क, अधिकतर सीटों पर होगी सीधी भर्ती, जानें पूरी जानकारी..
गोपालगंज जिले में गंडक ने विकराल रुप ले लिया है. नदी उफान पर है. तटबंध के अंदर बसे दर्जनभर गांवों के घर पानी मं डूब गए है. बाढ़ का खतरा बना हुआ है और नदी खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. नदी पिछले एक सप्ताह से लोगों के ऊपर कहर बरपा रही है. लोग छोटी – मोटी चीजों को खरीदने के लिए परेशान हो रहे है. बाढ़ से पीड़ित लोग अपने घरों को छोड़कर सड़क के किनारे खुले आसमान के किनारे रहने को मजबूर है. पालिथीन तानकर यह लोग रात काट रहे है. गोपालगंज के डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने बाढ़ से प्रभावित स्कूलों के बच्चों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट करने के लिए कहा है. साथ ही लोगों को बाढ़ को लेकर अलर्ट किया गया है. अधिकारी भी अलर्ट मोड पर है. लोगों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए कहा गया है.
Also Read: बिहार: पटना में 15 अगस्त को कई रास्ते रहेंगे बंद, नहीं चलेंगे वाहन, घर से निकलने से पहले देखें पूरी लिस्ट
इधर, राजधानी पटना में भी खतरे के निशान के करीब गंगा का जल स्तर पहुंच गया है और शुक्रवार को गांधी घाट पर खतरे के निशान से यह महज दो सेंटीमीटर दूर था. गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पास आने के कारण नदी अब घाटों के बेहद करीब आ गयी है और कई जगह घाटों और उसके सीढ़ियों के ऊपर भी उसका पानी फैल चुका है. इसके कारण कई जगह शव का दाह संस्कार करने में भी समस्या आ रही है. लोग बिल्कुल नदी जल के समीप शव दाह और संस्कार करते दिखे. कलेक्टेरिएट और कृष्णा घाट जैसे जगहों पर कुछ लोग पानी में घूमते और उसका लुत्फ उठाते भी दिखाई दिए.
पटना सिटी में उफान व जलस्तर बढ़ने से गंगा खतरनाक हो चुकी है. कटाव की वजह से गंगा तट पर व पानी के अंदर बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं. वहीं तट पर ही जानलेवा दलदल भी कहीं- कहीं बन गयी है. स्थिति यह है कि खतरनाक हो चुकी गंगा का पानी भद्र घाट में सीढ़ियों पर चढ़ता हुआ चबूतरा तक स्पर्श कर गया है, वहीं कंगन घाट पर बनी सीढ़ियों पर भी पानी चढ़ गया है. भद्र घाट व महावीर घाट की सीढ़ी भी पानी में डूब गयी है. वहीं बताया जा रहा है कि पानी के अंदर भी खरतनाक गड्ढे हो गये हैं. गंगा के जलस्तर में वृद्धि से घाट के समीप रहने वाले लोग डरे हुए हैं. लोगों का कहना है कि पानी अगर बढ़ा तो गंगा का पानी घरों के अंदर भी आ सकता है. गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि पर निगरानी रख रहे है. ताकि, स्थिति बिगड़ने इससे पहले सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.
Also Read: बिहार: पेयजल पर भरना होगा शुल्क, नगर निगम बोर्ड की बैठक में फैसला, पढ़े डिटेल