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अरब सागर के किनारे डुमस बीच गुजरात में उपस्थित है
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अगर आपको डुमस बीच गुमने के लिए जाना है. तो आपको दरिया गणेश मंदिर के दर्शन जरूर करने चाहिए.
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स्थानीय लोगों की मानें तो डुमस बीच पर रात में जो भी गया है, वह वापस नहीं लौटा.
Haunted Beach: गुजरात का वो समंदर का किनारा…वो बीच…और उसी बीच पर जश्न मनातीं कुछ अदृश्य शक्तियां हैं. ऐसी शक्तियां जो इंसानों से अलग हैं. गुजरात के सूरत शहर में एक ऐसा बीच है जहां आज भी माना जाता है कि यहां आत्माएं वास करती हैं. कई डरावनी गतिविधियों से भरा हुआ गुजरात का डुमस बीच वास्तव में लोगों को सोचने पर मजबूर कर देता है. वहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि जो भी आज तक रात में इस बीच पर गया वो लौटकर वापस ही नहीं आया.
जानें गुजरात का डुमस बीच का इतिहास
आज हम आपको बताये की अरब सागर के किनारे डुमस बीच गुजरात में उपस्थित है. अपने रहस्यमय और काली रेत के लिए वह बहुत ही प्रसिद्ध हुआ है. आप अगर उनकी भुतिया कहानी बताएंगे तो आपके भी रौंगटे खड़े हो जाएंगे. क्योकि वह कुछ ऐसी गतिविधियों का निर्माण होता है, अजीबो-गरीब अहसास होते है. अगर कोई बहुत ही पक्के मन का व्यक्ति ही यहां रात के समय में समुद्र तट के किनारे गुम सकता है. बीच सुन्दर है. लेकिन उनका इतिहास बहुत ही डरावना है.
डुमस बीच सूरत का मुख्य आकर्षण
अगर आपको डुमस बीच गुमने के लिए जाना है. तो आपको दरिया गणेश मंदिर के दर्शन जरूर करने चाहिए. क्यों की वह मंदिर डुमस बीच सूरत का मुख्य आकर्षण केंद्र है. लोग उन्हें दरिया गणेश कहते है. यहाँ हमारे भारत के प्रसिद्ध भोजन बनाने वाले कई होटल और रेस्तरां उपलब्ध है. यहां का लश्करी टमाटर भजिया, चारकोल, मीठा कॉर्न और पाव भाजी जैसे शाकाहारी भोजन मिजबानि मिल सकती है. उस होटल में आपको चीनी भोजन मिलता है, तो दूसरे हमारे गुजरात के प्रसिद्ध व्यंजनों में से एक लश्करी भजिया भी उपलब्ध होते है. अलग अलग प्रकार के गुजराती भजिया आप खा सकते है. और आनंद उठा सकते है. उसके अलावा सुल्तानबाद सर्कल के नाम से प्रसिद्ध लंगर देखने को मिलता है.
डुमस बीच के बारे में प्रचलित है ये बातें
अरब सागर से लगा हुआ यह बीच सूरत से 21 किलोमीटर की दूरी पर है. वहां के स्थानीय लोगों का कहना है की शाम को अंधेरा होने के बाद से ही बीच पर चीखने-चिल्लाने की आवाजें आने लगती हैं. चीख-पुकार की आवाज काफी दूर से भी सुनी जा सकती है. स्थानीय लोगों की मानें तो इस बीच पर रात में जो भी गया है, वह वापस नहीं लौटा. यहां की रेत सफेद नहीं बल्कि काली होती है. इस बीच का इतिहास किसी राजा या रानी की प्रेम कथा से नहीं जुड़ा है, लेकिन हां लोगों का मानना है कि सदियों पहले यहां पर भूत-प्रेतों ने अपना गढ़ बना लिया और इसीलिये यहां की रेत काली हो गई. हां एक बात जरूर है कि इस बीच से लगा हुआ शव दाह ग्रह है. यहां पर लाशें जलायी जाती हैं. लोगों का मनना है कि जिन लोगों को मोक्ष प्राप्त नहीं होता है, या जिनकी असमय मृत्यु हो जाती है, उनकी रूह इस बीच पर बसेरा कर लेती है.
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अगर आप डुमस बिच सूरत गुमने जाते है. तो आपको गुजराती थाली के साथ साथ कई व्यंजन खाने के लिए मिल सकते है. यहां का ख्यातनाम उबली हुई दाल और बेसन का बना हुआ लोचा स्थानीय व्यक्तिओ का सबसे प्रिय खाना है. गुजरात का खाना पुरे भारत में सबसे प्रसिद्ध है. उसमे मसालेदार सुरती खमन, अनहियु रसावाला खमन, थेपला और खाखरा वह का प्रसिद्ध है. सुरती खाना वैसे तो बहुत मसालेदार होता है. और आप भरपेट भोजन भोजन कर सकते है.
पोंक जो भुना हुआ एक अनाज है. वह भी सिर्फ सूरत में ही मिलता है. उसके साथ घी भी खा सकते है. उसके रास्तो के किनारे जो स्टॉल होते है. उन्हें लारिस के नाम से जानते है. वह भारतीय भोजन के साथ साथ चीनी खाना भी मिलता है. चीनी भेल और ड्राई मंचूरियन शामिल है. वह आप जैसे पैसे खर्च करते है. वैसा आपको खाना परोसा जाता है. क्योकि शहर के होटल और रेस्तरां में सभी प्रकार का खाना मिलता है.