राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और पार्टी के बागी गुट का नेतृत्व कर रहे उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच सीक्रेट मीटिंग से महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. इधर मीटिंग के एक दिन बाद एनसीपी चीफ शरद पवार का बयान भी सामने आ गया है.
अजित पवार के साथ मेरी मुलाकात गुप्त नहीं : शरद पवार
एनसीपी चीफ शरद पवार ने सोलापुर में कहा, अजित पवार के साथ मेरी मुलाकात गुप्त नहीं है. वह मेरे भतीजे हैं और मैं परिवार का सबसे वरिष्ठ सदस्य हूं. उन्होंने आगे कहा, कुछ शुभचिंतक मुझे मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैं भाजपा के साथ कभी नहीं जाऊंगा.
पुणे में कारोबारी के घर पर हुई शरद पवार और अजित पवार के बीच बैठक
मालूम हो शनिवार को पुणे में एक कारोबारी के आवास पर एनसीपी चीफ शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच मुलाकात हुई. जिसके बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई. क्षेत्रीय समाचार चैनल द्वारा प्रसारित दृश्यों में शरद पवार दोपहर करीब एक बजे कोरेगांव पार्क क्षेत्र में कारोबारी के आवास पर पहुंचते दिखे. शाम करीब पांच बजे शरद पवार चले गये. लगभग दो घंटे के बाद शरद पवार के भतीजे अजित पवार को शाम पौने सात बजे कैमरे से बचने की कोशिश करते हुए एक कार में परिसर से बाहर निकलते देखा गया.
#WATCH | Solapur, Maharashtra: NCP chief Sharad Pawar says, "…In this regard, we are very clear that be it in power or in opposition…When we (both factions of NCP) were together or when we will be together, one thing is clear BJP's thinking & ideology do not fit in our… pic.twitter.com/nvwh6fuCD2
— ANI (@ANI) August 13, 2023
राउत ने पवार परिवार की बैठक को ज्यादा तवज्जो नहीं दी
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच एक दिन पहले पुणे में हुई ‘गुप्त’ बैठक को अधिक तवज्जो नहीं दी और कहा कि एनसीपी प्रमुख ने अपने भतीजे को 31 अगस्त और एक सितंबर को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया होगा. उन्होंने कहा, अगर (पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री) नवाज शरीफ और नरेंद्र मोदी मुलाकात कर सकते हैं, तो (शरद एवं अजित) पवार आपस में क्यों नहीं मिल सकते। मजाक के अलावा, उम्मीद है कि शरद पवार कुछ दिन में अपना रुख साफ कर देंगे.
अजित और शरद पवार के बीच क्या बातचीत हुई, इसकी जानकारी नहीं : जयंत पाटिल
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और पार्टी के बागी गुट का नेतृत्व कर रहे अजित पवार के बीच पुणे में गोपनीय बैठक से महाराष्ट्र में बढ़ी राजनीतिक सरगर्मियों के बीच राकांपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने रविवार को कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि पार्टी संस्थापक और उनके भतीजे के बीच क्या बातचीत हुई. पाटिल ने यह भी कहा कि यह कोई गोपनीय बैठक नहीं थी. उन्होंने कहा, मैं पवार साहब के साथ एक परिचित के यहां गया और जल्दी निकल गया. बाद में क्या हुआ, मुझे इसकी जानकारी नहीं है. पाटिल ने कहा कि उनके भाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से एक नोटिस मिला था, जिसमें कुछ कंपनी के बारे में जानकारी मांगी गई थी. एनसीपी नेता ने कहा, वह (पाटिल के भाई) चार दिन पहले ईडी कार्यालय गए और उन्होंने वह सारी जानकारी उपलब्ध करा दी, जो उनके पास थी. ईडी के नोटिस को कल की बैठक से जोड़ना गलत है. शरद पवार के पोते और राकांपा विधायक रोहित पवार ने भी कहा कि उन्हें पार्टी संस्थापक शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच किसी मुलाकात की जानकारी नहीं है, लेकिन अगर मुलाकात हुई है, तो भी परिवार में संवाद बनाए रखने में कुछ भी गलत नहीं है.
सवाल से बचते दिखे देवेंद्र फडणवीस
राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्हें इस प्रकार की बैठक की कोई जानकारी नहीं है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने कहा, मैं आपको कोई जानकारी नहीं दे सकता.
क्या अजित गुट में शामिल होंगे जयंत पाटिल, दिया ऐसा जवाब
जयंत पाटिल के अजित पवार धड़े में शामिल होने संबंधी अटकलों को लेकर राकांपा नेता ने कहा कि उन्होंने अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह शरद पवार के साथ हैं, पाटिल ने कहा, हां, अपने मन में कोई संदेह न रखें.
एनसीपी में कोई विभाजन नहीं : जयंत पाटिल
जयंत पाटिल ने दावा किया कि राकांपा में कोई विभाजन नहीं है और दोनों गुटों का कहना है कि शरद पवार उनके नेता हैं. उन्होंने कहा, हर कोई उनकी (शरद पवार की) तस्वीर लगाता है और वे कहते हैं कि वे उनके लिए काम करते हैं, इसलिए कोई विभाजन नहीं है.
बगावत कर एकनाथ शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री बने अजित पवार
महाराष्ट्र में पिछले महीने अचानक बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच अजित पवार ने शिवसेना-भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. अजित के समर्थक एनसीपी के आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. राकांपा के 54 विधायकों में से शरद पवार और अजित पवार के नेतृत्व वाले समूहों का समर्थन करने वाले विधायकों की सटीक संख्या ज्ञात नहीं है.