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अमिताभ चौधरी के बेटे अभिषेक ने जेएससीए को भेजा लीगल नोटिस
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अभिषेक ने जेएससीए से सात दिन के अंदर मांगा जवाब
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अमिताभ चौधरी की स्मृति को आभाहीन और धूमिल करने का बताया प्रयास
खेल संवाददाता, रांची : जेएससीए की वर्तमान कमेटी द्वारा स्टेडियम परिसर में अपने पूर्व अध्यक्ष दिवंगत अमिताभ चौधरी की प्रतिमा लगाने के फैसले का उनके (अमिताभ चौधरी) के परिवार वालों ने कड़ा विरोध जताया है. इस संबंध में दिवंगत अमिताभ चौधरी के पुत्र अभिषेक चौधरी ने जेएससीए को लीगल नोटिस भेजा है. जेएससीए के सचिव देबाशीष चक्रवर्ती (पिंटू दा) के नाम से भेजे गये लीगल नोटिस में उन्होंने प्रतिमा लगाये जाने पर कड़ी आपत्ति जतायी है और सात दिनों के अंदर इसका जवाब मांगा है.
इस बारे में अभिषेक चौधरी ने कहा कि मेरे पिता व्यक्ति पूजा और बाहरी आडंबर के विरोधी थे. उनके लिए कर्म ही पूजा थी. कार्य के प्रति उनकी एकनिष्ठा व समर्पण अद्भुत था. वह परिणाम में विश्वास करते थे. जेएससीए उनकी पुण्यतिथि (16 अगस्त को) पर उनकी प्रतिमा लगाने की तैयारी कर रहा है. किसके कहने पर जेएससीए ऐसी योजना बना रहा है. उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतिमा लगाये जाने की घोषणा करना उनकी (अमिताभ चौधरी की) स्मृति को आभाहीन और धूमिल करने का प्रयास है.
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अभिषेक चौधरी ने जेएससीए के सचिव को भेजे लीगल नोटिस में कुछ जानकारियां भी मांगी है, ताकि दिवंगत अमिताभ चौधरी की विरासत को अक्षुण्ण रखा जा सके. अभिषेक ने बताया कि अमिताभ चौधरी की प्रतिमा बनाने में करोड़ों रुपये खर्च होने का अनुमान है. ऐसे में करोड़ों रुपये खर्च कर उनकी प्रतिमा लगाना उनके आदर्शों के खिलाफ है. यदि ये पैसे राज्य के आदिवासी बच्चों को स्कॉलरशिप देने में उपयोग होता, तो यह अमिताभ चौधरी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होती. नोटिस में उन्होंने ‘डिविनिटी’ नामक कंपनी का भी जिक्र किया और उसे टेंडर दिए जाने की प्रक्रिया की जानकारी मांगी है.
अभिषेक ने बताया मूर्ति स्थापित किये जाने को लेकर जेएससीए ने उनसे या उनके परिवार वालों से कोई बातचीत नहीं की. परिजनों की जानकारी व अनुमति के बगैर प्रतिमा लगाना वैयक्तिक संपदा का हनन है.
इस बारे में जेएससीए के सचिव देबाशीष चक्रवर्ती (पिंटू दा) ने कहा कि अभी तक उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है. नोटिस मिलने पर उसका अध्ययन किया जायेगा और तब जवाब दिया जायेगा.
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अमिताभ चौधरी को ‘मिस्टर झारखंड क्रिकेट’ के नाम से भी जाना जाता था. पूर्व आईपीएस चौधरी ने झारखंड के क्रिकेट को काफी ऊंचाई तक पहुंचाया. माना जाता है कि टीम इंडिया को सबसे सफल कप्तान के रूप में एमएस धोनी जैसा खिलाड़ी देने वाले चौधरी ही हैं. चौधरी वह व्यक्ति थे जिन्होंने झारखंड क्रिकेट का निर्माण किया और एक दशक से अधिक समय तक राज्य संघ के प्रमुख के रूप में इसकी अध्यक्षता की. उन्होंने झारखंड क्रिकेट का मुख्यालय जमशेदपुर से रांची स्थानांतरित किया. उन्होंने रांची को एक इंटरनेशनल स्टेडियम दिया, जहां कई अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले जा चुके हैं.
आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र चौधरी ने जेएससीए को प्रथम श्रेणी का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. चौधरी के शुरुआती दौर में दिवंगत जगमोहन डालमिया के कार्यकाल के दौरान बीसीसीआई ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को भंग कर दी थी. एक बार जब झारखंड को आधिकारिक एफसी का दर्जा मिल गया, तो महेंद्र सिंह धोनी बिहार से चले गए और अपने करियर के अंत तक राज्य का प्रतिनिधित्व किया. चौधरी ने रांची में बेहतरीन क्रिकेट स्टेडियमों में से एक के निर्माण में भी प्रमुख भूमिका निभाई. इन स्डेडियमों में कई इंटरनेशनल और घरेलू मैच खेले गये. यहां आईपीएल और सीसीएल के भी कई मुकाबले खेले गये हैं. उन्होंने बीसीसीआई के संयुक्त सचिव के रूप में भी काम किया था और कुछ अवसरों पर भारतीय टीम के साथ प्रशासनिक प्रबंधक भी रहे थे.