19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

क्या है AFSPA कानून, जिसे जम्मू-कश्मीर से हटाने की बात चल रही

असम में केवल 8 जिलों में ही AFSPA (सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम) लागू है. अमित शाह ने कहा है कि उनका लक्ष्य इसे जम्मू-कश्मीर से भी हटाना है.

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (AFSPA) को हटाने की संभावना जताई है. इस कानून के हटने से जम्मू-कश्मीर अशांत क्षेत्र नहीं रह जाएगा. यह कानून जम्मू-कश्मीर के अलावा उत्तर पूर्व के राज्यों के कुछ जिलों में भी लागू है. इससे पहले असम में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को हटाने की बात हुई थी. असम में केवल 8 जिलों में ही AFSPA लागू है. इससे पहले 2018 में मेघालय से इस कानून को हटाया गया था. 

क्या है AFSPA ?

  • AFSPA कानून के जरिए सैनिकों को कई विशेषाधिकार दिए जाते हैं.
  • इसमें किसी को बिना वॉरेंट के गिरफ्तार करना
  • संदिग्ध के घर में घुसकर जांच करना
  • पहली चेतावनी के बाद भी अगर संदिग्ध नहीं माने तो उसपर गोली चलाने का भी अधिकार सेना के पास है.
  • गोली चलाने के लिए किसी के आदेश का इतंजार नहीं करना.
  • अगर उस गोली से किसी की मौत होती भी है तो भी सेना के जवान पर हत्या का मुकदमा नहीं चलेगा.
  • अगर राज्य सरकार एफआईआर दर्ज करती है तो कोर्ट में उसकी सुनवाई के लिए केंद्र सरकार की इजाजत लेनी होती है.

Also Read: असम के CM हिमंत बिस्वा ने कांग्रेस पर जमकर बोला हमला, कहा- ‘तनाव की स्थिति कांग्रेस की वजह से’

अभी किन किन जगहों पर लागू है AFSPA

AFSPA को पूर्वोत्तर के कई राज्यों समेत पंजाब, चडीगढ़ और जम्मू कश्मीर में लागू किया जा चुका है. पूर्वोत्तर में असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नगालैंड में इसे लागू किया गया था लेकिन अब कई क्षेत्रों से इसे हटा दिया गया है. फिलहाल ये कानून जम्मू-कश्मीर, नगालैंड, मणिपुर( राजधानी इम्फाल के 7 क्षेत्रों को छोड़कर) असम, और अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में लागू है.

असम ने चार जिलों को उनके मूल जिलों में मिलाने का लिया गया फैसला

असम मंत्रिमंडल ने 31 दिसंबर, 2022 को चार जिलों को उनके मूल जिलों में मिलाने का फैसला किया था. विश्वनाथ को सोनितपुर के साथ, होजाई को नगांव के साथ, तामुलपुर को बक्सा के साथ और बजली को बारपेटा के साथ मिला दिया गया. जिलों के विलय का निर्णय निर्वाचन आयोग द्वारा 1 जनवरी, 2023 से असम में नई प्रशासनिक इकाइयां बनाने पर प्रतिबंध लगाने से ठीक एक दिन पहले लिया गया था, क्योंकि आयोग राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की कवायद शुरू करने वाला था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें