Rahu Ketu ka Rashi Pativartan 2023: राहु-केतु डेढ़ साल बाद राशि परिवर्तन करने जा रहे है. यह दोनों ग्रह हमेशा उल्टी चाल चलते है. राहु-केतु को क्रूर ग्रह कहा जाता है. क्योंकि अशुभ राहु-केतु बहुत कष्ट देते हैं. ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु को पापी ग्रह कहा जाता है. राहु- केतु के अशुभ प्रभावों से हर कोई भयभीत रहता है. इसलिए ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु गोचर को बहुत महत्व दिया गया है. राहु-केतु एक ही दिन राशि परिवर्तन करते है. इस साल 30 अक्टूबर 2023 को राहु-केतु गोचर करने जा रहे हैं. फिलहाल राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में विराजमान हैं. आइए जानते है ज्योतिषाचार्य पं. अम्बरीश मिश्र से कि राहु-केतु का नाकारात्मक प्रभाव किन राशि के जातक पर पड़ेगा.
30 अक्टूबर 2023 की दोपहर 01 बजकर 33 मिनट पर राहु मेष राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे. वहीं केतु इसी समय तुला राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे. ऐसे में इनके गोचर का प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर पड़ेगा. लेकिन कुछ राशियों पर राहु-केतु का नाकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. आइए जानते है किन राशि वालों के लिए राहु-केतु का गोचर कष्टकारी रहने वाला है.
चंद्रमा 1 नवंबर को तीसरे भाव में रहेंगे, शुक्र पंचम में रहेंगे, केतु छठे भाव में गोचर करेंगे. सूर्य, बुध, मंगल का गोचर आपकी कुंडली में सप्तम स्थान से होगा और शनि ग्यारहवें भाव से गोचर कर रहे होंगे. शनि और केतु दोनों का गोचर शुभ हो गया है. मेष राशि की कुंडली में गुरु आपकी कुंडली में भाग्य स्थान के स्वामी हो जाते हैं. ये राहु के साथ गोचर कर रहे हैं और राहु मानसिक परेशानी देने वाले ग्रह हैं. ये युति टूट जाएगी और गुरु भाग्य स्थान को देखेंगे.
30 अक्टूबर 2023 को जैसे ही राहु मेष से मीन राशि में प्रवेश करेगा. वैसे ही मेष राशि वालों के लिए कष्टकारी अवधि शुरू हो जाएगी. इस दौरान आपकी चुनौतिया बढ़ेगी. आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इतना ही नहीं, एक साथ कई समस्याएं होंगी, जिनसे एक साथ निपटने की आवश्यकता होगी.
राहु फिलहाल इस समय मेष राशि में गोचर कर रहे हैं. उसके बाद ये गुरु की मीन राशि में आ जाएंगे. बारहवें का राहु बहुत तंग करता है, ये खर्चें का भाव है, लेकिन अब ऐसा नहीं रहेगा. राहु शुभ स्थिति में आ जाएंगे. केतु का गोचर अशुभ रहेगा. राहु 3, 6, 10, 11 भाव में अच्छा फल करते हैं. शनि कर्म स्थान में मौजूद हैं. गुरु आगे जाकर राशि परिवर्तन कर लेंगे. वृष राशि के जातकों को राहु के गोचर का बढ़िया परिणाम मिलेगा. केतु पंचम भाव में हैं, संतान से जुड़ी किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. राहु अष्टम में पड़ा हुआ है तो दुर्घटना की थोड़ी आशंका रहेगी.
केतु-केतु ग्रह का राशि परिवर्तन वृषभ राशि के जातक के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. क्योंकि केतु का यह गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में होने जा रहा है. वहीं केतु ग्रह नवम, 11वें और लग्न पर दृष्टि डालेंगे. इसलिए इस समय छात्रों का पढ़ाई में मन नहीं लगेगा. इसके साथ ही प्रेम-संबंधों में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. वहीं इस समय नौकरीपेशा लोगों को नौकरी नहीं बदलनी चाहिए. इस समय आप कोई नया काम शुरू नहीं करें तो बेहतर होगा.
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अष्टम भाव में गुरु और राहु की युति बनी हुई है. शनि शुभ गोचर में हैं. सप्तम भाव से जुड़े सिग्नीफिकेन्स जो ज्यादा डिस्टर्ब लग रहे थे, वो थोड़े से पॉजिटिव हो जाएंगे. राहु कर्म के फल के भाव को देखेंगे. यहां से आपकी इच्छाओं की पूर्ति देखी जाती है. राहु की दृष्टि इन सारी चीजों को डिस्टर्ब कर सकती है. वहीं गुरु की दृष्टि जाएगी धन के भाव के ऊपर है. धन से जुड़ी सारी समस्या खत्म हो जाएंगी. गुरु के बढ़िया फल मिलेंगे. अनिद्रा से जुड़ी समस्या हल हो जाएगी.
राहु की दृष्टि जब लग्न के ऊपर है. यहां पर मानसिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है. केतु का चंद्रमा के ऊपर से गोचर परेशानी में डाल सकता है. ये दोनों ग्रह सूर्य और चंद्रमा को ग्रहण लगाने का काम करते हैं. कन्या राशि की महिलाएं जो गर्भवती हैं उनको थोड़ा ध्यान रखने की जरुरत है. पंचम पर केतु की दृष्टि का होना शुभ नहीं है. दो पाप ग्रह पंचम को देख रहे हैं. राहु तीसरे भाव को देखेंगे. जिससे आप फैसले को लेकर कंफ्यूज होंगे.
मकर राशि के जातक शनि की साढ़े साती की आखिरी ढैय्या से गुजर रहे हैं. बीते दो-ढाई साल में मकर राशि के जातकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. 30 अक्टूबर को राहु तीसरे भाव में आएंगे और 2025 तक इधर ही रहेंगे. राहु 3, 6, 10 में बढ़िया फल प्रदान करते हैं. यदि आपकी कुंडली में राहु बारहवें या आठवें भाव में नहीं है तो निश्चित तौर पर आपको इसका बढ़िया फल मिलेगा. दो भावों को छोड़कर राहु सब में बढ़िया फल करेंगे. मकर राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर शुभ है. जो भी फैसला लेंगे, वो सही होगा.
राहु आय भाव में बैठे हैं, इनकम फ्लो बढ़िया बना रहेगा. गुरु दशम को प्रभावित करेंगे. राहु सप्तम भाव को सक्रीय करेंगे. जिससे पार्टनरशिप में फायदा देखने को मिलेगा. जिनकी शादी नहीं हुई है, उनकी शादी के योग खुल जाएंगे. राहु-केतु के गोचर के प्रभाव से विवाद और तनाव बढ़ेगा. स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं. पुरानी बीमारियां फिर से उभर सकती हैं. व्यापर में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. ज्यादा मेहनत से कई तरह के नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं. आपकी बीमारियों में भी इजाफा हो सकता है और पुराने रोग उभर सकते हैं. कार्यस्थल पर मन नहीं लगेगा और वहां का माहौल विपरीत होना शुरू हो जाएगा.
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राहु-केतु का गोचर धनु राशि के बहुत शुभ रहेगा. लग्न का स्वामी पंचम में चला गया है. शनि की साढ़ेसाती आपके ऊपर खत्म हो चुकी है और शनि तीसरे भाव में हैं. केतु भी शुभ गोचर में आ गए हैं. शुक्र नौवें स्थान में. सूर्य, मंगल और बुध ग्यारहवें स्थान में गोचर कर रहे हैं. यदि केतु की महादशा या अंतर्दशा चल रही है तो निश्चित तौर पर बढ़िया फल मिलेंगे. सबसे पहले कर्म स्थान को प्रभावित करेंगे.
राहु-केतु का फल सबसे ज्यादा देखने को मिलता है. ऐसा हो सकता है पहले आपकी प्रमोशन हो जाए या ट्रांसफर हो जाए. जो लोग नई जॉब के इंतजार में हैं, उन्हें नई जॉब मिल सकती है. शनि धन भाव के स्वामी हैं और शुभ गोचर में हैं. अगर जॉब चेंज करने के बारे में सोच रहे हैं तो उसके भी बढ़िया फल मिलेंगे. केतु की दृष्टि धन भाव के ऊपर है और धन भाव का स्वामी पहले से ही शुभ गोचर में है. जो लोग संतान सुख से वंचित हैं उन्हें भी संतान की प्राप्ति हो सकती है. केतु छठे भाव को देखेंगे. आपको कई क्षेत्र में लाभ मिलेंगे.