सोनी सब चैनल में हर सोमवार से शनिवार शाम साढ़े सात बजे से प्रसारित होने वाले चर्चित सीरियल दिल दिया गल्ला की अमृता बरार कोई और नहीं बल्कि हमारी झारखंड के बोकारो की बेटी कावेरी प्रियम हैं. संत जेवियर्स बोकारों से स्कूलिंग हुई , 2008 की पासआउट छात्रा हैं. वहीं कावेरी ने व्वेलोर इंस्टीच्ययूट ऑफ टेक्नॉलॉजी से कंप्यूटर की पढ़ाई की है. एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. लेकिन हमेशा से उन्हें एक्टिंग और क्रिएटिविटी की दुनिया में कुछ करने का जज्बा था. फिर क्या था, यहां से मुंबई नगरी चली गयीं. 2017 से टेलीविजन इंडस्ट्री में अपना कदम रखा. इस बीच कई वेब सीरीज, एड शूट करती रहीं. नागिन, परदेश में मेरा दिल जैसे सीरियलों में काम किया. उसके बाद 2019 में स्टार प्लस के सीरियल ये रिश्ते हैं प्यार के में उन्हें ब्रेक मिला. फिर ये दिल माने ना सीरियल में भी लीड राेल में रहीं. और अब सोनी सब के चर्चित सीरियल दिल दिया गल्लां में लीड एक्ट्रेस के तौर पर अमृता बरार का किरदार निभा रहीं हैं. इन दिनों सीरियल की शूटिंग कर रही हैं.
कावेरी का रांची कनेक्शन
कावेरी पढ़ाई में भी उतनी हीं अच्छी रही हैं. डांस ड्रामा में भी अव्वल थीं. पिता उत्तम कुमार गुप्ता रिटायर सेल कर्मी रहें हैं. पिता उन्हें आइएएस ऑफिसर बनाना चाहते थे. इसके लिए कावेरी ने दिल्ली में रह कर यूपीएससी की तैयारी भी की. पर उन्हें यह जचा नहीं. और फिर उन्होंने इंडस्ट्री में अपना कदम बढ़ाया. कावेरी का हर क्षेत्र में अपना अच्छा प्रदर्शन रहा है. मुंबई अंधेरी वेस्ट में अपने भाई रूपेश आनंद के साथ अपना रेस्टोरेंट भी चला रहीं हैं. बताती है कि दिल दिया गल्लां का रोल बहुत हीं दिल को छूने वाला था. कहती हैं कि इस सीरियल की किरदार की तरह हीं वह अपने घर परिवार से पिछले दस सालों से दूर हैं , हांलाकि रांची और बोकारो उनका आना जाना लगा रहता है. रांची में उनके मामा जी का घर है. सीरियल में भी ऐसा हीं कुछ दिखाया गया है जिसे उन्होंने दिल से पूरा किया है. सीरियल की शूटिंग को लेकर बताया कि सारी शूटिंग चंढिगढ़ के सेट पर हुई हैं. जहां पूरा फॉरेन का सेट तैयार है. देख कर चकित करने वाला सेट है जहां आपको फॉरेन में होने का अनुभव होगा.
कावेरी कहती हैं कि इंडस्ट्री में छोटे शहर का होना अब मायने नहीं रखता. अपना झारखंड कला ,संस्कृति , शिक्षा कोई भी क्षेत्र हो , हर हर क्षेत्र से मजबूत है. यहां के कलाकारों ने इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना कर छोटे शहर के होने की बात को गलत साबित कर दिया है. कहती हैं कि मुझे कभी यह एहसास नहीं दिलाया गया कि मैं एक छोटे शहर की हूं. बल्कि आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हीं किया गया. कहती हैं कि आप जो भी करना चाहते हो आप कर सकते हो . बस आपको स्कूल में जो कुछ भी सिखाया पढ़ाया जाता है उसमें हिस्सा लो. उसका फायदा आपको अागे जरूर मिलता है. मेरे स्कूल की हीं देन है कि आज मैं यहां हूं. मेरे स्कूल फ्रेंडस भी बड़े पदों पर हैं. तो आपकी शिक्षा आपको मुकाम दिलाती है.