बिहार के नरकटियागंज की भाजपा विधायक रश्मि वर्मा व शहर के अगरवा मोहल्ला निवासी संजय सारंगपुरी के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. दोनों की कुछ आपत्तिजनक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है. हालांकि बीजेपी विधायक का कहना है कि उन्हें बदनाम करने लिए फोटो एडिट कर सोशल मीडिया पर डाला गया है. उन्होंने कहा कि उनके चरित्र पर लांछन लगाने के लिए यह साजिश की जा रही है. वहीं दोनों ने एक दूसरे पर अन्य मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई है.
कौन हैं रश्मि वर्मा
पश्चिम चंपारण जिले के शिकारपुर घराने की रश्मि वर्मा के पति आलोक वर्मा का निधन हो चुका है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस से इन्होंने 1988 में अपनी स्नातक की डिग्री पूरी की. मौजूदा दौर में नरकटियागंज से बीजेपी विधायक रश्मि वर्मा सबसे पहले साल 2014 में हुए चुनाव में बीजेपी के टिकट पर विधायक बनी थी. इससे पहले वह नीतीश कुमार की पार्टी जदयू की सदस्य थी. जहां से रातों रात इस्तीफा देने की वजह से वह उस वक्त भी चर्चा में आई थी.
बीजेपी ने नहीं दिया टिकट, तो निर्दलीय उतरी चुनाव में
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में रश्मि वर्मा को जब बीजेपी से टिकट नहीं मिला था तो वो निर्दलीय मैदान में उतर गई थी. इस चुनाव में रश्मि वर्मा की वजह से बीजेपी उम्मीदवार चुनाव हार गए थे. रश्मि वर्मा के निर्दलीय चुनाव लड़ने की वजह से भाजपा के वोट बैंक में सेंध लग गई थी. इसी वजह से कांग्रेस उम्मीदवार व रश्मि वर्मा के जेठ विनय वर्मा की जीत हुई थी. इस चुनाव में रश्मि वर्मा को 39200 वोट तो बीजेपी प्रत्याशी रेनू देवी को 41151 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी विनय वर्मा को 57000 वोट मिले थे.
2020 में भाजपा में हुई वापसी
रश्मि वर्मा की बीजेपी में वापसी 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले उस वक्त के बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पार्टी में वापसी कराई थी. इस चुनाव में रश्मि वर्मा ने भाजपा के टिकट से जीत दर्ज की. अक्सर विवादों में रहने वाली रश्मि वर्मा एक बार फिर से वायरल फोटो की वजह से चर्चा में हैं.
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विधायक रश्मि वर्मा ने अगवा कर दो करोड़ की रंगदारी मांगने का लगाया आरोप
विधायक रश्मि वर्मा व संजय सारंगपुरी का फोटो वायरल होने के बाद एक बार फिर से दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया है. नगर थाने में दोनों ने एक दूसरे पर प्राथमिकी दर्ज करायी है. विधायक रश्मि वर्मा ने आरोप लगाया है कि वह विधानसभा से निकल रही थी. इस बीच संजय सारंगपुरी बाहर गाड़ी में बैठा था. आवाज देने पर पास गयी, तो उसने गाड़ी में बैठने के लिए कहा. उसकी गाड़ी में जैसे ही बैठी कि उसने पिस्टल सटा दी. उन्हें पटना से मोतिहारी लाया गया. साथ में ड्राइवर भी था. उसने कहा कि आज सारा बदला चुका लेना है. दो करोड़ की रंगदारी मांगते हुए विधानसभा से इस्तीफा देने का दबाव दिया. ऐसा नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी. इसकी सूचना मिलते ही परिजन संजय के घर पहुंचे, तो उसने परिवार वालों के साथ मिलकर मारपीट की. हत्या की नीयत से फायरिंग भी की. संयोग से गोली किसी को नहीं लगी.
संजय सारंगपुरी ने भी दर्ज कराई प्राथमिकी
इधर संजय ने दर्ज प्राथमिकी में बताया है कि सोमवार की रात पश्चिमी चंपारण के नरकटियागंज की विधायक रश्मि वर्मा, उनका पुत्र अंशुमन वर्मा, नौकर छोटू, ड्राइवर जितेंद्र व दो सरकारी गार्डों के अलावा दो-चार अज्ञात लोग उनके अगरवा मोहल्ला स्थित आवास पर पहुंचे. घर में घुसकर लूटपाट करने लगे. विरोध करने पर परिवार को मारपीट कर जख्मी कर दिया. पांच लाख कैश व तीन लाख के आभूषण लूटने का भी आरोप लगाया है. उसने पुलिस को बताया है कि विधायक के पास उसका 40 लाख रुपये बकाया है. विधायक पर नगर थाने में 18 लाख के चेक बाउंस का मामला दर्ज कराया. वहीं बिजली विभाग में यह भी शिकायत की थी कि विधायक चोरी से बिजली जला विभाग को चूना लगा रही है. इसको लेकर विधायक सहित उनके पुत्र ने जान से मारने की धमकी भी दी थी. दोनों पक्षों के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस छानबीन में जुट गयी है. इस संबंध में विधायक व संजय की प्रतिक्रिया लेने के लिए कई बार दोनों के मोबाइल पर फोन किया गया, लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस मामले में पूर्वी चंपारण के एसपी कांतेश कुमार मिश्र ने कहा कि विधायक रश्मि वर्मा व संजय सारंगपुरी के बीच पहले से विवाद चल रहा है. दोनों ने एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए थाने में आवेदन दिया. इसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन की जा रही है. विधायक ने अपहरण कर दो करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया है, जबकि संजय ने घर में घुस मारपीट व लूटपाट का आरोप लगाया है. हकीकत क्या है, इसकी जांच की जा रही है.