हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में जारी बारिश और भूस्खलन से तबाही मची है. हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में लैंड स्लाइड के कारण घर ताश के पत्तों की तरह गिर रहे हैं. बारिश और लैंड स्लाइड के कारण बीते एक हफ्ते में 84 मौतें हो चुकी है. वहीं, जून महीने से लेकर अब तक जोड़ा जाये तो हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 230 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, वहीं, हिमाचल के साथ-साथ उत्तराखंड में हुए भूस्खलन के कारण तबाही का मंजर है. तबाही की बरसात के साथ साथ बाढ़ और लैंड स्लाइड के कारण कई लोग बेघर हो गये हैं. सबसे बुरा हाल उधमसिंह नगर का है.
प्रभावित इलाकों में प्रशासन खाली करा रहा है घर
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन का दौर जारी है. लैंडस्लाइड के कारण कई घर तबाह हो चुके हैं. की घरों को खाली भी कराया जा रहा है. बता दें, बीते दिन हिमाचल प्रदेश के शिमला के कृष्णानगर इलाके में आये खतरनाक लैंडस्लाइड के कारण एक पेड़ इमारत पर गिर गया था. इसके बाद पूरी की पूरी इमारत ढह गई थी. इसी तरह समर हिल इलाके में बीते सोमवार को शिव मंदिर के पास लैंडस्लाइड हुआ था. जिसमें कई लोग इसकी चपेट में आ गये थे, इलाके में अभी भी रेस्क्यू जारी है. कई शव निकाले जा चुके हैं, जबकि अभी भी शवों की तलाश हो रही है.
गौरतलब है कि शिमला समर हिल में स्थित शिव मंदिर, फागली और कृष्णनगर में हुए भूस्खलन के कारण अबतक 21 लोगों की मौत हुई है. मंदिर के मलबे में अब भी आठ लोगों के दबे होने की आशंका है.शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा है कि समर हिल भूस्खलन स्थल पर श्रमिकों ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में गणित विभाग के प्रमुख पीएल शर्मा का शव निकाला है. राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र के अनुसार, चंबा जिले में बारिश से संबंधित दो मौतों की सूचना मिली है जिसके बाद पिछले चार दिनों में प्रदेश में जान गंवाने वालों की संख्या 84 हो गई है.
जारी है राहत और बचाव
प्रदेश में 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं में 217 लोगों की मौत हो गई है. प्रदेश में बीते तीन दिनों के दौरान भारी बारिश दर्ज की गई जो रविवार से शुरू हुई. मंगलवार के बाद बारिश कम हुई है. बृहस्पतिवार को कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक समर हिल से 14 शव, फागली से पांच शव और कृष्णा नगर से दो शव बरामद किए गए हैं. सेना, वायु सेना और अन्य बचाव कर्मियों ने बाढ़ प्रभावित कांगड़ा जिले के फतेहपुर और इंदौर के पोंग बांध से 309 लोगों को निकाला है.पिछले तीन दिनों में इन इलाकों से 2074 लोगों को निकाला गया है.
सीएम सुक्खू ने किया प्रभावित इलाकों का दौरा
इधर प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को मंडी जिले के सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के मटेहड़ी, बालद्वारा, मसेरन और जुकैन के बारिश और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और वहां लोगों से मुलाकात की. उन्होंने लोगों को सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. प्रमुख सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि मानसून मौसम के दौरान अब तक 7500 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. अधिकारियों ने कहा कि राज्य में 875 सड़कें अवरुद्ध हैं और 1135 ट्रांसफार्मर और 285 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं. वहीं, सीएम सुक्खू ने कहा कि मानसून में भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हुए बुनियादी ढांचों के पुननिर्माण में एक साल का समय लगेगा.
करीब 10000 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान
सुक्खू ने कहा था कि पिछले महीने जुलाई और इस सप्ताह हुई भारी बारिश की वजह से राज्य में अनुमानित 10000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों और जल परियोजनाओं के पुनर्निर्माण में समय लगता है, लेकिन सरकार इस प्रक्रिया में तेजी ला रही है. उन्होंने कहा, “हमें एक साल के भीतर बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से बहाल करना होगा. मैं इसी को ध्यान में रखकर काम कर रहा हूं. राज्य सरकार ने विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि खर्च करने की शर्तों में बृहस्पतिवार को ढील दे दी. वहीं, लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में 254 सड़कों के उन्नयन के लिए 2643 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
भाषा इनपुट से साभार