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गुड न्यूज : जॉब कार्ड के जरिए लोगों को रोजगार देना चाहती है राज्य सरकार, जल्द ही बनेगा अलग पोर्टल

राज्य ने श्रमिकों के वेतन पर 1687 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. पथश्री योजना के तहत 3.90 लाख रुपये जॉब कार्ड धारकों को काम दिया गया है. इस प्रोजेक्ट में उनके वेतन पर 200 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गरीब लोगों के लिए आय का स्रोत उत्पन्न करने के लिए ”खेला होबे” परियोजना की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने 21 जुलाई को शहीद दिवस मंच से इसकी घोषणा की थी. लोकसभा चुनाव के पहले राज्य सरकार इस परियोजना के कार्यान्वयन की दिशा में अग्रसर है. मूल रूप से, राज्य की योजना उन लोगों को रोजगार देने की है, जिनके पास जॉब कार्ड हैं. विभिन्न विभागों को जॉब कार्ड धारकों के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम करने को कहा गया है. इसके लिए राज्य सरकार जॉब कार्ड धारकों का नाम दर्ज करने के लिए एक अलग पोर्टल बना रही है.

100 दिन का प्रोजेक्ट पोर्टल पहले से ही मौजूद है

100 दिन का प्रोजेक्ट पोर्टल पहले से ही मौजूद है. इस पोर्टल को उस पोर्टल से लिंक किया जायेगा. पोर्टल लॉन्च होते ही जॉब कार्ड धारकों का नामांकन किया जाएगा. हालांकि, यह पोर्टल कब लॉन्च होगा, इसके बारे में अभी कुछ पता नहीं है. इस संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रदीप मजूमदार ने कहा कि इस मामले पर काम किया जा रहा है. बहुत काम बाकी है. यदि वे ठीक हैं तो ही उन्हें आधिकारिक तौर पर सूचित किया जायेगा. हालांकि, परियोजना के लिए पंजीकरण अगले सितंबर में उस जगह पर किया जायेगा, जहां सरकारी शिविर स्थित है.

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नामांकन कैसे करना है नबान्न ने पहले ही दिशानिर्देश बना दिया

नामांकन कैसे करना है, इस पर नबान्न ने पहले ही दिशानिर्देश बना दिया है. मुख्य सचिव ने हाल ही में 24 विभागों के साथ बैठक की. इस पर चर्चा हुई. संयोग से राज्य में 64 लाख लोगों का जॉब कार्ड है. अकुशल मजदूर दुआरे सरकार के तहत सरकारी शिविर में खेला होबे वाले प्रोजेक्ट के लिए पंजीकरण करा सकते हैं. इस योजना में नामांकन के लिए पश्चिम बंगाल का निवासी होना आवश्यक है.

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प्रोजेक्ट पर 200 करोड़ रुपये किये गये हैं खर्च

संयोग से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लंबे समय से 100-दिवसीय परियोजना के लिए पैसा नहीं देने को लेकर केंद्र पर हमला करती रही हैं. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में उन्होंने केंद्र पर 100 दिन के काम का पैसा, आवास योजना का पैसा नहीं देने की शिकायत की. उन्होंने शिकायत की कि केंद्र 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये नहीं दे रहा है. गौरतलब है कि हाल ही में सभी विभागों की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई है कि अब तक 25 लाख 77 हजार जॉब कार्डधारियों को काम दिया गया है. राज्य ने श्रमिकों के वेतन पर 1687 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. पथश्री योजना के तहत 3.90 लाख रुपये जॉब कार्ड धारकों को काम दिया गया है. इस प्रोजेक्ट में उनके वेतन पर 200 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं.

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बंगाल को आइटी हब के रूप में विकसित कर रही है राज्य सरकार : मंत्री बाबुल सुप्रियो

एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) ने व्यवसायों, विनिर्माण या सेवाओं के सभी क्षेत्रों पर प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए टेकमीट के आठवें संस्करण की मेजबानी की. इस मौके पर राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य को इस देश का अगला आइटी केंद्र बनाने के लिए बहुत मेहनत कर रही है. यदि कंपनियां एक नये कार्यस्थल या बाजार का चयन करना चाहती हैं जहां सरकार द्वारा बहुत सारी सुविधाएं और प्रोत्साहन दिये जा रहे हैं, तो उनकी पहली पसंद पश्चिम बंगाल होगी. बंगाल के रहने वाले लोग जो बाहर आइटी कंपनियों में काम कर रहे हैं, उनको यहां रोजगार का अवसर प्रदान करना ही हमारा लक्ष्य है. इस मौके पर आइटी मंत्री बाबुल सुप्रियो ने आइटी कंपनियों से बंगाल में निवेश करने का आह्वान किया.

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पश्चिम बंगाल दिवस मनाने को लेकर विधानसभा में हो सकता है घमासान

राज्यपाल सीवी आनंद बोस 20 जून को राजभवन में पश्चिम बंगाल दिवस मना चुके हैं. इस दिन को मनाये जाने को लेकर उन्होंने सीएम ममता बनर्जी के अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया. जिसे लेकर काफी बहस हो रही है. अब यह मुद्दा विधनसभा में उठ सकता है. तृणमूल कांग्रेस एक निर्दिष्ट दिन मनाये जाने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पेश कर सकती है. ज्ञात हो कि भारत (पश्चिम बंगाल) से बांग्लादेश के विभाजन का मुद्दा 20 जून, 1947 को अखंड बंगाल के प्रांतीय विधानमंडल के मतदान से तय किया गया था. इस वोट के नतीजों के आधार पर पश्चिम बंगाल भारत का हिस्सा बन गया, जबकि पूर्वी बंगाल (हालांकि यह पहले पूर्वी पाकिस्तान और बाद में बांग्लादेश था) पाकिस्तान में शामिल हो गया.

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