Aligarh: अलीगढ़ में एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर तीसरे दिन भी हड़ताल पर है. जिससे इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह ठप है. ओपीडी और वार्डों में भर्ती मरीजों को जूनियर डॉक्टर नहीं देख रहे हैं. ऐसे में मरीज परेशान होकर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर है. मेडिकल कॉलेज के सुरक्षाकर्मी ही बीमार और तीमारदार को डॉक्टरों के हड़ताल के चलते वापस लौटा दे रहे हैं.
वहीं मरीज दूर-दूर से आ कर परेसान हो रहे हैं. वहीं जूनियर डाक्टरों का कहना है कि इमरजेंसी में वीआईपी कल्चर से मरीज देखे जाने पर विवाद होता है. जूनियर डाक्टरों ने सुरक्षा बढाये जाने की मांग रखी है. साथ ही डाकटर के साथ मारपीट करने वाले तीमारदारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हड़ताल जारी है.
मेडिकल कॉलेज में तीमारदार से मारपीट की घटना के बाद डॉक्टर आरोपियों की गिरफ्तारी पर अड़े हुए हैं. जिसको लेकर जूनियर डॉक्टरों ने एएमयू के बाबे सैयद गेट तक पैदल मार्च निकाला. जूनियर डॉक्टरों ने आरोपियों की गिरफ्तारी, रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का चुनाव और सिक्योरिटी बढ़ाये जाने की मांग की है. वही शनिवार को भी हड़ताल का असर दिखा.
दरअसल, बुधवार को इमरजेंसी वार्ड में सड़क हादसे में घायल जुनैद को इलाज के लिए लेकर डॉक्टरों और तीमारदारों में विवाद हो गया था. नौबत हाथापाई तक पहुंच गई. जिसके बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए, हालांकि इस घटना को लेकर प्राक्टर ऑफिस के सुरक्षाकर्मी इरफान ने 10 अज्ञात तीमारदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. एएमयू प्रशासन ने डॉक्टरों से काम पर वापस लौटने के लिए कहा, लेकिन डॉक्टरों की जनरल बॉडी मीटिंग में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही काम पर लौटने की शर्त रखी है.
मेडिकल छात्र मोहम्मद सैयद मलिक ने बताया कि हमारी मांग है कि मरीज के अटेंडेंट ने डॉक्टर के साथ हाथापाई की है. उसकी गिरफ्तारी होनी चाहिए. सीसीटीवी देखकर आरोपी की पहचान कर ली गई है. कार्रवाई के लिए सिर्फ आश्वासन दिए जा रहे हैं. मेडिकल छात्र ने कहा कि जब तक गिरफ्तारी नहीं होगी. तब तक स्ट्राइक से वापस नहीं लौटेंगे. जूनियर डॉक्टर ने बताया कि इमरजेंसी में आने पर तीमारदार वीआईपी ट्रीटमेंट चाहते हैं, लेकिन इमरजेंसी में पहले गंभीर मरीज को देखा जाता है. इसको लेकर ही विवाद होता है. वहीं सुरक्षा कर्मियों की संख्या कम है.
मेडिकल छात्रा डा शिफत तनवीर ने बताया कि इमरजेंसी में काम कर रहे जूनियर डॉक्टर के साथ मारपीट की गई है. इमरजेंसी में मरीज को गंभीरता के आधार पर देखा जाता है. डॉक्टर अपने विवेक से ही मरीजों को देखता है. कुछ पेशेंट अपने आप को वीआईपी समझते हैं. उनके तीमारदार आते हैं और बदतमीजी करते हैं. सिक्योरिटी केवल ऑन पेपर रहती है. जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर आरिफ खान ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म करने के लिए वार्ता जारी है. आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है. पुलिस मामले में जांच कर कार्रवाई कर रही है.