Lucknow: प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनता को नये विद्युत कनेक्शन आसानी से प्राप्त हों, इसके लिए वर्तमान व्यवस्था में और सुधार एवं सरलीकरण किया जाए. इस कड़ी में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने कमर्शियल बिजली कनेक्शन को लेकर अहम फैसला किया है.
अब व्यवसायिक बिजली कनेक्शन लेने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण यहां अथॉरिटी की एनओसी की जरूरत नहीं होगी. सिर्फ घरेलू मानचित्र पर ही अब बिजली कनेक्शन दे दिया जाएगा.
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी भवानी सिंह ने इस संबंध में मुख्य अभियंताओं को आदेश जारी कर दिया है. इसमें साफ कहा गया है कि विद्युत आपूर्ति संहिता 2005 के अंतर्गत किसी भी परिसर पर संयोजन किसी भी श्रेणी में दिए जाने पर कोई रोक नहीं है. इसके लिए आवेदक को शपथ पत्र देना होगा कि परिसर धराशायी होने या सक्षम प्राधिकरण की आपत्ति पर बिजली आपूर्ति स्थाई रूप से विच्छेदित कर दी जाए.
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लखनऊ विकास प्राधिकरण ने तीन साल पहले लखनऊ इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एडमिनिस्ट्रेशन (Lesa) को पत्र भेज कर आग्रह किया था कि घरेलू बिल्डिंग पर कमर्शियल कनेक्शन नहीं दिया जाए. ऐसा होने से आवासीय कॉलोनी में कमर्शल गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं. लेसा ने तब इसे लागू कर दिया. इसके बाद उपेंद्रों पर उपभोक्ताओं और संबंधित अभियंता के बीच विवाद बढ़ने लगा. इस संबंध में लगातार शिकायतें सामने आ रही थी.
अब मध्यांचल निगम के एमडी ने कहा कि लखनऊ विकास पर प्राधिकरण ने कनेक्शन के लिए अथॉरिटी से एनओसी के विषय में किसी कानून का उल्लेख नहीं किया है, जो परिसर में कनेक्शन के लिए इनकार करता हो. उन्होंने कहा जब तक इस संबंध में किसी कानून के तहत ऐसा प्रतिषेध नहीं किया गया हो तब तक कनेक्शन संबंधी आवेदनों पर रोक का कोई औचित्य नहीं है. ऐसे में अब कमर्शियल बिजली कनेक्शन उपभोक्ताओं को सुविधाजनक तरीके से मिलना शुरू हो जाएगा.
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने ने कहा कि गांव के गरीब व्यक्ति के लिये ऑनलाइन आवेदन करना कठिन होता है, इसलिये ऐसी व्यवस्था बनायी जाये, जिससे अशिक्षित, गरीब सभी आसानी से कनेक्शन प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि विद्युत सम्बन्धी कार्यों में पारदर्शिता हो, इसके लिये उपभोक्ता फ्रेन्डली व्यवस्था बनायी जाए.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को निश्चित समय में बदलने के लिये भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अभी भी कई जगहों से यह शिकायतें आ रही है कि कुछ ठेकेदार ट्रांसफार्मर बदलने में स्थानीय उपभोक्ताओं से अनुचित मांग करते हैं जो स्वीकार नहीं है. ऐसे लोगों के विरुद्ध कारईवाई की जाए और ट्रांसफार्मरों की ट्रैकिंग व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जाए, जिसमें ट्रांसफॉर्मर के बदलनें के कार्यों में पारदर्शिता रहे, जिससे कोई भी अनुचित लाभ न ले सके.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सभी विद्युत कर्मी अपनी कार्य संस्कृति एवं व्यवहार में सुधार लाएं. सभी अधिकारी और कर्मचारी पूर्ण जिम्मेदारी के साथ अपने कार्यों का निर्वहन करें. उपभोक्ता को बेहतर विद्युत आपूर्ति प्रदान करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा कि बिल नहीं जमा होने से कनेक्शन काटने से पहले उपभोकता को अलर्ट मैसेज भेजें. बड़े बकायेदारों से वसूली के लिए मुनादी कराई जाए, उन्हें रात में भी फोन किया जाए. राजस्व वसूली बढ़ाने के लिए सभी उपभोक्ताओं को समय से सही बिल दिया जाए, साथ ही शत प्रतिशत बिलिंग कराई जाए.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विद्युत लाइन को जोड़ने और काटने को लेकर लिए गए शटडाउन पर विशेष सावधानी बरतें, जिससे कि विद्युत दुर्घटना नहीं होने पाए. ऐसे कार्यों में सतर्क करने के लिए अलार्म सिस्टम को भी अपनाया जाए. साथ ही अनुरक्षण कार्याें के लिए शटडाउन लेने का एक निर्धारित समय निश्चित किया जाए, जिससे कि विद्युत कटौती से लोगों को परेशान न होना पड़े. शटडाउन लेने के लिए तकनीक का भी सहारा लिया जाए.
उन्होंने विद्युत दुर्घटनाओं पर प्रभावी रोक के लिये भी सख्त निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके लिये सभी डिस्काम प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करें. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का गुणवत्तापूर्ण ढंग से त्वरित समाधान करने के प्रयास किए जाएं. ट्रांसफार्मर की खराबी पर उसके स्थान पर उसी क्षमता का या उससे अधिक क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाया जाए, जिससे कि ट्रांसफार्मर को जलने से बचाया जा सके.
उन्होंने कहा कि हम जितनी बिजली दें उतना राजस्व वसूलें. इसके लिए प्रत्येक उपभोक्ता से सम्पर्क किया जाए. उसे सही बिल देकर लगातार बिल जमा करने के लिए आग्रह भी किया जाए. बिजली विभाग को ही इसका लाभ मिलेगा और लोग बिजली बिल जमा करेंगे. कोई नहीं चाहता है कि उसका कनेक्शन कट जाए. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उपभोक्ता हमारे लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण है. हमारा कार्य एवं व्यवहार ऐसा होना चाहिए, जिससे उपभोक्ताआ के कार्य आसानी से हो सकें.
ऊर्जा मंत्री ने बनारस, आगरा, मेरठ, लखनऊ तथा केस्को वितरण निगम के प्रबंध निदेशकों से विद्युत व्यवस्था, राजस्व वसूली, आरडीएसएस योजना की प्रगाति तथा विद्युत आपूर्ति आदि के बारे में विस्तृत पूछताछ की.
इस दौरान उप्र पावर कारपोरेशन अध्यक्ष डॉ. आषीश गोयल ने कहा कि कनेक्शन देने को सुलभ बनाने के लिये अब नई व्यवस्था में अवर अभियन्ता एवं उपखण्ड अधिकारी आपत्ति नहीं कर पाएगा. उसे एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के माध्यम से ही उपभोक्ता को कनेक्शन नहीं देने का कारण बताना होगा. इसी तरह एलटी लाइन पर 50 किलोवाट तक कोई इस्टीमेट चार्ज नहीं पड़ेगा. इसको सख्ती से लागू किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि प्रदेश की विद्युत सम्बन्धी कार्यों के लिये लगभग 4000 करोड़ रुपए बिजनेस प्लान के अन्तर्गत सभी काम डिस्काम को दिये गये हैं, जो कि मार्च तक पूर्ण कर लिये जायेंगे. इससे प्रदेश की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में बेहतर सुधार होगा. अध्यक्ष ने बताया कि प्रबन्ध निदेशकों एवं मुख्य अभियन्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे विजलेंस टीम को प्रतिदिन खुद चयनित स्थानों की सूची दें, जहां पर वे बिजली चोरी की जांच के लिये जाए.