iQOO Chief Gaming Officer Shwetank Pandey : श्वेतांक पांडेय ने गेमिंग को लेकर अपने पैशन को फॉलो करते हुए अपने परिवार से एक साल का समय मांगा था और इसलिए उन्होंने ईएमआई पर एक स्मार्टफोन भी खरीदा था. इसके बाद 23 साल के श्वेतांक को आईक्यूओओ का मुख्य गेमिंग अधिकारी (सीजीओ) नियुक्त किया जाना उनकी नियति ही है.
परिवार का सपोर्ट हासिल करना बहुत मुश्किल
छात्र से लेकर सीजीओ बनने तक की अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए श्वेतांक ने हाल ही में लखनऊ में कहा- यात्रा बेहद शानदार रही, क्योंकि अगर आप भारत में ई-स्पोर्ट्स कर रहे हैं तो इसके लिए समय देना और इसके लिए परिवार का सपोर्ट हासिल करना बहुत मुश्किल है. उन्होंने कहा- लेकिन, अपने परिवार के कारण मैं ई-स्पोर्ट्स को आगे बढ़ा सका. मैंने 2019 में ई-स्पोर्ट्स शुरू किया, जब मैं 12वीं कक्षा में था. मैं तब अपने दोस्तों के साथ गेम खेलता था, लेकिन यह कंपिटीटिव नहीं था.
पढ़ाई और शुरुआती नौकरी
श्वेतांक ने कहा, इंटरमीडिएट करने के बाद मैंने कम्यूनिकेशन स्किल पर ध्यान देते हुए स्नातक की पढ़ाई की. मैंने एक साल तक काम भी किया, ताकि अपने परिवार को आश्वस्त कर सकूं कि उनके बच्चे का भविष्य सुरक्षित है और उनके मन में कोई संदेह न रहे.
गेमिंग के लिए EMI पर खरीदा फोन
श्वेतांक ने एमबीए जारी रखने का विचार त्याग दिया. उन्होंने कहा, नौकरी के दौरान मैंने ईएमआई पर एक फोन खरीदा था और मैंने अपने परिवार वालों को बताया था कि यह फोन मैंने अपने पैसे से खरीदा है, ताकि मैं ठीक से गेमिंग कर सकूं. ये 2022 की बात है. उन्होंने कहा कि इसके बाद उनके परिजन आश्वस्त हो गए कि उनके बेटे का भविष्य सुरक्षित है. फिर उन्होंने श्वेतांक को गेमिंग में अंतिम प्रयास करने की अनुमति दे दी.
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iQOO का पहला CGO
आईक्यूओओ के सीजीओ बनने पर खुशी व्यक्त करते हुए श्वेतांक ने कहा- मैं अभी खुद को दुनिया के ऊपर पर महसूस कर रहा हूं. जब मैंने शुरू में फॉर्म भरा था, तो मेरी इच्छा नहीं थी और अंतिम प्रतिभागियों में शामिल होने की उम्मीद कर रहा था. मुझे नहीं पता था कि ऐसा होगा. इसने मुझे यहां तक पहुंचाया और अंततः मैं आईक्यूओओ का पहला सीजीओ बन गया.