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UP Cricket T20 League: ग्रीन पार्क में लाइट-पार्किंग बनी बड़ी समस्या, फीस जमा किए बिना नहीं खेले जा सकेंगे मैच

यूपीसीए की ओर से आयोजित यूपी टी-20 प्रीमियर लीग की राह में कई मुश्किलें हैं. यूपीसीए ने फीस माफ करने की गुजारिश की है. इसे लेकर यूपीसीए क्या कदम उठाएगा, अभी तक स्पष्ट नहीं हो सकी है. अंतिम विकल्प फीस जमा करने का ही है. वहीं लाइट का फोकस और पार्किंग की समस्या को समय रहते दुरुस्त करना बड़ी चुनौती है.

Kanpur News: कानपुर में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की तर्ज पर उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) की ओर से पहली बार खेली जाने वाली यूपी टी-20 प्रीमियर लीग के लिए खिलाड़ियों की नीलामी प्रक्रिया रविवार को लखनऊ के होटल ताज में शुरू हुई. इस बीच लीग को लेकर कुछ समस्याएं भी सामने आ रही हैं.

इन खामियों को करना होगा दूर

कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में लगी लाइट का फोकस जहां जरूरत के मुताबिक कम पाया गया है. वहीं पार्किंग की समस्या भी बड़ा मुद्दा है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने स्टेडियम की फीस भी अभी तक नहीं जमा की है. कानपुर जिला प्रशासन से फीस मांग करने की अपील काम नहीं आई है, क्योंकि इस पर निर्णय शासन स्तर पर होना है.

शासन के स्तर पर इस संबंध में यूपीसीए फीस माफ कराने को लेकर क्या कदम उठाएगा, अभी तक इसकी तस्वीर स्पष्ट नहीं हो सकी है. अंतिम विकल्प फीस जमा करने का ही है. ऐसे में इन कमियों को समय रहते दुरुस्त करना बड़ी चुनौती है.

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यूपी टी-20 प्रीमियर लीग के खिलाड़ियों की नीलामी लखनऊ के ताज होटल में शुरू हुई. यूपी के 120 खिलाड़ियों को छह फ्रेंचाइजी पर्चियों से खरीदेंगी. एक खिलाड़ी को 25 हजार से 15 लाख के बेस प्राइज पर खरीदा जा सकेगा. बता दें कि एक टीम 25 खिलाड़ियों को खरीदने के लिए अधिकतम एक करोड़ तक खर्च कर सकती है. एक फ्रेंचाइजी 20 खिलाड़ियों को खरीदेगी. वहीं, पांच खिलाड़ी फ्रेंचाइजी अपने मनपसंद के रख सकती है.

पांच पूल में बांटा गया खिलाड़ियों को

उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सीईओ अंकित चटर्जी के मुताबिक फ्रेंचाइजियों से करार और खिलाड़ियों की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो गई है. टीमों के नाम का भी ऐलान भी किया जाएगा. खिलाड़ियों का खर्च फ्रेंचाइजी को अलग से उठाना होगा.

नीलामी के लिए खिलाड़ियों को पांच पूल में बांटा गया है. इसमें बैटिंग, स्पिनर, मीडियम पेसर, ऑलराउंडर और विकेटकीपर को रखा गया है. उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों की नीलामी तीन वर्ग में होगी. हर वर्ग के खिलाड़ी प्रत्येक फ्रेंचाइजी को लेने होंगे. इसमें अंतरराष्ट्रीय, आईपीएल और घरेलू क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी शामिल हैं.

इन खिलाड़ियों की सबसे ज्यादा डिमांड

लखनऊ के ताज होटल में चल रही यूपी टी 20 लीग नीलामी में सभी छह फ्रेंचाइजी यूपी के दिग्गज खिलाड़ियों को खरीदने का प्रयास में लगी है. आईपीएल से जुड़े खिलाड़ी अंकित राजपूत, भुवनेश्वर कुमार, प्रियम गर्ग, रिंकू सिंह, करण शर्मा, उपेंद्र यादव, अक्षदीप नाथ, आर्यन जुआल, शिवम मावी, सौरभ कुमार, कार्तिक त्यागी पर सभी की निगाह है.

कुल 33 मुकाबले खेले जाएंगे

यूपी टी-20 प्रीमियर लीग में कुल 33 मुकाबले खेले जाने हैं. इसके लिए ग्रीन पार्क में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. यहां बनी नौ पिच में पांच का उपयोग टूर्नामेंट के लिए किया जाएगा. इसके लिए तीन, चार, पांच, छह और सात नंबर पिच को तैयार किया जा रहा है. यह फैसला पिछले दिनों यहां का निरीक्षण करने आई प्रसारण कंपनी जियो से बात होने के बाद तय हुआ है. वहीं दो स्ट्रिप विकेट भी बनाई जाएंगी जो तीन और सात नंबर पिच के बगल में होंगी.

इस बीच उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) की ओर से ग्रीन पार्क में होने जा रही यूपी टी-20 लीग में पार्किंग एक अहम मुद्दा सामने आया है. एसोसिएशन के निदेशक रियासत अली ने ग्रीन पार्क स्टेडियम का निरीक्षण किया. इस दौरान ग्रीन पार्क में सबसे पहले पार्किंग की समस्या सामने आई. स्टेडियम में लगी लाइट का फोकस कम पाया गया.

डे-नाइट मैच के लिए रोशनी कम मिली

यूपी टी-20 क्रिकेट लीग के प्रसारण के लिए टीम लगातार ग्रीनपार्क का निरीक्षण कर रही है. टीम ने पाया कि स्टेडियम में डे-नाइट मैच को मानक के हिसाब से 2500 लक्स (प्रकाश की यूनिट) रोशनी होनी चाहिए. वर्तमान में 2300 लक्स प्रकाश की व्यवस्था है. यूपीसीए निदेशक रियासत अली के मुताबिक लाइट सुधारने के लिए पांच करोड़ खर्च होंगे पांच से छह लाइट लगवाने को कहा गया है. वहीं, ग्रीनपार्क में पार्किंग की भी समस्या है.पहले जो भी मैच हुए थे, तब पुराने पवेलियन की ओर प्रशासन व वीआईपी गाड़ियां पार्क होती थीं लेकिन अब वहां पर कैफे है.

31.25 लाख रुपए है एक मैच की फीस

प्रसारण की टीम ने अलग से लाइट लगाने के लिए एसोसिएशन से कहा था. वहीं, यूपीसीए ने स्टेडियम की फीस अभी तक नहीं जमा की है. जिलाधिकारी विशाख जी ने एसोसिएशन को पत्र जारी कर फीस जमा कराने को कहा है. एसोसिएशन को प्रति मैच के हिसाब से 31.25 लाख रुपए फीस देनी होगी.

फीस जमा किए बिना मैच खेलने की नहीं दी जाएगी इजाजत

एसोसिएशन को राज्य कोष के खाते में 10.31 करोड़ रुपए जमा करने होंगे. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी से फीस माफ करने की मांग की है. हालांकि जिलाधिकारी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि ये उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. शासन स्तर पर ही फीस माफ की जा सकती है. ऐसा नहीं करने पर लीग का कोई भी मैच ग्रीन पार्क स्टेडियम में नहीं खेला जा सकता है.

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