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झारखंड: इक्कीसो महादेव व स्वर्णरेखा नदी को बचाने के लिए चलेगा पोस्टकार्ड अभियान, पीएम व सीएम से लगाएंगे गुहार

स्वर्णरेखा नदी की सफाई और प्राचीन 21 शिवलिंगों को संरक्षित करने के अभियान को लोगों का व्यापक समर्थन मिल रहा है. अब स्वर्णरेखा उत्थान समिति के द्वारा बड़े स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पोस्टकार्ड लिखने का अभियान चलाया जाएगा. इसकी औपचारिक शुरुआत 22 अगस्त से की जाएगी.

रांची: स्वर्णरेखा और हरमू नदी के संगम पर स्थित नागवंशी धरोहर इक्कीसो महादेव को बचाने की मुहिम अब रंग ला रही है. रांची के स्वतंत्र पत्रकार सुधीर शर्मा द्वारा स्वर्णरेखा नदी की सफाई और प्राचीन 21 शिवलिंगों को संरक्षित करने के अभियान को लोगों का व्यापक समर्थन मिल रहा है. अब स्वर्णरेखा उत्थान समिति के द्वारा बड़े स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पोस्टकार्ड लिखने का अभियान चलाया जाएगा. इसकी औपचारिक शुरुआत 22 अगस्त से की जाएगी. समिति के सदस्य हर परिवार से स्वर्णरेखा और इक्कीसो महादेव को बचाने के लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड लिखने की अपील करेंगे.

22 अगस्त से औपचारिक शुरुआत

समिति के सुधीर शर्मा ने बताया कि इसकी औपचारिक शुरुआत 22 अगस्त से किशोरगंज स्थित एलपी पब्लिक स्कूल से की जाएगी, जहां के 600 बच्चे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड लिखेंगे. कई स्कूलों ने इस अभियान में भाग लेने पर अपनी सहमति जताई है. पहले चरण में रांची के अलावा रामगढ़, बुंडू, मैक्लुस्कीगंज एवं अन्य जगहों के स्कूली बच्चे इस अभियान का हिस्सा बनेंगे.

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21 लाख पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लिखने का लक्ष्य

स्वर्णरेखा उत्थान समिति की ओर से पूरे झारखंड से 21 लाख पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लिखने का लक्ष्य रखा गया है. हर परिवार कम से कम 2 पोस्टकार्ड लिखे. 1 रुपया खर्च करके लोग इस विषय को अगर पोस्टकार्ड के माध्यम से आगे बढ़ाते हैं तो निश्चित रूप से स्वर्णरेखा को स्वच्छ और इक्कीसो महादेव को संरक्षित किया जा सकेगा.

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रीडिस्कवर झारखंड की रत्ना राय बता रहीं मुहिम ला रही रंग

रीडिस्कवर झारखंड ने भी सोशल मीडिया के जरिए लोगों से इन्हें संरक्षित करने की अपील की. रत्ना राय खुद बता रही हैं कि मुहिम कितनी असरदार रही.

21 किलोमीटर की पैदल कांवर यात्रा की गयी

आपको बता दें कि 13 अगस्त को जनजागरूकता के उद्देश्य से स्वर्णरेखा के उद्गम स्थल रानीचुआं से लेकर चुटिया स्थित इक्कीसो महादेव तक की 21 किलोमीटर की पैदल कांवर यात्रा का आयोजन किया गया था. इसमें 400 से अधिक कांवरियों ने इस यात्रा के माध्यम से लोगों को जागरूक किया. इस कांवर यात्रा के बाद इक्कीसो महादेव में श्रद्धालुओं की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. लोग अब दूर-दूर से इक्कीसो महादेव के दर्शन को आ रहे हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के अभाव और गंदगी के कारण लोगों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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आप ऐसे जुड़ सकते हैं अभियान से

इक्कीसो महादेव और स्वर्णरेखा नदी को बचाने के लिए समिति के इस पोस्टकार्ड अभियान से जुड़ने के लिए 7033559577, 9304619908 और 7004789033 पर संपर्क किया जा सकता है.

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स्वच्छ स्वर्णरेखा और इक्कीसो महादेव के संरक्षण की अपील

झारखंड की जीवनधारा कही जानेवाली स्वर्णरेखा नदी को प्रदूषणमुक्त करने एवं इस प्रदूषण से विस्मृत हो रहे इक्कीसो महादेव के 21 शिवलिंगों को संरक्षित करने के उद्देश्य से स्वर्णरेखा उत्थान समिति के आह्वान पर करीब 400 कांवरियों ने नंगे पांव पैदल चलकर लोगों से नदी को बचाने की अपील की. पिछले दिनों स्वर्णरेखा के उद्गम स्थल नगड़ी के रानीचुआं से चुटिया स्थित इक्कीसो महादेव तक 21 किलोमीटर की पैदल कांवर यात्रा का उत्साह देखने लायक था. पथरीले रास्तों और कड़ाके की धूप में भी कांवरियों का उत्साह कम नहीं हुआ. कावंरियों ने रानीचुआं के धान के खेत में फिसलन भरी मेड़ों से होकर रानीचुआं में पवित्र जल भरकर कांवर यात्रा की शुरूआत की और 21 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर शाम को चुटिया स्थित 21 महादेव के 21 शिवलिंगों में जलाभिषेक किया.

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पड़ाव स्थलों पर कांवरियों का हुआ था भव्य स्वागत

इस यात्रा में चार पड़ाव स्थल बनाए गए थे. नगड़ी स्थित स्वर्णरेखा बैंक्वेट हॉल, कटहल मोड़, अरगोड़ा के बूढ़ा महादेव और क्लब रोड स्थित सिटी सेंटर में कांवरियों का भव्य स्वागत किया गया था. कांवरियों के लिए सभी स्थानों पर पानी, चाय, फल, मिठाई एवं विश्राम की व्यवस्था की गयी थी. पूरे रास्ते में जगह-जगह पर लोगों ने पानी, शरबत और पुष्प वर्षा कर कांवरियों का स्वागत किया गया था.

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कांवरियों ने दिया जागरूकता का संदेश

इस यात्रा में कांवरिए हाथों में नदी बचाने की अपील और जागरूकता संबंधी तख्तियां लिए हुए थे. स्वर्णरेखा को डस्टबिन नहीं बनाने की अपील करते हुए समिति के सदस्यों ने शहरवासियों से अपील की कि अगर आज स्वर्णरेखा को नहीं बचाया गया तो आनेवाले दिनों में स्वर्णरेखा भी हरमू नदी की तरह एक नाला बनकर रह जाएगी. कांवर यात्रा को सफल बनाने में विकास जायसवाल, नीरज सिंह, दीपेश पाठक, मखन पाठक, गौतम देव, मनोज महतो, नंदकिशोर, पिया बर्मन, जयनाथ पाण्डेय, डॉ सुमन दुबे, बिप्लव विश्वास, संजय बोस, विवेक राज एवं सभी सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

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