गुमला, दुर्जय पासवान : गुमला जिला अंतर्गत कामडारा थाना के कोडेकेरा गांव निवासी ऐरावत कुमार की पत्नी प्रियंका देवी (27 वर्ष) की कीटनाशक खाने से मौत हो गयी. ऐरावत राजकीय उत्क्रमित मवि कोडेकेरा के सहायक शिक्षक है. प्रियंका की मौत के बाद मृतका के परिजनों ने ऐरावतद व उसके परिवार के लोगों पर दहेज के लिए प्रियंका के साथ मारपीट करने व जहर खाने के लिए मजबूरन करने का आरोप लगाया है.
परिवार से तंग आकर कीटनाशक का सेवन कर ली
जानकारी के अनुसार, प्रियंका देवी ने शुक्रवार की शाम अपने पति व उसके परिवार से तंग आकर कीटनाशक का सेवन कर ली. इसके बाद प्रियंका को पड़ोसियों ने कामडारा थाना पहुंचा दिया. जहां उसका फर्द ब्यान होने के कारण वह बेहोश हो गयी. जिसके बाद पुलिस कर्मियों द्वारा उसे रेफरल अस्पताल, बसिया में भरती कराया गया. जहां उसका इलाज शुरू हुआ. लेकिन, शनिवार को उसकी तबियत बिगड़ने पर उसे रेफरल अस्पताल बसिया द्वारा शनिवार की शाम को सदर अस्पताल गुमला रेफर कर दिया गया. जहां इलाज के क्रम में रविवार की अहले सुबह 12.30 बजे उसकी मौत हो गयी. इधर, प्रियंका की मौत की सूचना पर ऐरावत कुमार जब अस्पताल पहुंचे, तो मृतका के रिश्तेदारों ने उसे घेर लिया. मृतका के दो बच्चे हैं.
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गुमला पुलिस ने बयान दर्ज किया
अस्पताल प्रबंधन ने प्रियंका की मौत की सूचना गुमला पुलिस को दी. इसके बाद गुमला थाना के एसआइ दिलीप टुडू ने शव का पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया. मायके वालों से लिखित आवेदन व मृतका के पति के ब्यान को कलमबद्ध कर कामडारा थाना को अग्रसारित किया गया. मृतका के मायके वालों ने प्रियंका के पति, सास, ससुर, ननद एवं नंदोई के खिलाफ उसकी बेटी की हत्या करने के मामले में लिखित शिकायत की है.
मेरी बहन को जबरन जहर खिलाया गया : भाई
लोहरदगा जिला के निंगनी गांव निवासी देवेंद्र प्रसाद साहू ने कहा है कि उसकी बहन प्रियंका देवी का विवाह एक मार्च 2012 को हुआ था. एक साल के अंदर ही उसकी बहन को ससुराल वालों द्वारा दहेज की खातिर शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था. दहेज नहीं देने पर बार बार उसकी बहन के साथ मारपीट की जाती थी. इस संबंध में गांव व घर में कई बार पंचायती भी हुई थी. जहां उसके पति को ऐसा नहीं करने की बात कही जाती थी. लेकिन लड़का व उसके परिवार वाले इस बात को नहीं माने और 18 अगस्त को दहेज के कारण उसकी बहन के साथ मारपीट कर उसे जबरजस्ती कीटनाशक पिलाकर उसकी हत्या कर दी.
कामडारा पुलिस ने तत्परता नहीं दिखायी
परिजनों का कहना है कि प्रियंका के जहर खाने के बाद पड़ोसियों ने मदद के लिहाज से उसे कामडारा थाना पहुंचा दिया था. लेकिन, जहर खाने के बाद भी कामडारा थाना में बैठाकर प्रियंका से पूछताछ किया गया. जब प्रियंका बेहोश हुई, तो उसे पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया है. अब सवाल यह है कि अगर वाकई में प्रियंका को जहर खाने के बाद थाना में बैठाया गया था, तो इसकी भी जांच होनी चाहिए. किस पुलिस अधिकारी ने जहर खाने के बाद भी इलाज कराने के बजाये बयान लेना पहला कर्तव्य समझें.
कामडारा थानेदार कौशलेंद्र की सुनिये
कामडारा थानेदार कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि पीड़िता के परिवार वालों द्वारा आवेदन दिया गया है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. छानबीन के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा है कि पीड़िता के जहर खाने के बाद कामडारा थाना नहीं आयी थी. उसे सीधा पड़ोसियों द्वारा रेफरल अस्पताल में भरती कराया गया था. जहां से उसे गुमला रेफर कर दिया गया था. जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गयी.
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