मथुरा. मथुरा में हरियाली तीज का पर्व धूमधाम और भक्ति के साथ मनाया गया. बांके बिहारी मंदिर में भगवान बांके बिहारी ने 20 किलो सोना और 100 किलो चांदी से बने झूले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए. बांके बिहारी मंदिर में हरियाली तीज पर साल में एक बार झूला डाला जाता है. यहां भगवान बांके बिहारी गर्भगृह से निकलकर आंगन में डाले गए झूले में विराजमान होते हैं. भगवान बांके बिहारी पहली बार इस झूले में 15 अगस्त 1947 को विराजमान हुए थे.
सावन माह के शुक्ल पक्ष तीज को हरियाली तीज मनाई जाती है. इस दिन ब्रज के मंदिरों में झूले में भगवान को विराजमान करने की परंपरा है. हरियाली तीज पर बांके बिहारी मंदिर को हरे कपड़े से सजाया गया. इससे मंदिर हरियाली से भरा नजर आया. मान्यता है कि सावन में बारिश होने के कारण हर तरफ हरियाली होती है. द्वापर में भगवान कृष्ण ‘ ने हरियाली तीज के दिन राधा रानी के साथ झूले में विराजमान होकर झूले का आनंद लिया था.
हरियाली तीज पर भगवान बांके बिहारी जी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इसे देखते हुए समय में परिवर्तन किया गया. बांके बिहारी के दर्शन सुबह के समय 7:45 बजे से दोपहर 2 बजे तक हुए. वहीं शाम के समय 5 बजे से रात 11 बजे तक दर्शन हुए.
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आम दिनों में मंदिर सुबह 7:45 बजे से 12 बजे तक और शाम को 5:30 बजे से रात 9:30 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है. भक्तों की भीड़ को देखते हुए हरियाली तीज पर मंदिर 12 घंटे 15 मिनट खुला. वहीं आम दिनों की बात करें तो मंदिर 8 घंटे 15 मिनट ही खुलता है. हरियाली तीज पर मंदिर 4 घंटे ज्यादा खुला.
मथुरा आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के खास इंतजाम किए. शहर के चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई. भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए. शहर को तीन जोन, 18 सेक्टर में बांट कर अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को जोन प्रभारी बनाया गया.