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धनबाद में तस्करों की दबंगई ऐसी कि बीच सड़क पर हाइवा को रोक उतार लेते हैं कोयला

झरिया कोयलांचल में एक बार फिर कोयले का अवैध कारोबार परवान चढ़ने लगा है. पिछले दिनों छापेमारी और आपसी विवाद के कारण यहां अवैध धंधे में कुछ कमी आयी थी, पर एक बार फिर से तस्करों ने धंधे को हवा दे दी है. धनबाद के स्याह पक्ष की इस कड़ी में आज पढ़ें झरिया में कोयले के काले कारोबार की कहानी.

धनबाद, मनोहर कुमार : झरिया कोयलांचल में स्थानीय ग्रामीणों और बाहर के मजदूरों के बल पर एक बार फिर से कोयला चोरी शुरू हो गयी है. इस बार कुछ नये सिंडिकेट की इंट्री हुई है, तो अधिकांश पुराने लोगों ने मिल-बैठ कर अपना-अपना इलाका तय कर लिया है. पाथरडीह, भौंरा, शिमलाबहाल, घनुडीह, पुराना रेलवे रेलवे स्टेशन, कुजामा, मोहरीबांध व बस्ताकोला में लोडिंग प्वाइंट व आउटसोर्सिंग से कोयला उठवा ले रहे हैं दबंग, तो दूसरी ओर पहाड़ीगोड़ा व अन्य स्थानों पर अवैध मुहाना बना कर कोयला चाेरी जारी है. जानकारों के अनुसार कमोबेश हर इलाके में कोयले का अवैध धंधा जारी है.

दबदबा के अनुसार तय है इलाका

सूचना के मुताबिक जिसका जिस इलाके में दबदबा है, उस हिसाब से सिंडिकेट चलाने की मंजूरी दे दी गयी है. इस क्रम में एनटीएसटी जीनागोड़ा क्षेत्र में साव-अग्रवाल एंड कंपनी ने कोयला तस्करी के सिंडिकेट की कमान संभाल ली है, जबकि बस्ताकोला में जी पासवान एंड कंपनी काम करा रही है. दूसरी ओर चासनाला में आइ खान व बी सिंह व गौशाला के इलाके में जे साव एंड कंपनी का सिंडिकेट ना केवल रात के अंधेरे में, बल्कि दिन में भी कोयले की तस्करी करा रहा है. इनके अलावा के चौहान व आर यादव का सिंडिकेट घनुडीह व पुराना रेलवे स्टेशन और 9 व 6 नंबर रेलवे साइडिंग पर एल पासवान व एसके का वर्चस्व है.

झरिया का कोयला बिहार-यूपी के अलावा बंगाल जा रहा

झरिया कोयलांचल से निकलने वाला सर्वाधिक कोकिंग कोल जीटी रोट के भट्ठों में खप रहा है, जबकि नन कोकिंग कोल बिहार और यूपी के अलावा बंगाल भेजे जाने की बात कही जा रही है. इसके लिए सड़क मार्ग के अलावा नदी का रास्ता भी पसंदीदा रास्ता है.

बस्ताकोला कैंप के पीछे जमा हो रहा अवैध कोयला

बस्ताकोला ओसीपी व राजापुर कोल डंप से भी चोरी जारी है. यहां बीसीसीएल की माइंस से बेरोकटोक कोयला निकाला जा रहा है. यह कोयला बस्ताकोला कैंप के पीछे सात नंबर में जमा किया जा रहा है. वहां से रात के अंधेरे में गन्तव्य स्थल तक पहुंचाया जा रहा है. यहां जे पासवान, एन पासवान व एस यादव की जोड़ी काम कर रही है. जानकारी के मुताबिक इन इलाकों में तस्करों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि वे कोयले की ट्रांसपोर्टिंग में लगे हाइवा को भी जबरन रोक कोयला गिरा रहे हैं. इसके अलावा बेड़ा दोबारी व आमटाल होते हुए बलियापुर में भी अवैध कोयला खपाया जा रहा है. जानकार बताते हैं कि बस्ताकोला से गोलकडीह-6 नंबर साइडिंग में कोयला ट्रांसपोर्टिंग कर रहे वाहनों से भी तस्कर जबरन बीजीआर कैंप से लेकर सहाना पहाड़ी के बीच कोयला उतार लेते हैं. राजापुर कोल डंप, ऐना व न्यू गोधर कुसुंडा से भी बड़े पैमाने पर कोयले की हेराफेरी की सूचना है. यहां ट्रांसपोर्टिंग की आड़ में कोयले की हेराफेरी हो रही है.

पाथरडीह पुराना थाना से कुछ ही दूरी पर अवैध डिपो

पाथरडीह थाना क्षेत्र में पुराना थाने से कुछ ही दूरी पर कोयले का अवैध डिपो संचालित हो रहा है. सूचना के मुताबिक यहां इ खान व बी सिंह संचालन का जिम्मा संभाल रहे हैं. चर्चा है कि हर दिन बीसीसीएल के इजे एरिया स्थित चंदन ओसीपी (एक्स पैच) से साइकिल के माध्यम से कोयला निकाल कर डिपो तक पहुंचाया जाता है.

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गौशाला पंप के पीछे अवैध कांटा लगा हो रही खरीदारी

गौशाला थाना क्षेत्र के एक पंप के पीछे संचालित हो रहे अवैध डिपो में बकायदा कांटा लगा कर कोयले की खरीदारी की जा रही है. जे साव एंड कंपनी के लोग कोयला निकाल कर उक्त डिपो तक पहुंचा रहे हैं. कोयला पहुंचे वाले मजदूरों को दो से ढाई रुपये प्रति किलो के हिसाब से भुगतान किया जाता है.

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