नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को बहुप्रतीक्षित भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (भारत एनसीएपी) को लॉन्च कर दिया है. यह सड़क सुरक्षा और कार मानकों में सुधार के लिए भारत के स्वदेशी कार दुर्घटना परीक्षण कार्यक्रम के रूप में आता है. इस कार्यक्रम को अक्टूबर 2023 से पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा. इसके साथ ही, भारत अब अमेरिका, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के बाद न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम लागू करने वाला दुनिया का पांचवां देश बन गया. अभी तक भारत में बनाई गई कारों की सेफ्टी रेटिंग ग्लोबल एनसीएपी के जरिए तय की जाती थी, लेकिन अक्टूबर से इस कार्यक्रम के लागू हो जाने के बाद अब घरेलू स्तर पर ही कारों का क्रैश टेस्ट करके सेफ्टी रेटिंग तय की जाएगी. सरकार ने कहा है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य कार ग्राहकों को बाजार में उपलब्ध मोटर वाहनों की दुर्घटना सुरक्षा का तुलनात्मक मूल्यांकन करने के लिए एक उपकरण प्रदान करना है.
कार दुर्घटना से होने वाली मौत में कमी आने की उम्मीद
भारत एनसीएपी के जरिए 3,500 किलोग्राम तक वजन वाले मोटर वाहनों के वाहन सुरक्षा मानकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अलावा भारत में निर्मित कारों को वैश्विक बाजार में बेहतर स्थिति में लाने और देश की निर्यात क्षमता में सुधार करने की उम्मीद है. इससे पूरे भारत में सड़क दुर्घटना से संबंधित मौतों और चोटों को कम करने की उम्मीद है. मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टोयोटा जैसे कार निर्माता पहले ही इस कार्यक्रम को घरेलू ऑटो उद्योग के लिए सही दिशा में एक साहसिक कदम बता चुके हैं.
सेफ्टी रेटिंग के लिए कारों को पास करना होगा क्रैश टेस्ट
भारत एनसीएपी कार्यक्रम के तहत देश में मौजूद कार निर्माता ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (एआईएस) 197 के तहत अपनी कारों को स्वैच्छिक परीक्षण के लिए जमा कर सकेंगे. इसके साथ ही, भारत एनसीएपी के पास निर्मित कारों को चुनने और लेने का अधिकार होगा. भारत में या स्वैच्छिक क्रैश परीक्षण के लिए शोरूम से देश में आयात किया जाता है, जिसका उद्देश्य प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है. इन कारों का परीक्षण विभिन्न क्रैश टेस्ट तरीकों से किया जाएगा और इन्हें वयस्क यात्री सुरक्षा (एओपी) और बाल यात्री सुरक्षा (सीओपी) के लिए स्टार रेटिंग दी जाएगी.
कैसे तैयार किया गया डिजाइन
कारों को भारत एनसीएपी मूल्यांकन के लिए योग्य होने और थ्री स्टार या इससे ऊपर की रेटिंग प्राप्त करने के लिए मॉडल को मानक के रूप में इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता नियंत्रण (ईएससी) से लैस किया जाना चाहिए. भारत एनसीएपी को कुछ परीक्षणों के लिए अपडेटेड ग्लोबल एनसीएपी प्रोटोकॉल और यूरो एनसीएपी के आधार पर डिजाइन किया गया है, जो कई वर्षों से उद्योग का मानक रहा है. भारत एनसीएपी की शुरुआत के साथ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को उम्मीद है कि देश में सुरक्षित कारों की मांग बढ़ेगी, जिससे कार निर्माताओं को ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
भारत एनसीएपी का मानक तय
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम एक क्रैश टेस्ट मूल्यांकन कार्यक्रम है, जो वाहनों की क्रैश टेस्टिंग के बाद उन्हें उनके परफॉर्मेंस के आधार पर जीरो से फाइव स्टार रेटिंग दी जाएगी. केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देश में कारों का क्रैश टेस्ट करने और उन्हें सेफ्टी रेटिंग देने के लिए मानक भी तय कर दिया है. इस कार्यक्रम के लागू हो जाने के बाद वाहन निर्माता अपनी गाड़ियों को टेस्ट के आधार पर सेफ्टी रेंटिंग देंगे, जिससे खरीदारों को वाहनों का चयन करने में सहूलियत होगी.
कौन करेगा गाड़ियों का क्रैश टेस्ट
देश में भारत एनसीएपी के तहत कारों का क्रैश टेस्ट करने का काम ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) नामक एजेंसी द्वारा किया जा रहा है. एआरएआई ने भी सभी मानकों के आधार पर वाहनों का क्रैश टेस्ट करने की तैयारी पूरी कर ली है. बताया जा रहा है कि वाहनों का क्रैश टेस्ट करने के लिए एआरएआई की ओर से महाराष्ट्र के पुणे और चाकन में आधुनिक तकनीक से लैस लेबोरेटरी तैयार की गई है, जिसमें अभी करीब 800 से अधिक प्री-एनसीएम क्रैश टेस्ट किए गए हैं. ये एजेंसी अंतरराष्ट्रीय स्तर के टेस्ट को भी करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
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एनसीएपी लागू करने वाला भारत पांचवां देश
कार दुर्घटना सुरक्षा कार्यक्रम लागू करने के मामले में अमेरिका, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के बाद अब भारत पांचवा देश बनने को तैयार है. मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भारत एनसीएपी को लॉन्च करेंगे और इसके बाद पूरे देश में बड़े पैमाने पर इस कार्यक्रम को क्रियान्वित किया जाएगा.