Lucknow News: भारत के चंद्रयान 3 मिशन (Chandrayaan Mission) पर जहां पूरी दुनिया की निगाहें लगी हुई हैं, वहीं इसे लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अहम फैसला किया है. इसके तहत प्रदेश के स्कूलों में 23 अगस्त की शाम को मिशन चंद्रयान का लाइव टेलिकास्ट होगा. इसके लिए शाम को 5:15 से 6:15 तक एक घंटे के लिए स्कूलों को खोला जाएगा.
यूपी में 23 अगस्त की शाम को एक घंटे के लिए स्कूल खोले जाएंगे. प्रदेश में यह पहला मौका होगा, जब इस तरह के विशेष उद्देश्य के साथ स्कूलों को शाम को खोला जाएगा. इस दौरान चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की लैंडिंग को प्रदेश के स्कूल के बच्चे टीवी या यूट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारण के माध्यम से देख सकेंगे. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से मिले निर्देश के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसके लिए स्कूलों को व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.
महानिदेशक स्कूल शिक्षा और राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय से जारी सर्कुलर में सभी प्राचार्य और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों से छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के साथ शाम 5:15 बजे से 6:15 बजे तक विशेष सभा कराएं. इसके साथ ही सीधा प्रसारण में सम्मिलित होने के लिए विद्यालयों को जरूरी निर्देश जारी करें.
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महानिदेशक स्कूल शिक्षा और राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय की ओर से कहा गया है कि भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण की खोज चंद्रयान-3 मिशन के साथ ही एक उल्लेखनीय मील के पत्थर तक पहुंच गई है, जो चंद्रमा पर उतरने के लिए तैयार है. यह भारतीय इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी और उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
बताया गया है कि 23 अगस्त को शाम 5:27 पर चंद्रयान-3 का चंद्रमा पर उतरने की प्रक्रिया का सीधा प्रसारण शुरू ISRO (Indian Space Research Organisation) की ऑफिशियल वेबसाइट https://www.isro.gov.in/ एवं का आधिकारिक यूट्यूब चैनल (https://www.youtube.com/@isroofficial5866) और डीडी नेशनल (DD National) पर किया जाएगा.
इस तरह भारत के चंद्रयान का चांद पर उतरना एक यादगार मौका है, जो न सिर्फ जिज्ञासा को बढ़ाएगा बल्कि युवाओं के मन में अन्वेषण के लिए एक जुनून भी जगाने का काम करेगा. इसलिए बच्चों को चंद्रयान मिशन का सीधा प्रसारण दिखाने के लिए 23 अगस्त को शाम 5:15 से 6:15 तक स्कूलों को खोलने के लिए कहा गया है. इस दौरान प्रदेश के स्कूलों में चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने का लाइव प्रसारण बच्चों को दिखाया जाएगा. चंद्रमा पर चांद की लैंडिंग का लाइन ब्रॉडकास्ट भी किया जाएगा. इसरो के अलग-अलग सोशल मीडिया हैंडल पर लाइव ब्रॉडकास्टिंग देखने का मौका मिलेगा. आप इसरो के ट्विटर हैंडल @isro पर भी लाइव देख सकेंगे.
हर किसी की निगाहें चंद्रयान की सुरक्षित लैंडिंग रहेगी. इसी क्रम में यूजीसी ने चंद्रमा की यात्रा की जानकारी देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों के माध्यम से विद्यार्थियों को देने की अपील की है. जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि इससे गर्व और एकता की गहरी भावना पैदा होगी, क्योंकि हम सामूहिक रूप से भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शक्ति का उत्सव मनायेंगे. भारत के प्रधानमंत्री इन महत्वपूर्ण क्षणों के अवसर पर राष्ट्र के साथ सम्मिलित होंगे और राष्ट्र को सम्बोधित भी करेंगे.
जब आखिरी 15 मिनट में इसरो इस टेक्निकल ट्रिक को परफॉर्म करेगा, तो चंद्रयान हाई स्पीड क्षैतिज से लंबवत पॉजिशन में ट्रांसफर हो जाएगा. इसके बाद चंद्रयान-3 को धीरे-धीरे करके चांद की सतह पर उतारा जाएगा. इस ट्रिक को परफॉर्म करने से सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया आसान हो जाएगी और भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर यान उतारने वाला पहला देश बन जाएगा.
सितंबर 2019 में जब चंद्रयान-2 सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश कर रहा था, तो इसे ठीक तरीके से हाई स्पीड क्षैतिज से लंबवत पॉजिशन में ट्रांसफर नहीं कराया जा सका था, जिसके कारण सतह से 7.42 किमी की ऊंचाई पर फाइन ब्रेकिंग फेज में एंट्री करने से पहले वो चांद की सतह से टकरा गया था और चंद्रयान-2 मिशन फेल हो गया था.
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा है कि चंद्रयान-3 को क्षैतिज से लंबवत करने के लिए कई कैलकुलेशन किए जा चुके हैं. इस बार लैंडिंग से पहले यान करीब 90 डिग्री एंगल में झुका होगा और फिर उसे पूरी तरह से लंबवत पॉजिशन में आना होगा.
इस दौरान यान जब चांद की सतह से 30 किमी की ऊंचाई पर होगा, तब इसकी क्षैतिज गति को करीब 1.68 किमी प्रति सेकेंड से 0 किमी प्रति सेकेंड तक कम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लैंडिंग करने के लिए क्षैतिज स्थिति से लंबवत स्थिति में ट्रांसफर करना इसरो की वो ट्रिक है, जिसे हमें यहां अच्छे से परफॉर्म करना है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ईंधन की खपत कम हो, दूरी की गणना सही हो और सभी एल्गोरिदम ठीक से काम कर रहे हों.