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झारखंड में बड़ा रेल हादसा टला, स्टेशन मास्टर ने नहीं दिखायी होती तत्परता तो चली जाती सैंकड़ों जानें

भभुआ स्टेशन मास्टर ने वॉकी-टॉकी से लोको पायलट सुरेश उरांव (धनबाद), लोको पायलट मातिम राम तथा ट्रेन मैनेजर रवींद्र शर्मा (गोमो) को जानकारी दी कि आपकी ट्रेन लाल सिग्नल पास कर गयी है

डाउन चंबल एक्सप्रेस (12178) सोमवार की रात भभुआ रोड के पास लाल सिग्नल पास कर गयी, जिससे पंडित दीनदयाल उपाध्याय तथा धनबाद रेल मंडल में खलबली मच गयी. ट्रेन को भभुआ से दूसरे चालक दल की सहायता से गंतव्य की ओर रवाना किया गया. भभुआ रोड स्टेशन का डाउन होम सिग्नल पोल नंबर 621/06 के पास है, जहां चंबल एक्सप्रेस को रोकने के लिए लाल सिग्नल दिया गया था. लेकिन ट्रेन यह लाल सिग्नल पास कर गयी.

भभुआ स्टेशन मास्टर ने वॉकी-टॉकी से लोको पायलट सुरेश उरांव (धनबाद), लोको पायलट मातिम राम तथा ट्रेन मैनेजर रवींद्र शर्मा (गोमो) को जानकारी दी कि आपकी ट्रेन लाल सिग्नल पास कर गयी है. इसके बाद चालक दल ने आनन-फानन में इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रात 9:48 बजे पोल नंबर 620/28 के पास ट्रेन रोकी. डाउन बीकानेर-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस उस समय वहां खड़ी थी.

स्टेशन मास्टर इस ट्रेन को खुलवाने के बाद तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर चंबल एक्सप्रेस को लेना चाह रहे थे. लेकिन उन्होंने चंबल एक्सप्रेस को लाल सिग्नल पास करता देख इस ट्रेन का दूसरा रूट बना दिया, जिससे चंबल एक्सप्रेस बीकानेर-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस से टकराने से बच गयी. इस दौरान ट्रेन का इंजन व 13 कोच लाल सिग्नल से 325 मीटर आगे निकल गया था. अगर कोई ट्रेन लाल सिग्नल से चंद कदम आगे भी बढ़ जाती है तो रेलवे इसे कागज पर दुर्घटना मानती है. चाहे किसी प्रकार की क्षति हो या न हो. इस तरह तकनीकी तौर पर यह एक हादसा ही है.

दोनों लोको पायलट व मैनेजर का हुआ ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट

वरीय अधिकारियों के निर्देश पर कार्यरत क्रू को भभुआ में डयूटी ऑफ करा दिया गया. दूसरे क्रू की सहायता से ट्रेन को गंतव्य की ओर रवाना किया गया. इस दौरान चंबल एक्सप्रेस भभुआ रोड स्टेशन में करीब सवा दो घंटे रुकी रही. मेडिकल टीम ने दोनों लोको पायलट तथा ट्रेन मैनेजर का ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया.

गंभीर चिंता का विषय

धनबाद रेल मंडल में हमेशा समय-समय पर सेफ्टी सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. रनिंग कर्मचारियों को संरक्षा का पाठ पढ़ाया जा रहा है ताकि दुर्घटना को शून्य किया जा सके. इसके बावजूद एक माह के अंदर दो एक्सप्रेस ट्रेनों के भभुआ रोड में लाल सिग्नल पास कर जाना गंभीर चिंता का विषय है.

हो सकते हैं कई कारण

अतिविश्वास के चक्कर में देर से ब्रेक करना, उचित रेस्ट नहीं मिलने पर ड्यूटी के दौरान झपकी लेना, ड्यूटी के दौरान तनाव में होना, मुख्यालय पहुंचने से कुछ मिनट पहले बैग में अपने सामानों को रखने के चक्कर में विलंब से ब्रेक करना आदि लाल सिग्नल पास होने के कारण हो सकते हैं.

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