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बिहार: भागलपुर के एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी डेंगू की चपेट में, हॉटस्पॉट बना ये इलाका..

बिहार के भागलपुर में डेंगू का आतंक बढ़ता जा रहा है. शहर में एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी डेंगू की चपेट में आ चुके हैं. डेंगू के रोकथाम के बीच शहर में पसरे कूड़े अड़चन बन रहे हैं. रोजाना अब अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. जानिए कौन सा इलाका हॉटस्पॉट बन गया है.

Bihar News: भागलपुर में डेंगू अब तेजी से पांव पसार रहा है. मायागंज अस्पताल के डेंगू वार्ड में मंगलवार को दो महिला समेत नौ डेंगू के मरीज भर्ती हुए. इनमें से छह शहर के और दो सन्हौला प्रखंड के निवासी हैं. एक मरीज गोड्डा जिला का है. डेंगू का एक मरीज स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज हो गया. इसके साथ ही डेंगू वार्ड में कुल डेंगू भर्ती मरीजों की संख्या बढ़कर 28 पर पहुंच गयी. मायागंज अस्पताल के हॉस्पिटल मैनेजर सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को शहर के तिलकामांझी, मायागंज, मशाकचक, भीखनपुर, खंजरपुर निवासी युवक व मायागंज अस्पताल परिसर स्थित पुराना नर्स क्वार्टर में रहने वाली महिला, सन्हौला प्रखंड के लक्ष्मीपुर निवासी महिला व इसी प्रखंड के कमलपुर निवासी युवक डेंगू का शिकार होकर मायागंज अस्पताल में भर्ती हुए. इधर, सदर अस्पताल में भी डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 20 से अधिक हो गयी. वहीं दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं.

भागलपुर का तिलकामांझी इलाका डेंगू का हॉटस्पॉट

भागलपुर का तिलकामांझी इलाका एक तरह से डेंगू का हॉटस्पॉट बन गया है. जिले में दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं. डेंगू के डंक ने तिलकामांझी थाने के पुलिसकर्मियों में हड़कंप मचा दिया है. यहां मुंशी व एसआइ समेत आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी डेंगू की चपेट में आ गए हैं. इनमें कई मरीजों का भागलपुर के JLNMCH तो एक का वाराणसी और प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है. आनंदगढ़ कॉलोनी में भी कई लोग डेंगू की चपेट में आ गए हैं.

एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी डेंगू की चपेट में

एक तरफ जहां भागलपुर जिला बल के कई थानों के एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी डेंगू की चपेट में आ चुके हैं, वहीं पुलिसकर्मियों के लिए अभी तक इससे बचाव के कोई भी उपाय नहीं किये गये हैं.

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शहर में फैली गंदगी का नहीं निकला उपाय

नगर निगम क्षेत्र को साफ और स्वच्छ बनाने को लेकर निगम प्रशासन द्वारा कई हथकंडे अपनाये जा रहे हैं, लेकिन शहर में गंदगी फैली हुई है. निगम सरकार द्वारा शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए कई जिम्मेदारों को जिम्मेदारियां दी गयी, लेकिन वह भी असफल रहा. मंगलवार को लालबाग स्थित कुलपति आवास के मुख्य द्वार के पास सड़क किनारे और सराय चौक पर कूड़ा जमा हुआ था. वहीं सदर अस्पताल के पीछे कूड़ा डंपिंग जोन में कूड़े का अंबार लगा हुआ था, और साथ ही शहर के कई हिस्सों में कूड़े का जमावड़ा देखा गया. ज्ञात हो कि नगर निगम द्वारा वार्ड नंबर 14 से 51 वार्ड में सफाई का जिम्मा निजी कंपनी को सौंपा गया है.

थानों का भी हाल बदहाल

शहर में मौजूद कई ऐसे थाने हैं जिनके पुलिस पदाधिकारी और कर्मी डेंगू से पीड़ित हो चुके हैं. वहीं थानों में बदहाली, भवन के भीतर रखे कागजों और जब्त सामानों के ढेर,थानों के बाहर हुए जल-जमाव और बजबजा रही नालियों में पनप रहे मच्छर और जब्त वाहनों के ढेर की वजह से डेंगू मच्छर अपना प्रकोप दिखा रहे हैं. इनमें तिलकामांझी थाना, बरारी थाना, कोतवाली थाना, इशाकचक थाना आदि जगहों पर स्थिति बद सब बदतर होते जा रहे हैं. एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों के डेंगू पीड़ित होने के बावजूद उससे निपटने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.

रोज बढ़ रहे डेंगू के मरीज

डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इससे पहले सोमवार को जांच के बाद डेंगू के पांच मरीजों की पहचान हुई थी. सदर अस्पताल व मायागंज अस्पताल में सोमवार को एक महिला समेत पांच डेंगू के मरीज भर्ती हुए. दोनों अस्पतालों के डेंगू वार्डों में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 27 हो गयी थी. 21 अगस्त को एक भी मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया गया था. मायागंज अस्पताल के हॉस्पिटल मैनेजर सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि सोमवार को तिलकामांझी की रहने वाली एक महिला समेत इशाकचक निवासी दो युवक डेंगू की चपेट में आये थे. इधर, पीरपैंती निवासी एक युवक भी डेंगू का शिकार होकर अस्पताल में भर्ती हुआ था. मायागंज के डेंगू वार्ड में इलाजरत मरीजों की संख्या बढ़कर 20 हो गयी. वहीं सदर अस्पताल में एक डेंगू का मरीज भर्ती हुआ. सदर अस्पताल में अब 20 से अधिक डेंगू मरीज भर्ती हैं.

टेमीफॉस का छिड़काव करने का निर्देश

सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ राजू कुमार ने बताया कि डेंगू वार्ड में अब बेड की संख्या बढ़ेगी. डीसीएचसी बिल्डिंग में 70 बेड लगाने की क्षमता है. डॉ राजू ने बताया कि डीएम सुब्रत कुमार सेन ने निर्देश दिया है कि अस्पताल परिसर में जहां भी डेंगू के लार्वा के पनपने की आशंका है, वहां पर एंटी लार्वा (टेमीफॉस) का छिड़काव कराया जाये.

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