निरसा कोयलांचल में रोक के बावजूद कोल संपदा की लूट जारी है. बीसीसीएल व इसीएल की आउटसोर्सिंग परियोजनाओं के आसपास इलाका व नदी के किनारे का क्षेत्र कोयला तस्करों के लिए सेफ जोन बन गया है. जानकार बताते है कि निरसा क्षेत्र में अवैध खनन व कोयला चोरी ना कभी बंद हुआ था और ना कभी होगा.
हालांकि समय-समय पर छापेमारी या सख्ती के बाद कोयला तस्करी का तरीका जरूर बदल जाता है. कुछ माह पहले तक निरसा में अवैध उत्खनन के साथ-साथ यहीं से कोयले की खरीद-बिक्री भी होती थी. लेकिन अब इसमें कमी आयी है और निरसा की जगह गोविंदपुर क्षेत्र का बरवा अवैध कोयले की खरीद-बिक्री का अड्डा बन गया है.
निरसा के भालजोड़िया, फटका व कुहुका और मुगमा के भालोकसुंदा स्थित खुदिया नदी से अवैध उत्खनन के लिए तस्करों ने जेसीबी से मुहाना व कुआं बना दिया है. इसमें घुसने व निकलने के लिए इस पर बांस व बल्ली लगा कर उसमें रस्सी बांध दिया गया है. कोयला चोर व तस्कर के आदमी इस रस्सी के सहारे कुआं में उतर कर कोयला काटते हैं.
अंदर से चोरी का कोयला रस्सी के सहारे खींच कर ऊपर बैठे तस्कर के आदमी निकालते हैं. कोई घटना होने पर बांस व बल्ला लगा कर जान बचाने की भी व्यवस्था की गयी है. कोयले को अहले सुबह व देर रात मिनी हाइवा व ट्रैक्टरों के माध्यम से आसपास व गोविंदपुर बरवा के चिह्नित उद्योगों में भेजा जाता है.
जानकारों के अनुसार, नदी में भले ही ऊपर पानी कम हो, पर उस इलाके में जमीन के अंदर पानी है. इस कारण नदी के बीच व किनारे बने अवैध उत्खनन स्थलों व कुआंनुमा खदानों में कभी भी पानी रिस कर भरने की आशंका बनी रहती है. इससे किसी बड़ी घटना से इनकार नहीं कर सकते.
निरसा क्षेत्र में ज्यादा जोखिम उठा अवैध खनन करते हैं मजदूर, पर उनके हिस्से 50 से 60 रुपया ही प्रति बोरा आता है. इसके अलावा चोरी के कोयला को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाले साइकिल व बाइक वालों को दूरी के हिसाब से पैसे का भुगतान होता है.
निरसा में अवैध धंधे का किंगपिन एस सिंह व वी यादव का सिंडिकेट है. इसके माध्यम से अवैध कोयला गोविंदपुर के हार्डकोक भट्ठों के अलावा बिहार-यूपी व बंगाल की मंडियों में पहुंचाया जा रहा है. इसके अलावा आर गोप एंड कंपनी, पी मरांडी, ए सिंह, सी अग्रवाल व सी बाउरी आदि का सिंडिकेट बेरोकटोक कोयले के काले कारोबार में लगा हुआ है. सूचना के मुताबिक आर गोप एंड कंपनी का अवैध डिपो कंचनडीह व चूड़यनाला सांगामहल में चल रहा है.
इसके अलावा चूड़यनाला सांगामहल में पी मरांडी, मैथन में सी अग्रवाल, बरमुडीह में ए सिंह व चापापुर देवियाना में सी बाउरी व पी बाउरी का सिंडिकेट काले कारोबार में लगा है. सूचना के मुताबिक चूड़यनाला से सर्वाधिक कोकिंग कोल की निकासी हो रही है. यह सब गोविंदपुर के हार्डकोक व अवैध भट्ठों में खप रहा है. जानकारों के अनुसार देवियाना व चापापुर की अवैध माइंस का अवैध कोयला स्थानीय भट्ठा में खप रहा है.
जगह-जगह से निकाले गये अवैध कोयला को बाहर भेजने के लिए मिनी हाइवा व पिकअप वैन का इस्तेमाल हो रहा है. इसको बेरोक-टोक पार कराने के लिए थानों से लेकर हर जगह का रेट तय है. इसे पासिंग रेट कहते हैं. इसके तहत 15 दिन के लिए मिनी हाइवा का पासिंग रेट 50 हजार व पिकअप वैन का 30 हजार रुपये तय है.
बरोरा. बीसीसीएल ब्लॉक दो एबीओसीपी की जमुनिया कोलियरी से सटी केशरगढ़ बस्ती के पास मंगलवार को माइंस इंस्पेक्टर विनोद प्रमाणिक के निरीक्षण के बाद ब्लॉक दो प्रबंधन ने बाघमारा पुलिस एवं सीआइएसएफ की मौजूदगी में दर्जनों अवैध मुहानों की डोजरिंग कर भराई की.
कतरास. न्यू आकाशकिनारी कोलियरी प्रबंधन ने सीआइएसएफ टीम के साथ मिलकर सलानपुर पैच में खोली गयी एक अवैध माइंस की डोजरिंग करवाकर भराई करा दी.
लोदना. लोदना सीआइएसएफ इंस्पेक्टर नीलेश कुमार ने सोमवार की देर रात पारबाद शिव मंदिर के समीप छापेमारी कर डिपो के समीप से 14 चक्का तीन ट्रक जेएच 10बीयू 6362, 3757, जेएच 10सीपी 6277 व जेएच 12डी 2927 जब्त किया. दो ट्रक पर करीब 25 टन आरओएम कोयला लोड था.
निरसा पुलिस अनुमंडल क्षेत्र के चापापुर, कांटा वन, रामकनाली, गोपालगंज, कुहूका, फटका, श्यामपुर, सिंहपुर, हड़ियाजाम, राजा कोलियरी ओसीपी के समीप, सेंट्रलपूल, खुदिया फाटक, बैजना कोलियरी के समीप, खुसरी ओसीपी के समीप, लखीमाता कोलियरी के समीप, मंडमन कोलियरी के समीप, कापासाड़ा ओसीपी के समीप, राजपुरा ओसीपी के समीप, बड़मुड़ी कोलियरी के समीप, दुधियापानी, पंचेत के दहीबाड़ी के समीप, कालूबथान ओपी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों सहित मैथन व बराकर नदी के किनारे कई जगहों पर अवैध खनन जारी है.