चुटिया थाना क्षेत्र के अनंतपुर निवासी और हरमू बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर के पद पर पदस्थापित रहे सुप्रियो मजूमदार की मौत को लेकर मंगलवार को मृतक के पिता आलोक मजूमदार ने चुटिया थाने में लिखित शिकायत की है. उन्होंने अपने बेटे की आत्महत्या के पीछे रामगढ़ में दर्ज केस के अनुसंधानक (आइओ) और रामगढ़ एसपी के रीडर को जिम्मेवार ठहराया है.
इसके अलावा उन्होंने रामगढ़ बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन अधिकारी बीके सिंह और प्रफुल कुमार बेहरा को आरोपी बनाया है. पुलिस ने चारों के खिलाफ केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है. मृतक की बहन सुहानी मजूमदार ने बताया कि उनके भाई को रामगढ़ पुलिस ने केस में नोटिस भेजकर बयान लेने के लिए बुलाया था. वह 17 अगस्त को रामगढ़ थाना गये थे.
तब उन्हें केस के आइओ ने कहा कि केस में आपकी गिरफ्तारी हो जायेगी, क्योंकि ऊपर से दबाव है. इसलिए आप डीएसपी और एसपी से मिल लीजिए. इस वजह से वह रामगढ़ एसपी से मिलने के लिए उनके ऑफिस चले गये. लेकिन, वहां उनकी मुलाकात रामगढ़ एसपी के रीडर से हुई. तब रीडर ने उनसे कहा, केस मैनेज कर लीजिए, वर्ना आपकी गिरफ्तारी हो जायेगी.
जब वह रामगढ़ डीएसपी के ऑफिस गये, तो वहां उनकी मुलाकात डीएसपी से नहीं हो सकी. सुहानी के अनुसार, इस घटना के बाद से उनके भाई काफी परेशान थे, क्योंकि उन्हें इस बात का डर हो गया था कि पुलिस उन्हें झूठे केस में फंसा कर गिरफ्तार कर लेगी. इसी डर के कारण वह रामगढ़ से लौटने के बाद ऑफिस भी नहीं जा रहे थे.
सुहानी के अनुसार, रामगढ़ में पदस्थापना के दौरान उनके भाई को जिस टैंकर लोन घोटाले में फंसाया गया था, इसमें उन्हें सीबीआइ से क्लीन चिट मिल चुकी थी. वह केस में सीबीआइ के गवाह भी थे. सुहानी के अनुसार, उनके भाई एक ईमानदार अधिकारी थे. पुलिस से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या के लिए कदम उठाया.