Adani Group: गौतम अदाणी समूह का चालू वित्त वर्ष की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही का कर-पूर्व लाभ (EBITDA) सालाना आधार पर 42 प्रतिशत बढ़ा है. समूह ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि उसके हवाई अड्डे से लेकर बिजली और समुद्री बंदरगाह क्षेत्रों ने इस दौरान उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है. अदाणी समूह ने बयान में कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में उसने 23,532 करोड़ रुपये का कर-पूर्व लाभ दर्ज किया. यह वित्त वर्ष 2018-19 में दर्ज 24,780 करोड़ रुपये के कर-पूर्व लाभ के लगभग बराबर है. समूह की 10 कंपनियां शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हैं. इनमें अदाणी एंटरप्राइजेज लि., अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लि., अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी पावर लि., अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस और अदाणी टोटल गैस शामिल हैं. करीब 42,115 करोड़ रुपये की नकदी को लेने के बाद इन कंपनियों पर शुद्ध रूप से कर्ज का बोझ 18,689.7 करोड़ रुपये है.
हिंडनबर्ग रिसर्च ने लगाया था गड़बड़ियों का आरोप
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में समूह पर कई तरह की गड़बड़ियों के आरोप लगाए गए थे. यह रिपोर्ट इस साल जनवरी में आई थी. उसके बाद से समूह के कुल बाजार मूल्यांकन में बड़ी गिरावट आई थी. ऐसे में अब समूह वापसी की रणनीति के तहत अपना परिचालन प्रदर्शन सुधारने पर ध्यान दे रहा है. हालांकि, समूह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था. समूह के प्रवर्तकों ने 10 सूचीबद्ध कंपनियों में से पांच की हिस्सेदारी जीक्यूजी पोटनर्स जैसे निवेशकों को बेची है. इससे समूह की कंपनियों के शेयरों में सुधार हुआ है. पहली तिमाही में समूह के मूल बुनियादी ढांचा और यूटिलिटी कारोबार का कर-पूर्व मुनाफा 20,233 करोड़ रुपये रहा है. यह कुल कर-पूर्व लाभ का 86 प्रतिशत बैठता है. इसी तरह समूह के हवाई अड्डा, हरित हाइड्रोजन और अन्य कारोबार का कर-पूर्व लाभ इस अवधि में सालाना आधार पर लगभग दोगुना होकर 1,718 करोड़ रुपये रहा है. यह कुल कर-पूर्व मुनाफे का सात प्रतिशत है. कंपनी के सीमेंट कारोबार का कर-पूर्व लाभ 54 प्रतिशत बढ़कर 1,935 करोड़ रुपये रहा.
एजीएम में जमकर बरसे थे अदाणी
18 जुलाई को आयोजित Adani Enterprises AGM में ग्रुप के मुखिया गौतम अडाणी (Gautam Adani) ने अमेरिका बेस्ड शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट बड़ा निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का मकसद केवल ग्रुप की छवि को वैश्विक बाजार में खराब करके मुनाफा कमाना था. रिपोर्ट गलत सूचना और बेबुनियाद आरोपों को मिलाकर तैयार की गई थी, जिनमें से ज्यादातर आरोप 2004 से 2015 तक के थे. बता दें कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च के द्वारा गौतम अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गयी थी. इस रिपोर्ट में कंपनी पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे. इसके बाद, ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली. ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी इंटरप्राइज के शेयर करीब 3500 रुपये से गिरकर एक हजार रुपये के करीब आ गए थे.
निवेशकों के हित में किया पैसा वापस
अडाणी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडाणी ने कहा कि इस रिपोर्ट के बाद भी समूह के एफपीओ को पूरा अभिदान मिल गया था, लेकिन निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उनका धन वापस करने का फैसला किया गया. हमने तुरंत इसका एक व्यापक खंडन जारी किया, लेकिन निहित स्वार्थों के चलते कुछ लोगों ने शॉर्ट-सेलर के दावों से फायदा उठाने की कोशिश की. इन्होंने विभिन्न समाचारों और सोशल मीडिया मंचों पर झूठी कहानियों को बढ़ावा दिया. इसका असर बाजार में भी देखने को मिला. हालांकि, अडाणी ग्रुप संकट से बाहर आ गया. उन्होंने बताया कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने गौर करने के लिए एक एक्सपर्ट समिति का गठन किया. इस समिति की रिपोर्ट को 2023 के मई में सार्वजनिक किया गया. एक्सपर्ट समिति की रिपोर्ट में साफ था कि ग्रुप में कोई नियामक विफलता नहीं मिली. रिपोर्ट में न केवल यह देखा गया कि कंपनी द्वारा किए गए शमन उपायों ने विश्वास को फिर से बनाने में मदद की, बल्कि यह भी बताया कि भारतीय बाजारों के लक्षित अस्थिरता के विश्वसनीय आरोप थे.
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