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अगले माह से कटेगा बिहारशरीफ और भागलपुर में स्वचालित इ-चालान, इस माह पटना में वसूले गये 7.28 करोड़

अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात) सुधांशु कुमार ने कहा कि राज्य में स्मार्ट सिटी के तहत चार प्रमुख शहरों में पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और बिहारशरीफ में यातायात नियंत्रण, रेगुलेशन व नियमों के उल्लंघन के विरुद्ध कार्रवाई में तेजी आयेगी.

पटना. बिहारशरीफ और भागलपुर में स्वचालित इ-चालान की प्रक्रिया एक माह में शुरू होगी.इससे जुड़ी प्रक्रिया को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. पटना और मुजफ्फरपुर में इससे संबंधित कार्रवाई अप्रैल, 2023 से की जा रही है. बुधवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात) सुधांशु कुमार ने दी.

स्मार्ट सिटी के तहत चार प्रमुख शहरों में तेज होगा अभियान

अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात) सुधांशु कुमार ने कहा कि राज्य में स्मार्ट सिटी के तहत चार प्रमुख शहरों में पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और बिहारशरीफ में यातायात नियंत्रण, रेगुलेशन व नियमों के उल्लंघन के विरुद्ध कार्रवाई में तेजी आयेगी. इसके तहत मुख्य रूप से तेज गति, बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, तीन लोगों की सवारी एवं गलत साइड में ड्राइविंग पर कार्रवाई शामिल है.

अभी तक 15 हजार मोटरसाइकिल के ही चालान जारी

उन्होंने कहा कि पटना में स्वचालित इ-चालान के कारण लोग यातायात नियमों के प्रति जागरूक हुए हैं. यहां इ-चालान की संख्या में कमी आयी है. पिछले महीने में पटना में 54 हजार मोटरसाइकिल को चालान जारी किया गया था, जबकि अगस्त में अभी तक 15 हजार मोटरसाइकिल के ही चालान जारी किये गये हैं. एडीजी ने यातायात नियमों के पालन के लिए स्थानीय नागरिकों को धन्यवाद भी दिया.

27 अप्रैल से 20 अगस्त तक पटना में वसूले गये 7.28 करोड़

एडीजी, यातायात सुधांशु कुमार ने बताया कि 27 अप्रैल से 20 अगस्त तक पटना शहर में कुल 74,797 वाहनों के विरुद्ध चालान काटे गये. मुजफ्फरपुर शहर में 18 अप्रैल से 21 अगस्त तक कुल 18 हजार 55 चालान जारी किये गये हैं.उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बने सुविधाओं का ट्रैफिक के साथ-साथ अपराध नियंत्रण व उद्भेदन के क्षेत्र में अधिक- से- अधिक उपयोग करने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए बिहार पुलिस की एक टीम हैदराबाद या मुंबई के स्मार्ट सिटी परियोजना के कार्यप्रणाली का अध्ययन करने हेतु स्थल भ्रमण करेगी.

सभी जिलों में दिये गये 1117 हैंड हेल्ड डिवाइस

एडीजी यातायात बताया कि सभी जिलों में 1117 हैंड हेल्ड डिवाइस दिये गये हैं.इनमें से 12 यातायात जिलों में कुल 845 डिवाइस दिये गये हैं. इससे इन जिलों में मैनुअल चालान की प्रक्रिया बंद हो गयी है. अब इस डिवाइस के माध्यम से फोटोग्राफिक साक्ष्य के साथ इ-चालान जारी किया जा रहा है. वहीं, शेष 28 जिलों में यातायात बल की स्वीकृति का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया है.

बिहार में 12 ट्रैफिक शहरों में बंद होना है मैनुअल चालान

बिहार के 12 ट्रैफिक शहरों में वाहनों का मैनुअल चालान कटना बंद होना है. इन शहरों में इलेक्ट्रॉनिक चालान कटेंगे. फिलहाल पटना और मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी में इ-चालान की व्यवस्था लागू है, जबकि बिहारशरीफ और भागलपुर में ट्रायल चल रहा है. इनके साथ ही दरभंगा, गया, पूर्णिया, कटिहार, सारण, भोजपुर, बेगूसराय और मुंगेर में स्मार्ट पीओएस से 100 फीसदी ऑटोमेटेड चालान काटने की व्यवस्था की जा रही है.

ऑटो जेनरेटेड चालान दिया जायेगा

इस व्यवस्था के तहत 12 शहरों में वाहन चालक को जुर्माना रसीद की जगह ऑटो जेनरेटेड चालान दिया जायेगा, जिस पर संबंधित ट्रैफिक नियम के उल्लंघन की तस्वीर भी दर्ज होगी. यह चालान वाहन मालिक ऑनलाइन भी देख सकेंगे. बिहार पुलिस के ट्रैफिक एडीजी सुधांशु कुमार ने बताया कि 12 ट्रैफिक शहरों में ऑटोमेटिक चालान अगले महीने से शुरू हो जाने की उम्मीद है. वर्तमान में इन जिलों के पास 479 स्मार्ट पीओएस उपलब्ध है, जबकि 700 स्मार्ट पीओएस और चाहिए जो इस महीने के अंत तक उपलब्ध करा दिये जायेंगे.

पटना में 97 फीसदी फाइन हेलमेट नहीं लगाने वालों पर

एडीजी ट्रैफिक ने बताया कि मुजफ्फरपुर और पटना में मार्च-अप्रैल माह से इलेक्ट्रॉनिक (इ) चालान काटे जाने की शुरुआत हो चुकी है. इन शहरों में लगाये गये एएनपीआर, पीटीजेड और बुलेट कैमरों की मदद से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों का इ-चालान काट कर वाहन मालिक के मोबाइल पर भेजा जा रहा है.

खतरनाक ड्राइविंग करने वालों पर दर्ज होगा केस

एडीजी ट्रैफिक ने बताया कि इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर को 402 किमी लंबे ओएफसी नेटवर्क और बड़ी संख्या में एएनपीआर, बुलेट व पीटीजेड कैमरों से जोड़ा गया है. इस सारे कैमरे के माध्यम से स्वतः ही उलंघन करने वालो की तस्वीर सिस्टम में सेव हो जाती है, जिसका चालान भेजने से पहले दो स्तर पर वेरिफिकेशन किया जाता है. इ-एविडेंस की मदद से अब खतरनाक ड्राइविंग करने वालों पर केस दर्ज कराया जायेगा.

90 दिन के अंदर जमा करें जुर्माना, वर्ना फंसेंगे

एडीजी ने बताया कि जुर्माना जमा करने के लिए 90 दिन के समय सीमा की बाध्यता है. इस बीच दो बार नोटिस जारी की जाती है. अगर नहीं करते हैं तो उनको सूची रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी यानि डीटीओ को चली जायेगी. इसके बाद संबंधित वाहन के ट्रांसफर, सेल, परमिट आदि में परेशानी हो सकती है.

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