अभी जिले में आंख की बीमारी फैली हुई है. हर 10 व्यक्ति में एक को आंख की बीमारी है. हालांकि, तीन से सात दिन तक यह बीमारी रहने के बाद ठीक हो जा रही है. परंतु, आंख की बीमारी जिसे हो रही है, वह आंख का दर्द, जलन, चुभन व आंख से आंसू निकलने से परेशान हैं. हर दिन 30 से 40 लोग अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. परंतु सदर अस्पताल में आई ड्रॉप खत्म होने से मरीजों को परेशानी हो रही है.
खासकर, वैसे लोग जो हर दिन कमाते हैं, तो खाते हैं. उन्हें अस्पताल से आई ड्रॉप नहीं मिलने से परेशानी हो रही है. इधर-उधर से पैसा जुगाड़ कर निजी दुकानों से आई ड्रॉप खरीद रहे हैं. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार गुमला सदर अस्पताल में चार दिनों से आई ड्रॉप खत्म है, जिसका खमियाजा आंख की बीमारी से परेशान मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. हालांकि आई ड्रॉप की कीमत 52 रुपये से ऊपर है. परंतु, गरीब वर्ग के मरीज अस्पताल से नि:शुल्क दवा लेने की आस में पहुंच रहे हैं, पर उन्हें दवा नहीं मिल रही है.
बता दें कि गुमला जिले में दो माह से आंख की बीमारी वायरल हुई है. अगर किसी के घर में एक व्यक्ति को यह बीमारी हो रही है, तो इसकी चपेट में घर के अन्य सदस्य भी आ रहे हैं. हालांकि एहतियात बरतने से कुछ परिवार इस बीमारी से बच रहे हैं.
आंख की बीमारी वायरल होने के बाद अस्पताल में मरीजों का आना शुरू हो गया है. इधर, एक माह में 200 पीस आई ड्रॉप समाप्त हो गया. 26 जुलाई को 22, 24 जुलाई को 18, 12 अगस्त को 18, 17 अगस्त को 18 व 18 अगस्त को सबसे अधिक 13 आई ड्रॉप का वितरण मरीजों के बीच किया गया है. इधर, अस्पताल प्रबंधन ने आई ड्रॉप खत्म होने के बाद एक हजार पीस आई ड्रॉप की डिमांड की है. परंतु, चार दिन हो गये, पर अभी तक आई ड्रॉप नहीं मिला है. ऐसे अस्पताल में जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए 280 पीस आई ड्रॉप है. परंतु, एक साल से ऊपर के उम्र के लोगों का आई ड्रॉप खत्म हो गया.