इप्टा ‘ढाई आखर प्रेम का: सांस्कृतिक यात्रा’ पर निकलेगी. आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर ने भगत सिंह के जन्मदिन 28 सितंबर 2023 से पूरे देश के 20 से 22 राज्यों में ‘ढाई आखर प्रेम’ की पदयात्रा की जाएगी. जिसका समापन महात्मा गांधी के शहादत दिवस 30 जनवरी 2024 को दिल्ली में होगा. इसकी शुरुआत प्रख्यात मनीषी राहुल सांकृत्यायन के जन्मदिन एवं प्रगतिशील लेखक संघ के स्थापना दिवस पर 9 अप्रैल 2022 को रायपुर छत्तीसगढ़ से की गई थी. इप्टा ने इस यात्रा में अपने नाटकों, गीतों, नृत्य एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 300 से अधिक गांवों, कस्बों, शहरों में लाखों आम मजदूर, किसानों, महिलाओं, दलित, आदिवासियों और आम नागरिकों से आत्मीय संबंध स्थापित किया था. इस यात्रा के दौरान लोगों को प्रेम, समन्वय, सौहार्द और एकजुटता का संदेश दिया गया. यात्रा का समापन 22 मई 2022 को इंदौर में हुआ था.
झारखंड के डाल्टनगंज में 17 से 19 मार्च 2023 तक हुए इप्टा के राष्ट्रीय अधिवेशन में फैसला लिया गया कि 2023 में भगत सिंह के जन्मदिन 28 सितंबर 2023 से पूरे देश के 20 से 22 राज्यों में ‘ढाई आखर प्रेम का’ की पदयात्रा की जाएगी. जिसका समापन महात्मा गांधी के शहादत दिवस 30 जनवरी 2024 को दिल्ली में होगा. यात्रा में प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ, जन संस्कृति मंच, दलित लेखक संघ, जन नाट्य मंच एवं विभिन्न प्रदेशों, जनपदों के अनेक श्रमिक, महिला, किसान, दलित, आदिवासी, पर्यावरण एवं विभिन्न मुद्दों पर काम करने वाले अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन शामिल होंगे.
इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रसन्ना, कार्यकारी अध्यक्ष राकेश और महासचिव तनवीर अख़्तर ने बताया कि ‘ढाई आखर प्रेम का : सांस्कृतिक यात्रा’ स्वतंत्रता संग्राम के गर्भ से निकले स्वतंत्रता – समता – न्याय और बंधुत्व के उन मूल्यों के तलाश की कोशिश है, जो आजकल नफरत, वर्चस्व और दंभ के तुमुल घोष में डूब सा गया है. वो हमारे घोषित संवैधानिक आदर्शों में झिलमिलाते हुए हर्फों के रूप में, गांधी के प्रार्थनाओं में और हमारी आशाओं में अभी भी चमक रही है. जिसका दामन पकड़कर हमारे किसान गांधी के अंहिसा और भगत सिंह के अदम्य साहस के रास्ते अपनी कुर्बानी देते हुए डटे हैं.
यह यात्रा उन तमाम शहीदों, समाज सुधारकों एवं भक्ति आंदोलन और सुफीवाद के पुरोधाओं का सादर स्मरण है, जिन्होंने भाषा, जाति, लिंग और धार्मिक पहचान से ऊपर उठ कर मनुष्य की मुक्ति एवं लोगों से प्रेम को अपना एकमात्र आदर्श घोषित किया. प्रेम जो उम्मीद जगाता है, प्रेम जो बंधुत्व, समता और न्याय की पैरोकारी करता है, प्रेम जो कबीर बनकर पाखंड पर प्रहार करता है, प्रेम जो भाषा, धर्म जाति नहीं देखता और इन पहचानो से विमुख होकर धर्मनिरपेक्षता का आदर्श बन जाता है.
इप्टा ने ‘ढाई आखर प्रेम का’ इस यात्रा के बहाने आम लोगों को आह्वान किया आइए बापू , भगत सिंह, अशफाक, बिस्मिल और अनेकानेक शहीदों के पास चलें. उस हिंदुस्तान में चलें जो अंबेडकर के ख्वाब में पल रहा था, जो विवेकानंद और रवींद्रनाथ टैगोर के उद्दात मानवतावादी आदर्शों में व्यक्त हो रहा था. मानवतावाद जो अंधराष्ट्रवादी – मानवद्रोही विचार को चुनौती देते हुए टैगोर के शब्दों में ‘उन्नत भाल और भय से मुक्त विचार’ में मुखरित हो रहा था. जहां ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले और पंडिता रमाबाई जैसे लोग ज्ञान के सार्वभौम अधिकार के लिए लड़ रहे थे. जो आज तक भी हासिल नहीं किया गया है. यह यात्रा नफरत के बरक्स प्रेम, दया करुणा, बंधुत्व, समता से परिपूर्ण न्यायपूर्ण हिंदुस्तान को समर्पित है. जिसे हम और आप मिलकर बनाएंगे. जो बनेगा जरूर.
वो सुबह कभी तो आयेगी…!
वो सुबह हमही से आयेगी….!!
1. राजस्थान: 28 सितम्बर से 01अक्टूबर 2023
2. केरल: 2 अक्टूबर से 8अक्टूबर
3. बिहार: 9 अक्टूबर से 14अक्टूबर
4. पंजाब: 27अक्टूबर से 30अक्टूबर
5. उत्तराखंड: 31अक्टूबर से 3नवंबर
6. उड़ीसा: 4 नवंबर से 7 नवंबर
7. जम्मू कश्मीर: 8 नवंबर से 12 नवंबर
8. उत्तर प्रदेश: 18 नवंबर से 23 नवंबर
9. उत्तर पूर्वी राज्य: 24 नवंबर से 30 नवंबर
10. कर्नाटक: 1 दिसंबर से 7 दिसम्बर
11. झारखंड: 8 दिसम्बर से 12 दिसम्बर
12. तमिलनाडु: 13 दिसम्बर से 17 दिसम्बर
13. आंध्र प्रदेश: 18 दिसम्बर से 22 दिसम्बर
14. मध्यप्रदेश: 23 दिसंबर से 27 दिसम्बर
15. पश्चिम बंगाल: 28 दिसंबर से 1 जनवरी 2024
16. तेलंगाना: 2 जनवरी से 6 जनवरी
17. छत्तीसगढ़: 7 जनवरी से 12 जनवरी
18. गुजरात: 13 जनवरी से 16 जनवरी
19. पुडुचेरी: 17 जनवरी से 18 जनवरी
20. महाराष्ट्र: 19 जनवरी से 24 जनवरी
21. मुम्बई: 25 जनवरी से 26 जनवरी
22. हरियाणा/दिल्ली: 27 जनवरी से 30 जनवरी 2024