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रक्षाबंधन के लिए रंग-बिरंगी राखियों से सजा पटना का बाजार, इस बार ट्रेंड में हैं ये राखियां

भाई-बहनों के पावन प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन 31 अगस्त को मनाया जायेगा. भाई की कलाई पर राखी बांधने की परंपरा सदियों से रही है. इस बार भी बाजार में रेशम की डोरी से लेकर अत्याधुनिक तकनीक से बनी फैशनेबल राखियां बाजार में उपलब्ध हैं.

भाई-बहनों के स्नेह व प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन बेहद करीब आ चुका है. राखी के त्योहार में एक सप्ताह से भी कम का समय बचा हुआ है. रक्षाबंधन के दिन भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए बहनें पूरी तैयारी में जुटी हैं. भाई भी बहन को गिफ्ट देने के लिए मार्केट के चक्कर काट रहे हैं. ऐसे में पटना के बाजारों में दुकानदारों ने राखियों और तोहफों से अपनी दुकानें सजा ली हैं. वैसे तो दुकानों पर कई तरह की राखियां आपको देखने को मिल जाएंगी, लेकिन इस बार फेसबुक व इंस्टाग्राम के साथ ही पीएम मोदी वाली राखियों ने धूम मचा रखी है.

बच्चों को लुभा रहीं कार्टून वाली राखियां

पटना के बाजार में इस समय कई तरह के डिजाइन वाली राखियां बिक रही हैं. इनमें रुद्राक्ष की राखी, चांदी की राखी की अच्छी-खासी डिमांड है. वहीं बच्चों को कार्टून कैरेक्टर जैसे छोटा भीम, डोरेमॉन, मोटू- पतलू, बार्बी, टेडी बियर, यूनिकॉर्न वाली राखियां खूब पसंद आ रही हैं. इसके साथ ही बच्चों में ऑनलाइन गेम के क्रेज कू देखते हुए इस बार बाजारों में पबजी वाली राखियां भी दिख रही हैं. जो बच्चों को आकर्षित कर रही है.

बाजार में सोने-चांदी की भी राखियां

बाजर में राखियों की कई तरह की वैराएटी उपलब्ध है. वहीं अगर इनकी कीमतों की बात करें तो 10 रुपए से लेकर हजारों तक है. सोने और चांदी से बनी राखियों की कीमत सबसे अधिक है. चांदी की नक्काशी वाली राखियों की कीमत 800 से हजार रुपये तक है तो वहीं सोने से बनी राखियों की कीमत एक लाख रुपये तक है. हालांकि इन राखियों की बिक्री बहुत कम है. वहीं लाइट वाली राखियां 50 से 100 रुपये तक में बिक रही हैं. बच्चों को आकर्षित कर रही कार्टून वाली राखियां भी 25 से 50 रुपये तक के रेंज में उपलब्ध है.

50 फीसदी तक घट गयी दुकानों से राखी की बिक्री

पटना के चूड़ी बाजार मार्केट में राखी को लेकर दुकानों पर खरीददारी के लिए लोगों की भाड़ी भीड़ लगती थी. वहीं मार्केट के एक दुकानदार ने बताया कि लोग पहले दुकानों पर आकर राखियां खरीदा करते थे, लेकिन अब इसका चलन कम होता जा रहा है. लोग ऑनलाइन राखियां ही मंगवाना ही ज्यादा पसंद कर रहे हैं. इसलीय राखियों की डिमांड 50 फीसदी तक घट गयी है. अब पहले जैसी बिक्री नहीं रही है.

ऑनलाइन मिल रही है विभिन्न डिजाइन की राखियां व पूजन सामग्री

इंटरनेट के कई इ-कामर्स साइट पर अलग-अलग डिजाइन की रंग-बिरंगी राखियां आ गयी है. भाइयों द्वारा बहनों के लिए उपहार की खरीदारी भी ऑनलाइन ही की जा रही है. रक्षाबंध को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में राखियों की दुकानें सज गयी है, लेकिन पिछले सालों से अलग इस बार गांव-गांव आनलाइन कंपनियां राखी और गिफ्ट पहुंचा रहे हैं. बदले ट्रेंड का बाजार में खासा असर दिख रहा है. तकनीक के दौर में रेशम की डोर भी अब डिजिटल हो चुकी है. इंटरनेट पर ई-राखी का पूरा बाजार सजा है. राखी ही क्यों वहां अक्षत, कुमकुम से लेकर सजी सजाई पूरी थाली उपलब्ध है.

इंटरनेट पर आपके लिए पूजा की थाली से लेकर नारियल और मिठाई खरीदने और उसे भाई के घर तक पहुंचाने की सुविधा भी उपलब्ध है. ऑनलाइन शापिंग में 200 से लेकर 5000 रुपये तक की राखियों और गिफ्ट वाउचर की व्यवस्था है. इसी तरह राखी से जुड़ी ऐसी कई साइट हैं. जिनके माध्यम से महज कुछ रुपये खर्च कर राखी, पूजा की थाली, फ्री कार्ड, तिलक, राखी का धागा और चॉकलेट भेजने की सुविधा है.

चॉकलेट ने ली मिठाई की जगह

बदलते दौर में बहनों को गिफ्ट भी आधुनिक पसंद आने लग है. मिठाई की जगह इंपोर्टेड चॉकलेट, आभूषण की जगह टैब, मोबाइल, स्कूटी आदि पसंद आ रही है. जहां भाई पहले अपनी बहनों के लिए पर्स, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, फोटो फ्रेम , घड़ी आदि खरीदा करते थे. वहीं अब एटीएम बॉक्स, महंगी टॉफी आदि ज्यादा पसंद की जा रही है.

भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक का पर्व है रक्षाबंधन

रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. सदियों से विश्वास किया जाता है कि सावन माह की पूर्णिमा तिथि को बहन से राखी बंधवाने से हर विपदा से निजात मिल जाती है. बहनें भी भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उनसे आजीवन रक्षा करने का वचन लेती है. वहीं भाई भी बहन की रक्षा के लिए बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं.

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रक्षाबंधन पर रहेगा भद्रा का साया, उदया तिथि से 31 को राखी बंधवाना शुभ

पंडित सौरभ मिश्रा ने बताया कि पंचांग के अनुसार इस बार 30 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा तिथि के साथ भद्राकाल शुरू हो जायेगी. शास्त्र के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि और अपराह्र काल में मनाना शुभ होता है, लेकिन रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल नहीं होना चाहिए. ऐसे में रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया रहे तो भाई की कलाई में राखी नहीं बांधना चाहिए. सावन की पूर्णिमा 31 अगस्त को सुबह 7:05 बजे तक है. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार राखी बंधवाना शुभ है. दूसरे पंडित शंकर मिश्रा ने बताया कि रात के समय राखी बांधना शुभ नहीं होता है. पंचांग के अनुसार 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा की तिथि 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी और इस दौरान भद्रा का साया नहीं रहेगा। इस कारण 31 अगस्त को सुबह-सुबह राखी बांधना शुभ होगा.

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 2023

  • रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा तिथि: 30 अगस्त 2023

  • राखी बांधने का समय: 30 अगस्त 2023 की रात 09 बजकर 03 मिनट के बाद

  • रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा तिथि समाप्ति- 31 अगस्त सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक

  • रक्षाबंधन भद्रा समाप्ति समय: 30 अगस्त 2023 की रात 09 बजकर 03 मिनट पर

  • रक्षाबंधन भद्रा पूंछ: 30 अगस्त की शाम 05:30 बजे से शाम 06:31 बजे तक

  • रक्षाबंधन भद्रा मुख: 30 अगस्त 2023 की शाम 06:31 बजे से रात 08:11 बजे तक

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