Raksha Bandhan 2023, Mathura Yamuna dharamraj temple in Vishram Ghat: रक्षाबंधन का त्योहार इस साल 31 अगस्त को मनाया जाएगा. भाई बहन को समर्पित ये त्योहार देशभर में धूम धाम से मनाया जाता है. आपको बता दें अगर आप अपने भाई या बहन के साथ ट्रैवलिंग का प्लान कर रहे हैं, तो हम आपको मथुरा के ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो भाई बहन से संबंधित है. हम बात कर रहे हैं मथुरा में स्थित यमराज और उनकी बहन यमुना जी के प्राचीन मंदिर की. जिसे यमुना धर्मराज मंदिर के नाम से जाना जाता है.
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क्या है पौराणिक मान्यता?
पौराणिक मान्यता है कि हजारों वर्ष पूर्व सूर्यपुत्र यमराज को पुत्री यमुना ने अपने घर बुलाया था. इसके बाद बहन ने भाई की खूब जमकर खातिरदारी की. बहन की खातिरदारी से प्रसन्न होकर भाई यमराज ने यमुना से एक वरदान मांगने को कहा. यमुना ने यमराज से कहा कि उनके पास तो सब कुछ है. वह कृष्ण की पटरानी हैं, उनके स्वामी संसार को सब कुछ देने वाले हैं. कोई भला मुझे क्या कुछ दे सकता है? फिर भी भाई यमराज ने अपनी बहन से कुछ भी मांगने के लिए कहा . तब बहन यमुना ने भाई से पूछा कि आप के प्रकोप से लोगों को मुक्ति कैसे मिलेगी?
यमराज ने बहन यमुना को दिया वरदान
इस पर यमराज ने कहा कि शुक्ल पक्ष की दूज के दिन जो भी भाई-बहन विश्राम घाट पर आकर स्नान करेंगे उन्हें मेरे प्रकोप से मुक्ति मिल जाएगी. वह मृत्यु के बाद सीधा बैकुंठ में वास करेंगे. इसके बाद यमराज और यमुना जी ने विश्राम घाट पर एक साथ स्नान किया. मंदिर में सबसे पहले सुबह यमुना जी और धर्मराज जी को स्नान कराया जाता है. उसके बाद मंदिर में आरती होती है और भोग लगाया जाता है.
यमुना जी चार भुजा धारी प्रतिमा स्थापित है
बताया जाता है कि भाई यमराज और बहन यमुना जी चार भुजा धारी प्रतिमा स्थापित है. यमुना जी एक हाथ में थाली, दूसरे हाथ में कमल का फूल और तीसरे हाथ में भाई को टीका लगाए दिखाई गई हैं और चौथे हाथ से भाई से वरदान ले रही हैं.
इस समय बंद रहता है मंदिर
धर्मराज मंदिर दोपहर में कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाता है. वहीं शाम 4 बजे से मंदिर के कपाट रात के 8 बजे तक फिर से खुल जाते हैं. भाई दूज के दिन इस मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. बता दें कि धर्मराज मंदिर में भाई यमराज और बहन यमुना की चार भुजाधारी मूर्ति स्थापित है. जहां यमुनाजी के एक हाथ में थाली, दूसरे हाथ में कमल का फूल, तीसरे हाथ में भाई यमराज को टीका लगाते हुए और चौथे हाथ में भाई से वरदान लेते दिख रही हैं.
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इस समय बंद रहता है मंदिर
धर्मराज मंदिर दोपहर में कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाता है. वहीं शाम 4 बजे से मंदिर के कपाट रात के 8 बजे तक फिर से खुल जाते हैं. भाई दूज के दिन इस मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. बता दें कि धर्मराज मंदिर में भाई यमराज और बहन यमुना की चार भुजाधारी मूर्ति स्थापित है. जहां यमुनाजी के एक हाथ में थाली, दूसरे हाथ में कमल का फूल, तीसरे हाथ में भाई यमराज को टीका लगाते हुए और चौथे हाथ में भाई से वरदान लेते दिख रही हैं.
रक्षा बंधन 2023 मनाने की सही तिथि व मुहूर्त
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रक्षा बंधन तिथि: 30 अगस्त 2023
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रक्षा बंधन राखी बांधने का समय: 30 अगस्त 2023 की रात 09 बजकर 03 मिनट के बाद
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रक्षा बंधन भद्रा समाप्ति समय: 30 अगस्त 2023 की रात 09 बजकर 03 मिनट पर
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रक्षाबंधन भद्रा पूंछ: 30 अगस्त 2023 की शाम 05:30 बजे से शाम 06:31 बजे तक
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रक्षाबंधन भद्रा मुख: 30 अगस्त 2023 की शाम 06:31 बजे से रात 08:11 बजे तक