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जेल के अंदर आखिर अपने लिए स्विमिंग पूल क्यों चाहते हैं सत्येन्द्र जैन! जानें क्या है मामला

आप के वरिष्ठ नेता की चिकित्सीय स्थिति का जिक्र करते हुए वकील सिंघवी ने कहा कि रीढ़ की हड्डी की एक महत्वपूर्ण सर्जरी के बाद जैन स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. सिंघवी ने कहा कि डॉक्टारों ने जलीय फिजियोथेरेपी का सुझाव दिया है और जैन केवल सहायता से ही चल सकते हैं.

आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन जेल के अंदर स्विमिंग पूल चाहते हैं. यह दावा प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने किया है. जैन की अंतरिम मेडिकल जमानत की अवधि बढ़ाने का विरोध करते हुए ईडी ने शुक्रवार को दावा किया कि वह जेल परिसर के अंदर एक स्विमिंग पूल की मांग कर रहे हैं. आपको बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येन्द्र जैन 2022 से ईडी की हिरासत में हैं.

ईडी की ओर से यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष तब की गयी जब सत्येन्द्र जैन के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चिकित्सा सलाह का हवाला देते हुए अदालत से उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाने का आग्रह किया. कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन की अंतरिम जमानत शुक्रवार को एक सितंबर तक बढ़ा दी है.

न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने जैन की चिकित्सीय रिपोर्ट का संज्ञान लेने के बाद उन्हें राहत प्रदान की है. पीठ ने कहा की ओर से कहा गया कि ‘हालांकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अंतरिम जमानत बढ़ाने का विरोध करते हुए तर्क दिया कि उल्लिखित चिकित्सीय परामर्श जमानत बढ़ाने के लिए पर्याप्त नहीं है… पूर्व में दी गयी चिकित्सीय जमानत एक सितंबर तक बढ़ाई जाती है.

जलीय फिजियोथेरेपी का सुझाव दिया गया जैन को

शुरुआत में, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि जैन नियमित जमानत के हकदार हैं, क्योंकि वह 15 महीने से अधिक समय से जेल के अंदर हैं. आप के वरिष्ठ नेता की चिकित्सीय स्थिति का जिक्र करते हुए वकील सिंघवी ने कहा कि रीढ़ की हड्डी की एक महत्वपूर्ण सर्जरी के बाद जैन स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. सिंघवी ने कहा कि डॉक्टारों ने जलीय फिजियोथेरेपी का सुझाव दिया है और जैन केवल सहायता से ही चल सकते हैं.

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ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू अंतरिम जमानत बढ़ाने का पुरजोर विरोध करते नजर आये. उन्होंने कहा कि जैन की स्वास्थ्य स्थिति का एम्स, दिल्ली द्वारा देखरेख किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम उन्हें यानी सत्येंद्र जैन को फिजियोथेरेपी के उद्देश्य के लिए स्विमिंग पूल में ले जा सकते हैं. वह जेल में एक स्विमिंग पूल चाहते हैं. यदि वह चाहें, तो हम उन्हें जलीय एक्सरसाइज के लिए स्विमिंग पूल में ले जा सकते हैं. सभी मरीज स्विमिंग पूल का खर्च नहीं उठा सकते हैं.

जैन को एक भी दिन के विस्तार की जरूरत नहीं

आगे सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने कहा कि उन्हें एक भी दिन के विस्तार की जरूरत नहीं है. ऐसा कोई आधार नहीं नजर आ रहा है कि उन्हें एक दिन का भी (अंतरिम जमानत) विस्तार देने की जरूरत पड़े. कृपया डॉक्टरों के परामर्श पर गौर कर लिया जाए. पीठ ने तिहाड़ जेल के अंदर जैन को विशेष सुविधा दिये जाने की तस्वीरों का स्पष्ट संदर्भ देते हुए मजाक में कहा कि यदि वह फिजियोथेरेपी का लाभ उठाते हैं और आप उनकी तस्वीर लेते हैं और उसे प्रकाशित करते हैं, तो क्या किया जाए… राजू ने अदालत को बताया कि वह दूसरा कैदी था, जिसने कृत्य किया.

जैन ने जेल में दूसरे कैदी से मालिश करवाया

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि उन्होंने (जैन) जेल में दूसरे कैदी से मालिश कराने का काम किया श्रीमान… उनके साथ एक सामान्य याचिकाकर्ता की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए. यहां चर्चा कर दें कि ईडी ने जैन पर तिहाड़ जेल के अंदर विशेष सुविधाओं का लाभ उठाने का आरोप लगाया था और कहा था कि अज्ञात व्यक्ति उनके शरीर और पैरों की मालिश करते नजर आये थे. जैन न्यायिक हिरासत में बंद होने के बावजूद कई महीनों तक जेल के प्रभारी मंत्री बने रहे थे.

ईडी ने अदालत के साथ कुछ सीसीटीवी तस्वीरें भी साझा की थीं और आरोप लगाया था कि जैन ज्यादातर समय या तो अस्पताल में रहे या जेल में उन सुविधाओं का आनंद ले रहे थे, जो किसी कैदी को नहीं मिलतीं. सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई को जैन की अंतरिम जमानत पांच सप्ताह के लिए बढ़ा दी थी. कोर्ट ने 26 मई को जैन को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि किसी भी नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है.

सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें छह सितंबर, 2019 को नियमित जमानत दे दी थी

यहां चर्चा कर दें कि ईडी ने जैन को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धनशोधन के आरोप में पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था. जैन को ईडी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद गिरफ्तार किया था. निचली अदालत ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें छह सितंबर, 2019 को नियमित जमानत दे दी थी.

भाषा इनपुट के साथ

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