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मिनी गन फैक्ट्री चला रहा था बिहार का सरकारी शिक्षक, बंगाल में भी कर चुका है धंधा, पूरे गैंग का हुआ खुलासा..

बिहार का एक शिक्षक मिनी गन फैक्ट्री चला रहा था. बेगूसराय में पुलिस ने जब छापेमारी की तो कई अहम राज बाहर आए. इस पूरे गिरोह की काली करतूत का बंगाल कनेक्शन भी मिला. शिक्षक की पूर्व में गिरफ्तारी हो चुकी है. वो बंगाल में मिनी गन फैक्ट्री चला चुका है.

बेगूसराय में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ तो उसके सरगना के बारे में जब जानकारी सामने आयी तो सबके होश उड़ गए. मिनी गन फैक्ट्री का सरगना कोई और नहीं सरकारी शिक्षक निकला जो दिन में मुंगेर में अपने विद्यालय में पढ़ाता था और रात में अवैध हथियार के निर्माण एवं उसकी बिक्री के रैकेट का संचालन करता था. मौके पर से पकड़े गए संचालक सहित सभी लोगों को शनिवार को जेल भेज दिया गया.

बंगाल के चितरंजन में चला चुका है अवैध गन फैक्ट्री

शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी योगेन्द्र कुमार ने बताया कि कोतवाली थाना क्षेत्र मुंगेर के हाजी सुजान निवासी शिक्षक राज कुमार चौधरी एवं उसके रिश्तेदार मुफस्सिल थाना क्षेत्र मुंगेर के सुतरखाना निवासी शिक्षक अजय कुमार चौधरी पहले पश्चिम बंगाल के चितरंजन जिले में अवैध गन फैक्ट्री चलाता था. वहां करीब डेढ़ साल पहले पकड़े जाने के बाद जेल गए तथा जेल से छूटने के बाद इन लोगों ने बेगूसराय में अपना ठिकाना बनाया. इन लोगों ने लाखो सहायक थाना क्षेत्र के लाखो पचपन टोल में परमानंद राय का घर 25 हजार रुपये महीने के किराए पर लिया तथा कहा था कि मशीन का कल-पूर्जा बनाएंगे लेकिन प्रशिक्षित कारीगर मुफस्सिल थाना (मुंगेर) के मुबारकचक निवासी प्रवीण कुमार तांती, कासिम बजार थाना (मुंगेर) के हजरतगंज खनका निवासी मो. इकबाल, कोतवाली थाना क्षेत्र (मुंगेर) के हाजी सुजान निवासी अमित कुमार चौधरी एवं अशोक चौधरी के साथ मिलकर पिस्टल बनाने लगे.

छापेमारी में अर्ध निर्मित पिस्टल व अन्य सामग्री बरामद..

कुछ दिन पूर्व सूचना मिली कि सड़क से कुछ दूर अंदर स्थित परमानंद राय के मकान में मिनी गन फैक्ट्री चल रहा है. इसके बाद एसटीएफ एवं बेगूसराय पुलिस की टीम उसके सत्यापन में जुटी हुई थी. सूचना सत्यापन होने के बाद कल सदर डीएसपी अमित कुमार के नेतृत्व में एसटीएफ एसओजी-वन, एसटीएफ एसओजी-थ्री, अभियान दल जमालपुर, बेगूसराय जिला आसूचना इकाई, मुफस्सिल थानाध्यक्ष एवं लाखो सहायक थाना की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छापेमारी कर दिया. जिसमें 12 अर्ध निर्मित पिस्टल, एक तैयार पिस्टल, 24 बैरल, एक लेथ मशीन, मिलिंग मशीन, एक ड्रिल मशीन, एक ग्राइंडर मशीन, एक कटर मशीन, छह मोबाइल, दो मोटर साइकिल एवं नगद रुपये नगद बरामद किए गए हैं. मौके पर से मास्टरमाइंड सहित पिस्तौल बनाने एवं बेचने वाले सभी छह व्यक्ति, उन्हें सहयोग कर रही एक महिला, मकान मालकिन एवं उसकी पुत्री को गिरफ्तार कर लिया गया. इन लोगों को आज जेल भेज दिया गया है.

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जिस कमरे में हथियार निर्माण की फैक्ट्री चल रही थी, उसके ऊपर की मंजिल पर मकान मालिक के परिवार के लोग रहते हैं, इसलिए उनकी भी संलिप्तता है. दिल्ली में रह रहे मकान मालिक दिल्ली जल बोर्ड के सेवानिवृत कर्मचारी परमानंद राय की गिरफ्तारी के लिए टीम दिल्ली जा रही है. अवैध रूप से गन की फैक्ट्री चलाने वाले लोगों के बैकबर्ड और फॉरवर्ड सोर्स का पता लगाया जा रहा है. भवन को सील कर दिया गया है. मौके पर से अवैध हथियार की काली कमाई से खरीदे गए आभूषण भी बरामद किए गए हैं.

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मिनी गन फैक्ट्री चला रहा था बिहार का सरकारी शिक्षक, बंगाल में भी कर चुका है धंधा, पूरे गैंग का हुआ खुलासा.. 2
कोलकाता से बिहार तक बिछाया जाल..

इन लोगों द्वारा हथियार निर्माण और बिक्री से जमा की गयी संपत्ति जप्त की जाएगी. चितरंजन में फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद हथियार बनाने के लिए प्रशिक्षित इन लोगों ने कोलकाता से पांच-छह लाख में पुराना मशीन लाकर यहां हथियार बनाना शुरू किया. यह लोग कच्चा लोहा लाकर यहां हथियार बनाते थे. लोहा सप्लाई करने वाले एवं ट्रांसपोर्टर का पता लग गया है. कहां-कहां हथियार सप्लाई करते थे, उसकी जानकारी जुटाई गयी है, विशेष टीम इस अभियान में लगी हुई है.

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