लखनऊ : यूपी में पशु आश्रय सुविधाओं के विस्तार की योजना तैयार होने जा रही है. प्रदेश सरकार ने सड़कों पर बेसहारा मवेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनसे लोगों को बचाने के लिए सभी जिलाधिकारियों (डीएम) को बेसहारा मवेशियों को मौजूदा आश्रयों में ले जाने और हरे चारे की व्यवस्था और उनके लिए समय-समय पर स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही छुट्टा पशुओं विशेषकर गोवंश से होने वाली समस्याओं पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए पशु को छुट्टा छोड़ने वाले पशुपालकों को भी चिह्नित कर विधिक कार्रवाई करने का निर्णय लिया है.पुलिस के डीएसपी- इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी गायों की रक्षा में ड्यूटी देंगे. अब गोआश्रय स्थल की सुरक्षा- इंतजाम की जिम्मेदारी में क्षेत्राधिकारी (डीएसपी) और थानेदार की भरी जिम्मेदारी शामिल कर दी गई है.
यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लगातार राज्य भर में सड़कों पर बेसहारा मवेशियों की संख्या में वृद्धि को लेकर शिकायतें मिल रही हैं. लगातार शिकायत मिलने के साथ ही विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष एवं मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी सरकार पर छुट्टा पशुओं को लेकर हमलावर हैं. हाल ही में स्थिति में भी सुधार देखा गया था लेकिन शिकायतें लगातार बढ़ने पर मुख्यमंत्री ने इस बारे में अधिकारियों को एक बार फिर आगाह किया है. यूपी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं कि सड़कों पर कोई निराश्रित जानवर न हों.
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उत्तर प्रदेश में वर्तमान में, बेसहारा मवेशियों की सुरक्षा के लिए कुल 6,889 आश्रय सुविधाएं (गोशाला) चल रही हैं, जिनमें से 6,346 ग्रामीण क्षेत्रों में और 543 शहरी क्षेत्रों में हैं . इन आश्रयों में वर्तमान में 1,182,949 बेसहारा मवेशियों की देखभाल की जा रही है .मुख्यमंत्री ने विभाग को राज्य में पशु आश्रय सुविधाओं के विस्तार के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने और प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. आश्रय स्थल स्थापित करने के लिए बजट की स्वीकृति के लिए योजना को कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाना है. सीएम ने पशु आश्रय सुविधाओं के वित्तीय और प्रशासनिक प्रबंधन को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिसका उद्देश्य बेसहारा मवेशियों की समग्र स्थिति में सुधार करना है.
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हाल ही में लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित कमालपुर विचलिका गोआश्रय स्थल पर 14 अगस्त, 2023 को 13 गोवंशों की मौत हो गई थी. मामले ने तूल पकड़ा तो पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने मौका मुआयना भी किया. डीएम लखनऊ इस मामले में जांच कर कर विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेज रहे हैं. इस घटना को उदाहरण के रूप में लेते हुए पशु आश्रय सुविधा में विस्तार की रूपरेखा तैयार की गई है. योजना का मुख्य मकसद गोआश्रय स्थल पर चारे की गुणवत्ता सुनिश्चित कराना है.
कमालपुर विचलिका विकासखण्ड मोहनलालगंज जनपद लखनऊ के गोआश्रय स्थल पर संरक्षित लगभग 34 गोवंश अचानक बीमार हो गये थे. 14 अगस्त को 13 गोवंशों मौत हो गई. पोस्टमार्टम कराकर विसरा आईवीआरआई बरेली तथा फॉरेन्सिक लैब लखनऊ जांच को भेजा तो सभी अवाक रह गए. आईवीआरआई बरेली की जांच में पाया गया कि गोवंशों की मृत्यु जहर से हुई थी.
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पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह का कहना है कि गोआश्रय स्थल पर मनरेगा के माध्यम से टीन शेड की व्यवस्था करने, चारा मशीन ठीक करने के निर्देश दिए हैं. गोआश्रय स्थलों पर हरे चारे एवं भूसे की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाएगा. पुलिस महकमा के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सीओ तथा थाने के एसएचओ स्तर के अधिकारी प्रत्येक तहसील में संबंधित परगना अधिकारी के साथ संयुक्त टीम बनाकर गोआश्रय स्थलों पर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था एवं अन्य आवश्यकताओं को पूरा करेंगे. पुलिस प्रशासन को यह भी निर्देश दिये गए हैं कि छुट्टा गोवंश को छोड़ने वाले पशुपालकों को चिह्नित करके उनके खिलाफ विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए. इससे छुट्टा पशुओं से होने वाली समस्याओं पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सके.
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने गोआश्रय स्थलों को अपनी प्राथमिकता में रखा है. सरकार द्वारा छुट्टा पशुओं की समस्या के स्थाई समाधान के लिए हर प्रयास करने को निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि पशुओं के चारे, पेयजल, प्रकाश, उपचार आदि के लिए राज्य सरकार द्वारा संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं.