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झारखंड : सुप्रियो भट्टाचार्य ने जारी की घर की तस्वीर, बाबूलाल मरांडी ने पूछे कई सवाल

झामुमो की ओर से संताल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड को लेकर लगाये गये आरोप को लेकर झामुमो व बीजेपी आमने-सामने है. रविवार को सुप्रियो भट्टाचार्य ने घर की एक तस्वीर जारी कर कई सवाल पूछे. वहीं, बाबूलाल मरांडी और उनके सलाहकार सुनील तिवारी ने पलटवार किया.

Jharkhand News: झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर एक घर की तस्वीर जारी की है. श्री भट्टाचार्य ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से सवाल किया है कि वह बतायें कि इस मकान के मालिक थे या किरायेदार हैं. बाबूलाल इस घर के बारे में बतायें कि यह किसका था. यह जमीन सरकारी थी या निजी है. यह घर कहां है, इसके बारे में नाम, पता और ठिकाना भी बताने का काम करें. अगर वह नहीं बतायेंगे, तो हम जनता के बीच जायेंगे और सच बतायेंगे.

बाबूलाल के अंदाज में झामुमो भी देगा जवाब

झामुमो नेता ने कहा कि बाबूलाल बतायें कि ये लोग वर्ष 2005 में स्थापित संथाल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तत्कालीन निदेशक थे या नहीं. कहा कि गुरुजी ने अपने परिवार और कार्यकर्ताओं को यह संस्कार दिया है कि राजनीति में विचारधारा मेल न खाये, लेकिन निजी आक्षेप नहीं लगाना है. दूसरी ओर, बाबूलाल मरांडी अपनी यात्रा के दौरान हर दिन सोरेन परिवार पर निजी आरोप लगा रहे हैं. अब झामुमो भी बाबूलाल को उन्हीं के अंदाज में जवाब देगा. आने वाले दिनों में कई और निजी बातें पूरे प्रमाण के साथ जनता के बीच लायी जायेंगी. उनके आलाकमान और जांच एजेंसियों तक इसे पहुंचायी जायेंगी.

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बुझौवल न बुझायें, सबकुछ बताने की कृपा करे झामुमो : बाबूलाल

झामुमो को आरोपों पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पलटवार किया है. श्री मरांडी ने कहा कि मैंने पहले भी कहा और आज फिर दोहरा रहा हूं कि राज्य में कहीं भी मेरी या किसी और की कोई संदिग्ध जमीन/मकान/प्रोपर्टी का राज्य सरकार को पता चलता है, तो सबसे पहले एफआइआर दर्ज करें. उस प्रोपर्टी को जब्त करें. दोषियों पर कार्रवाई करें. फिर डंके की चोट पर मीडिया के माध्यम से देश-दुनिया के सामने सच उजागर कर दें. कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिस दो तल्ला मकान को दिखाया गया है, उसके बारे में जेएमएम वाले बुझौवल न बुझायें. अपने मुंह से ही खुलकर देश-दुनिया को सबकुछ बता देने की कृपा करें. उनका मुझ पर बड़ा एहसान होगा.

बाबूलाल का पलटवार

श्री मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार को ऐसी कार्रवाई करने का अधिकार है और हम ऐसी किसी भी कार्रवाई का सबसे पहले स्वागत करेंगे. मीडिया को भ्रामक व सनसनीखेज बनाकर, आधी अधूरी गलत जानकारी परोस कर झामुमो के लोग क्या कहना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अगर लगता है कि एक के बाद एक हास्यास्पद व भ्रामक जानकारी मीडिया के जरिये परोस कर मुझे आदिवासियों की जमीन हड़पने वाले महाजन सोरेन परिवार और हेमंत सोरेन की पोल खोलने से रोक लेंगे, तो यह उनकी भारी भूल है.

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सुप्रियो के आरोपों का बाबूलाल के सलाहकार ने दिया जवाब

पिछले दिनों झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने संताल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के भाई और सलाहकार सुनील तिवारी की पत्नी लालिमा तिवारी के डायरेक्टर होने का आरोप लगाया था. सुप्रियो भट्टाचार्य के आरोपों का श्री मरांडी के सलाहकार श्री तिवारी जवाब दिया है. श्री तिवारी ने कहा कि सत्य और अर्धसत्य, तथ्य और खुराफात में अंतर सुप्रियो बेशक समझते होंगे. ये सत्य है कि संताल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड में मेरी पत्नी लालिमा तिवारी निदेशक थीं. यह भी सत्य है कि योगेंद्र तिवारी भी इस कंपनी के निदेशक थे. सत्य यह भी है कि 2011 से ही इस कंपनी से लालिमा तिवारी अलग हो गयीं.

सच और झूठ, तथ्य और खुराफात में अंतर समझे झामुमो

श्री तिवारी ने कहा कि सुप्रियो जी (आपके शब्दों में) कंपनी ने अरबों रुपये कहां से लाये, सैकड़ों एकड़ जमीन ली और सिमडेगा में शराब का ठेका आपके सरकार के कार्यकाल में लिया, तो बतायें इस जमीन की खरीद कब हुई, सिमडेगा का टेंडर किसने कब दिलाया. एसीबी या राज्य की एजेंसी में ही एफआइआर करा कर जांच करा लें. किसी को भी नहीं बख्शें. हां, लेकिन सच और झूठ, तथ्य और खुराफात में अंतर होता है. उन्होंने कहा कि आपका इस्तेमाल किसी खुराफाती ने अपने पक्ष में किया, अर्धसत्य आपके सामने रखा. सच के सूरज को छिपाया गया, सच सामने है. निदेशकों का नाम सामने है. श्री तिवारी ने कहा कि इस कंपनी ने अगर गलत धंधा किया है, तो सारी खरीदी गयी जमीन सरकार कब्जे में ले ले. दोषियों पर बिना विलंब कार्रवाई शुरू कर सजा दिलाये, ताकि दुनिया को सच का पता चले. उन्होंने कहा कि एक दूसरी कंपनी चक्रपाणि में भी उनकी पत्नी निदेशक थी. सत्य यह भी है कि 2011 से ही दोनों कंपनियों से लालिमा तिवारी अलग हो गयीं. 13 साल पहले उन कंपनियों से दूरी बनाने या अलग होने की वजह आज के परिणाम जो देख रहे हैं, उससे जरूर समझ गये होंगे.

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