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कोरोना वायरस ने बढ़ा दी डेंगू से लड़ने की ताकत, BRD मेडिकल कॉलेज के रिसर्च में हुआ खुलासा

कोरोना से संक्रमित लोगों में डेंगू का असर बेहद कम हो रहा है. कोरोना संक्रमण के कारण बनी एंटीबॉडी डेंगू से भी बचा रही है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के पैथोलॉजी विभाग में परास्नातक छात्र डॉ. देवल बृजेश दुबे और डॉ. स्वाति अग्निहोत्री ने अपने रिसर्च में खुलासा किया है.

Lucknow: यूपी में बारिश के चलते डेंगू के लगातार नए मरीज देखने को मिल रहे हैं. स्वास्थ विभाग की टीम इस वक्त अलर्ट पर है लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है. इसी बीच डेंगू के मरीजों के लिए राहत भरी खबर सामने आयी है. कोरोना से संक्रमित लोगों में डेंगू का असर बेहद कम हो रहा है. कोरोना संक्रमण के कारण बनी एंटीबॉडी डेंगू से भी बचा रही है.

इस बात की खुलासा बीआरडी मेडिकल कॉलेज की एक रिसर्च में पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. शिल्पा वहिकर व प्रो. कंचन श्रीवास्तव के निर्देशन में परास्नातक छात्र डॉ. देवल बृजेश दुबे व डॉ. स्वाति अग्निहोत्री ने अपने रिसर्च में की है. इस रिसर्च में वर्ष 2022 में जून से नवंबर तक बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती 189 डेंगू मरीजों को शामिल किया गया था.

डेंगू और कोविड दोनों वायरस से होने वाली बीमारी है. इस रिसर्च में दोनों के संक्रमण के बीच के संबंध की जांच की गई. मेडिकल कॉलेज में भर्ती रहे 189 मरीजों में से 149 पहले कोविड से संक्रमित हुए थे. इन्हें ग्रुप ए में रखा गया. जबकि 40 मरीज ऐसे रहे जो कोरोना से संक्रमित नहीं हुए थे. इनको ग्रुप बी में रखा गया.

ग्रुप ए में अधिक मिला प्लेटलेट्स

सामान्य तौर पर डेंगू मरीज में प्लेटलेट्स काउंट तेजी से कम होती हैं. पहले कोरोना से संक्रमित हो चुके ग्रुप ए के मरीजों में प्लेटलेट्स काउंट का ग्राफ नहीं गिरा. बीमारी के दौरान मरीजों में औसतन करीब 70 हजार प्लेटलेट्स काउंट मिली. वहीं ग्रुप बी के मरीजों में प्लेटलेट्स घटकर 30 हजार तक आ गयी थी. इस ग्रुप की औसत प्लेटलेट्स काउंट 54 हजार रही.

कोविड संक्रमितों में घटा लिंफोसाइट काउंट

डॉ. शिल्पा ने बताया कि कोरोना संक्रमण से खून गाढ़ा हो जाता था. संक्रमित के खून में मौजूद लिंफोसाइट काउंट कम हो जाता था. इसका असर मरीजों में लंबे समय तक बना रहा. डेंगू के दौरान भी ऐसे मरीजों में लिंफोसाइट कम मिला.

कम चढ़ानी पड़ी प्लेटलेट्स

उन्होंने बताया कि ग्रुप ए के मरीज कम गंभीर हुए. उन्हें प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत कम पड़ी. कुल 149 मरीजों में औसतन 0.10 बार प्लेटलेट्स चढ़ानी पड़ी. वही ग्रुप बी के मरीजों में प्लेटलेट्स 15 गुना अधिक चढ़ानी पड़ी. अस्पताल में भर्ती के औसत में भी दोनों ग्रुप के मरीजों में करीब 10 गुना से अधिक का अंतर रहा. ग्रुप ए के मरीज औसतन 0.32 दिन भर्ती रहे. जबकि ग्रुप बी के मरीज औसतन 3.21 दिन भर्ती रहे.

इम्यूनिटी की रही क्रॉस रिएक्टिविटी

डॉ. शिल्पा और डॉ. कंचन ने बताया कि कोविड और डेंगू दोनों वायरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी है. दोनों में बनने वाली इम्यूनिटी एक दूसरे के प्रति क्रॉस रिएक्टिव है. अर्थात कोरोना से बनी इम्यूनिटी के कारण डेंगू का असर कम हो रहा है. कोविड संक्रमण से बनी इम्यूनिटी डेंगू के प्रसार को रोक रही है. यह इस रिसर्च में साफ है कि कोरोना संक्रमण ने डेंगू से लड़ने की ताकत दी है. यह शोध एशियन जर्नल ऑफ रिसर्च इन इंफेक्शस डिजीज में इस वर्ष जुलाई के अंक में प्रकाशित हुआ है.

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