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बेहद शानदार है अर्पित चौहान का ई-बाइक कॉन्सेप्ट, जानें क्या है इसकी खासियत

इलेक्ट्रिक बाइक या ई-बाइक का आइडिया इसलिए खास था, क्योंकि अर्पित ने इसे ‘थर्मल मैनेजमेंट सिस्टम’ से लैस कर दिया. थर्मल सेंसर ई-बाइक में मौजूद मोटर, बैटरी, कनवर्टर और कंट्रोलर की पल-पल जांच करेगा

अभिषेक रॉय, रांची :

‘झारखंड स्टार्टअप यात्रा’ ने कई युवाओं को सपनों की उड़ान दी है. इसी के जरिये वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ निवासी अर्पित चौहान ने ई-बाइक का आइडिया पेश किया. ई-स्कूटी कंसेप्ट के बाद ई-बाइक का आइडिया लोगों को काफी भा रहा है. झारखंड स्टार्टअप यात्रा के पहले ही चरण में आइडिया को चयनित कर अटल बिहारी वाजपेयी इनोवेशन लैब (एबीवीआइएल) में शामिल कर लिया गया. हालांकि, अब तक अर्पित को झारखंड में राज्य सरकार की ओर से शुरू की गयी ‘स्टार्टअप पॉलिसी’ का लाभ नहीं मिल सका है. इसके बाद अर्पित ने ‘इर्की मोटर्स इंडिया प्रालि’ का रजिस्ट्रेशन कर अन्य मंच पर अपने आइडिया को पेश किया.

इलेक्ट्रिक बाइक या ई-बाइक का आइडिया इसलिए खास था, क्योंकि अर्पित ने इसे ‘थर्मल मैनेजमेंट सिस्टम’ से लैस कर दिया. थर्मल सेंसर ई-बाइक में मौजूद मोटर, बैटरी, कनवर्टर और कंट्रोलर की पल-पल जांच करेगा. साथ ही गाड़ी के तापमान को 35 से 36 डिग्री सेल्सियस तक बनाये रखने में मदद करेगा. किसी कारणवश अगर गाड़ी लगातार चलते हुए ओवरहीट हुई, तो सेंसर के सिग्नल से वह स्वत: बंद हो जायेगी.

इससे चालक खुद को सुरक्षित कर सकेंगे. ई-बाइक का प्रोटोटाइप पूरा करने के बाद अर्पित इसके वर्किंग मॉडल को लांच करने की तैयारी कर रहे हैं. अर्पित ने बताया कि रांची, गुजरात, ओडिशा, छत्तीसगढ़, यूपी व महाराष्ट्र में ई-बाइक को सितंबर में लांच करने की तैयारी चल रही है. इससे मल्टी मिलियन बिजनेस की उम्मीद है.

फाइनल इयर प्रोजेक्ट को स्टार्टअप में बदला :

एसीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग बेंगलुरु से मेकेनिकल इंजीनियरिंग (2018) करते हुए अर्पित ने ई-बाइक का कंसेप्ट तैयार कर लिया था. कंसेप्ट को कॉलेज के फाइनल इयर प्रोजेक्ट में पेश किया था. पासआउट होने के बाद अलग-अलग मंच पर अपने स्टार्टअप आइडिया को रख कर फंड जुटाने में जुट गये. इस कड़ी में ‘स्टूडेंट स्टार्टअप पॉलिसी, गुजरात’ से दो लाख रुपये का ग्रांट हासिल किया.

इसके अलावा डीआइसी जीटीयू से 2.5 लाख रुपये, वेलटेक टीवीआइ से छह लाख रुपये, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड से 20 लाख रुपये और स्टार्टअप सृजन से पांच लाख रुपये हासिल कर कंपनी के लिए पूंजी तैयार की. साथ ही ई-बाइक के कंसेप्ट को वर्किंग मॉडल में बदलने में जुट गये. इसमें दोस्त सह कंपनी के को-फाउंडर मुलचंद दुबे, हीरामणी दुबे और यज्ञदत्त आचार्य ने सहयोग किया.

शार्क टैंक में बनायी जगह :

अर्पित अपने आइडिया को मूर्तरूप देने के लिए ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज अहमदाबाद से जुड़े. जहां एमबीए इन इनोवेशन, इंटरप्रेन्योरशिप एंड वेंचर डेवलपमेंट किया. इससे स्टार्टअप से जुड़ी जरूरी जानकारी हासिल हुई. 2022 में कोर्स के साथ कंपनी को बतौर वेंचर के रूप में स्थापित कर लिया. इससे बीते वर्ष ‘शार्क टैंक इंडिया, सीजन-2’ के इंटरव्यू राउंड में भी चिह्नित किये गये थे. ई-बाइक के आइडिया को अब तक गुजरात आइहब, जीआइएससी, आइक्रिएट, वेलटेक टीवीआइ, बी-इन्क्यूब और 36 आइएनसी से इंक्यूबेशन मिल चुका है.

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