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जमेशदपुर में 32 लोग मिले डेंगू पॉजिटिव, मरीजों की संख्या पहुंची पर 294 पर

रविवार को मिले डेंगू पॉजिटिव में चाकुलिया के सात, टेल्को के छह, गोलमुरी के तीन, साकची, बारीडीह व बागबेड़ा में एक-एक व मानगो में आठ डेंगू के मरीज मिले है.

जिला सर्विलेंस विभाग ने 87 डेंगू के संदिग्ध मरीज का नमूना जांच के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेजा. जिसकी रविवार को रिपोर्ट आने पर उसमें 32 डेंगू पॉजिटिव पाये गये. इसमें 27 मरीज पूर्वी सिंहभूम का है बाकी पांच मरीज दूसरे जिले के है. अभी तक जिले में 294 डेंगू के मरीजों की संख्या पहुंच गयी है.

रविवार को मिले डेंगू पॉजिटिव में चाकुलिया के सात, टेल्को के छह, गोलमुरी के तीन, साकची, बारीडीह व बागबेड़ा में एक-एक व मानगो में आठ डेंगू के मरीज मिले है. इन सभी मरीजों का इलाज शहर के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने से शहर के प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में बेड तक नहीं मिल पा रही है. जिसके कारण मरीजों को कुर्सी, स्ट्रेचर पर लेटाकर इलाज किया जा रहा है.

जिले में 27 टीम कर रही काम. जिले में बढ़ रहे डेंगू के मरीजों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लोगों को जागरूक करने के साथ ही सर्च अभियान चलाया जा रहा है. इसको लेकर सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी ने बताया कि डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन, प्राइवेट संस्थाओं को मिलाकर कुल 27 टीम बनायी गयी है. टीम के सदस्यों द्वारा सभी जगहों पर एंटी लार्वा का छिड़काव करने के साथ लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसके साथ ही घरों में सर्च अभियान चलाया जा रहा है जहां डेंगू फैलाने वाले मच्छर के लार्वा मिल रहे है टीम के द्वारा उसको नष्ट किया जा रहा है.

एमजीएम : इमरजेंसी में नहीं मिला बेड, फर्श पर ही इलाज

जिले में तेजी से फैल रहे वायरल फीवर के कारण अस्पतालों में बेड की कमी हो गयी है. कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में सबसे ज्यादा बेड की कमी हो गयी है. अस्पताल के इमरजेंसी में सबसे ज्यादा मरीजों की संख्या होने के कारण हर समय वहां बेड की कमी बनी रहती है. 10 बेड के इस इमरजेंसी वार्ड में बरामदा को मिलाकर कुल 50 बेड लगाया गया है. इसके बाद भी मरीजों को बेड नहीं मिल रहा है.

इससे मरीज, डॉक्टर व कर्मचारी सभी को काफी परेशानी हो रही है. बेड के अभाव में मरीजों को कुर्सी, स्ट्रेचर व जमीन पर लिटा कर इलाज किया जा रहा है. अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन 1200 से ज्यादा मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. वहीं इमरजेंसी में प्रतिदिन 20 से 25 मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जाता है. इस कारण बेड की कमी हो गयी है. वहीं मरीजों को बेड नहीं मिलने पर उनके परिजनों द्वारा हंगामा किया जाता है, बेड नहीं होने के कारण उन लोगों को कहां से बेड दिया जा सकता है.

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