पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस पर कहा कि मैं छात्र राजनीति से आती हूं, यही मेरा सबसे बड़ा गौरव है. उन्होंने कहा, ‘दूध डिपो में काम करते हुए मैंने उस पैसे का इस्तेमाल छात्रों की जरूरतों के लिए किया. इस दौरान जादवपुर विश्वविद्यालय के नए अंतरिम कुलपति बुद्धदेव साउ पर कटाक्ष करते हुए बोली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा के लोगों को कुलपति बनाया गया है. उन्होंने राज्यपाल व आचार्य सी.वी आनंद बोस को चेतावनी के लहजे में कहा, ”यह मुगेर की धरती नहीं ?” बीजेपी ने प्रकोष्ठ अध्यक्ष को बनाया कुलपति. यह सब साजिश है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पूजा के बाद छात्र परिषद का चुनाव होगा. हालांकि इसके पहले ही गोली मारो का स्लोगन बंगाल में भी गूंजने लगा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग गोली मारो का स्लोगन दे रहे है मैंने पुलिस से कहा कि उन लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. विद्यार्थी परिषद का चुनाव शांतिपूर्वक होना चाहिए. यहां सीपीएम, कांग्रेस, बीजेपी का मुकाबला है. अगर गड़बड़ी करने की कोशिश की जायें तो पुलिस को सख्त कार्रवाई करने की जरुरत है.
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मुख्यमंत्री का कहना है कि शाहीन बाग का विवादित नारा जादवपुर में भी लौट आया है. जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र की मौत के मामले में भाजपा युवा मोर्चा ने हाल ही में ‘जादवपुर बचाओ’ के आह्वान के साथ गोलपार्क से आठ बी तक रैली निकाली. इसी मुद्दे पर आरएसएस के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने रैली निकालने की पहल की और उसी जुलूस से विवादास्पद नारा निकला, ‘गोली मारो’. 1920 के दशक में बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर शाहीन बाग में ये नारा लगवाकर बड़े विवाद में आ गए थे.
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तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस के मौके पर आज मेयो रोड पर रैली से ममता बनर्जी ने सीधे राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा राज्यपाल को कोई भी फैसला लेने से पहले किसी से पूछने की जरूरत महसूस नहीं होती है. वह किसी भी नियम का पालन नहीं करते हैं. मैं उनकी कुर्सी का सम्मान करती हूं. लेकिन एक व्यक्ति के रूप में उनकी गतिविधियों के प्रति मेरे मन में कोई सम्मान नहीं है. वह संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं. हर जगह विश्वविद्यालयों में अशांति के लिये राज्यपाल जिम्मेदार है.
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इसके बाद ममता ने सीधे राज्यपाल पर हमला बोलते हुए कहा कि आप जो चाहें करिए याद रखें हम आपके क्षेत्र में नहीं जा रहे हैं. कृपया हमारे क्षेत्र तक पहुंचने का प्रयास न करें. याद रखें कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री एक नहीं होते. राज्यपाल मनोनीत होता है, मुख्यमंत्री जनता द्वारा चुना जाता है. इसलिए इस चुनी हुई सरकार के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश मत कीजिए.
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