पटना. राज्य भर की सभी शहरी और ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं की जिम्मेदारी अक्तूबर तक पीएचइडी को मिल जायेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा-निर्देश के बाद पंचायती राज विभाग की 65,355 योजनाओं को पीएचइडी को देने को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गयी है. वहीं, अगले माह इसको लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पीएचइडी, पंचायती राज विभाग और नगर विकास एवं आवास विभाग की बैठक होगी, जिसके बाद नगर विकास की जलापूर्ति योजनाओं के हस्तारंतरण की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी और बिहार में सिर्फ पीएचइडी जलापूर्ति योजना के मेंटेनेंस एवं योजना को लगाने का काम करेगी.
पीएचइडी बढ़ायेगा संख्याबल, पदों के सृजन में जुटा विभाग
पीएचइडी के पास पहले से स्वीकृत पद के मुताबिक संख्याबल कम थी. वहीं, दो नये विभागों का काम बढ़ने के बाद विभाग ने पद सृजन को लेकर काम करना शुरू किया है, ताकि जलापूर्ति के मेेंटेनेंस व नये योजनाओं को लगाने में दिक्कत नहीं होगी. पीएचइडी के मुताबिक सहायक अभियंता के लगभग 1000 और कनीय अभियंता 1500 पद हो जाने पर योजना की निगरानी बेहतर ढंग से हो पायेगी. वहीं, नये पदों के सृजन में नलकूप सह प्लंबरिंग 3000,कार्य निरीक्षक 1776,इलेक्ट्रीशियन सह मेकेनिक 700, हेल्पर 4363 एवं परिचारी 400 पदों का सृजन करने को लेकर विभागीय बैठक हुई है.
11 सौ से अधिक नये टोलों में पहुंचेगा योजना
राज्य भर में सर्वे में पाया गया है कि लगभग 11 सौ से अधिक नये टोलों में योजना पहुंचाने के लिए काम करना होगा. रिपोर्ट के बाद संबंधित जिलों को निर्देश दिया गया है, ताकि इन टोलों में हर घर नल का जल जल्द पहुंच सकें. वहीं, छूटे घरों की पहचान करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है, ताकि सभी छूटे घरों को योजना से जोड़ा जा सकें.
70 प्रतिशत पंचायती राज की योजना हस्तांतरित
पीएचइडी के मुताबिक पंचायती राज विभाग की 70 प्रतिशत योजनाओं का हस्तांतरण हो गया है. बाकी योजनाओं के हस्तांतरण का काम स्थल निरीक्षण के बाद होगा. इसको लेकर जिलों को निर्देश दिया गया है. साथ ही , योजना के हस्तांतरण में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.