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बिहार इओयू की मदद से झारखंड सीआइडी ने पकड़े दो साइबर ठग, पटना से कनेक्शन होने की भी जांच कर रही पुलिस

यह गिरोह यूट्यूब पर वीडियो लाइक करने पर मुनाफ मिलने का झांसा देता है और ठगी कर लेते हैं. पकड़े गये साइबर बदमाशों में अररिया जिला निवासी जीतेंद्र कुमार और भागलपुर के सन्हौला थाना क्षेत्र के मंदिर टोला निवासी हर्षवर्धन चौबे शामिल हैं.

पटना. ऑनलाइन जॉब के नाम पर ठगी करने वाले साइबर ठगों के गिरोह के दो सदस्यों को इओयू की टीम की मदद से रांची की सीआइडी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. यह गिरोह यूट्यूब पर वीडियो लाइक करने पर मुनाफ मिलने का झांसा देता है और ठगी कर लेते हैं. पकड़े गये साइबर बदमाशों में अररिया जिला निवासी जीतेंद्र कुमार और भागलपुर के सन्हौला थाना क्षेत्र के मंदिर टोला निवासी हर्षवर्धन चौबे शामिल हैं.

बिहार पुलिस को भी थी गिरोह के सदस्यों की तलाश

ऑनलाइन जॉब देने के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह के इन सदस्यों को रांची सीआइडी की टीम ने काफी समय बाद गिरफ्तार किया है. इस गिरोह के सदस्यों की तलाश बिहार पुलिस को भी है. अभी तो जानकारी सामने आयी है, इस गिरोह ने पटना के दर्जनों लोगों से लाखों की ठगी की है और अलग-अलग थानों में मामले दर्ज हैं. इसके अलावा झारखंड, यूपी, पश्चिम बंगाल के लोगों से भी ठगी की है. पकड़े गये इन दोनों से पटना पुलिस भी पूछताछ कर सकती है.

इन मामलों में रांची पुलिस ने किया अनुसंधान और गिरोह के सदस्यों को पकड़ा

साइबर ठगी करने वाले गिरोह ने रांची के डॉक्टर विनय कुमार मिश्रा और अधिवक्ता शिल्पी सिंह से 1.04 करोड़ की ठगी ऑनलाइन जॉब देने के मामले में की थी. इन दोनों के अलावा अन्य से हुई ठगी की 10.50 करोड़ रुपये की रकम जीतेंद्र के खाता में गयी और वहां से दूसरे खाते में स्थानांतरित कर दिये गये. बताया जाता है कि पांच जुलाई को शिल्पी सिंह से 84.32 लाख की ठगी की और 19 जुलाई को डा. विनय मिश्रा से 20.40 लाख की ठगी की घटना हुई. दोनों का मामला रांची के साइबर थाना में दर्ज किया गया.

ऑनलाइन जॉब देने के नाम पर ठगी

बताया जाता है कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस को यह जानकारी मिली कि शिल्पी सिंह की रकम का 11 लाख रुपया जीतेंद्र के खाता में आया है. जबकि विनय मिश्रा से ठगी हुई चार लाख की रकम हर्षबर्धन के खाता में आयी है. इन दोनों के खाते में पटना से ठगी गयी रकम भी आयी है. किन-किन जगहों से इन दोनों के खाते में रकम आयी है, इस संबंध में रांची सीआइडी की टीम भी जांच कर रही है. इसके बाद इन दोनों की तलाश शुरू हुई तो पता चला कि ऑनलाइन जॉब देने के नाम पर ठगी का धंधा बिहार से संचालित हो रहा है.

रांची सीआइडी की टीम ने इओयू से किया संपर्क

इस जानकारी के बाद रांची सीआइडी की टीम ने इओयू से संपर्क किया और फिर दो अलग-अलग जिलों जीतेंद्र और हर्षवर्धन की गिरफ्तारी हुई. जीतेंद्र दिल्ली में रह कर पैथोलैब चलाता था और हर्षवर्धन मार्केटिंग से जुड़ा था. लेकिन बाद में साइबर ठगी के धंधे से जुड़ गया. इन दोनों से पूछताछ में यह जानकारी भी मिली कि गिरोह का सरगना सिवान का है. इसके अलावा कई अन्य सदस्य नालंदा व नवादा के हैं. सूत्रों का कहना है कि रांची सीआइडी की टीम भी जल्द ही पटना, सिवान, नालंदा व नवादा में इओयू की मदद से छापेमारी करेगी.

कैसे करते हैं खेल

यह ग्रुप पहले किसी को मैसेज कर उन्हें ऑनलाइन जॉब देने का झांसा देता है और फिर उसे टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ दिया जाता है. इसके बाद युट्युब वीडियो लाइक करने का टास्क दिया जाता है. पहले तो लाभ दिया जाता है और उसके बाद ज्यादा रकम कमाने के लिए निवेश करने का ऑफर दिया जाता है. इसके बाद लोग फंस जाते हैं और पैसा उनके खाते में डालते जाते हैं. गर्दनीबाग के एक युवक का यह गिरोह 22 लाख रुपया की ठगी कर चुका है. केवल पटना में वर्ष 2023 में इस गिरोह ने पांच करोड़ से अधिक की राशि ऑनलाइन जॉब देने के नाम पर की है.

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